एक बार फिर से पाकिस्तान का झूठ सबके सामने आ गया है. पाकिस्तानी सेना की वेबसाइट ने 24 मई को ये दावा किया था कि LoC के दौरे के वक़्त यूनाइटेड नेशन्स के दो अधिकारियों को ले जा रही गाड़ी पर भारतीय सेना ने हमला कर दिया था. पाकिस्तान ने ये भी कहा था कि भारत लगातार युद्धविराम का उल्लंघन कर रहा है. पाकिस्तानी सेना के इस बयान को खारिज करते हुए यूनाइटेड नेशन्स के प्रवक्ता Stephane Dujarric ने बताया कि ऐसा कोई वाकया नहीं हुआ है और न ही उन्हें हमले के कोई सबूत मिले हैं. हां, उनके अधिकारियों ने गोली की आवाज़ ज़रुर सुनी थी, लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

Dujarric के इस बयान के बाद वैश्विक स्तर पर फिर से पाकिस्तान की किरकिरी हो गई है. ये पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है. आजादी के बाद से ऐसे कई मौके आए, जब पाकिस्तान को भारत के सामने घुटने टेकने पड़े.

1. भारत-पाक युद्ध (1965)- अपनी ही ग़लतियों से हारा पाकिस्तान

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1962 में चीन से जंग हारने के बाद भारत ऐसी हालत में नहीं था कि वो कोई और युद्ध लड़ सके. इसी बात का फ़ायदा उठा कर पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर कश्मीर को हथियाना चाहा, लेकिन उसे ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि भारत इतने ख़तरनाक ढंग से पलटवार करेगा. भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान के हाथ पैर फूलने लगे और उसे कश्मीर का राग अलापना छोड़ना पड़ा. अपनी ही की गई गलतियों की वजह से इस युद्ध में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था.

2. भारत-पाक युद्ध (1971)- बांग्लादेश को पाकिस्तान से आज़ाद कराया

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यह दूसरा मौका था, जब पाकिस्तान को भारत के सामने घुटने टेकने पड़े. बांग्लादेश (उस वक़्त पूर्वी पाकिस्तान) पर पाकिस्तानी सेना के ज़ुल्म को भारत बर्दाश्त न कर सका. भारत ने बांग्लादेश के इस संघर्ष में उसका साथ दिया और केवल 13 दिनों में पाकिस्तान को हरा बांग्लादेश को आज़ाद करा दिया.

3. ऑपरेशन मेघदूत (1984)- पाक को खदेड़ सियाचिन पर किया कब्ज़ा

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शह और मात के इस खेल में एक बार फिर भारत ने पाकिस्तान को पटखनी दी. पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा था. 1972 में हुए ‘शिमला समझौते’ का उल्लंघन करते हुए वो सियाचिन पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रहा था. पाकिस्तान 17 अप्रैल 1984 को सियाचिन को हथियाने का प्रयास करने वाला था, लेकिन भारत ने तीन दिन पहले ही ‘ऑपरेशन मेघदूत’ शुरू कर पाकिस्तान को हैरत में डाल दिया. जब पाकिस्तानी सेना सियाचिन पहुंची, तो पहले से ही भारतीय सेना सियाचिन पर कब्ज़ा कर चुकी थी. भारतीय जांबाज़ों ने ज़बरदस्त मुकाबले के बाद पाकिस्तानी सेना को वहां से खदेड़ दिया.

4. कारगिल युद्ध (1999)- पाकिस्तान को बताई उसकी औकात

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पाकिस्तान सियाचिन में मिली हार सह नहीं पा रहा था. वह लगातार कोशिशें कर रहा था कि सियाचिन को अपने कब्ज़ें में कर ले. इसीलिए उसे लगा कि कारगिल पर हमला करने से भारत की सप्लाई लाईन कट जाएगी और वो सियाचिन से हमारी फ़ौज को हटा देगा, लेकिन यहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी. दो महीनों से ज़्यादा चले इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को मार भगाया.

5. अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट ने पाकिस्तान की अपील ख़ारिज की (1999)

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1999 में पाकिस्तान को अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट में करारी शिकस्त मिली थी. दरअसल, 10 अगस्त 1999 को एक पाकिस्तानी विमान भारत में घुस आया था, जिसे हमारी वायुसेना ने मार गिराया. इस पर पाकिस्तान ने अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट में ये दावा किया था कि भारत ने उसके वायुक्षेत्र में इस विमान को मार गिराया. उसने इस नुकसान के एवज में छह करोड़ डॉलर के मुआवज़े की मांग की थी. कोर्ट ने पाकिस्तान के इस दावे को खारिज करते हुए कहा था कि यह उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है, इसलिए वह इस पर दखल नहीं देगा.

6. क्रिकेट वर्ल्ड कप में कभी इंडिया से नहीं जीत पायी पाकिस्तानी टीम

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जब-जब वर्ल्ड कप में पाकिस्तान का सामना इंडिया से हुआ है, उसे हार का ही सामना करना पड़ा है. ऐसा कभी भी नहीं हुआ, जब पाकिस्तान वर्ल्ड कप के किसी मैच में भारत को हरा पाया हो, चाहे वो एकदिवसीय मैच रहा हो या फिर T-20. भारत की महिला क्रिकेट टीम ने भी पाकिस्तान को 2016 में एशिया कप के T-20 फ़ाइनल में करारी शिकस्त दी थी.

7. Blind T-20 वर्ल्ड कप में दी पाकिस्तान को पटख़नी (2017)

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वर्ल्ड कप में क्रिकेट का कोई फ़ॉर्मेट हो, पाकिस्तान न कभी भारत से जीत पाया और न ही कभी उसके जीतने की उम्मीद लगती है. 12 फरवरी 2017 को हुए Blind T-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 9 विकेट से हरा दूसरी बार वर्ल्ड कप जीता. हमेशा की तरह इस बार भी पाकिस्तान को निराश होना पड़ा.

8. सर्जिकल स्ट्राइक (2016)- पाकिस्तान का सच आया सामने

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पठानकोट, उरी और पुंछ में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए मई 2016 में भारतीय सेना ने PoK में सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकियों को मार गिराया और उनके लॉन्च पैड को हमेशा के लिए तहस-नहस कर दिया. भारत के इस कदम से पाकिस्तान का ये सच सबके सामने आ गया कि वो आतंकियों को शह देता है.

9. बलूचिस्तान मुद्दा (2016)- भारत का झंडा पाकिस्तान में लहराया

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बार-बार कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान को जवाब देते हुए जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने भाषण में बलूचिस्तान का ज़िक्र किया, तो पाकिस्तान घबरा गया. उसे एकदम अंदेशा नहीं था कि भारत की नज़र गिलगित और बलूचिस्तान पर भी है. प्रधानमंत्री के भाषण में बलूचिस्तान के लोगों को उम्मीद जगी है कि भारत उन्हें पाकिस्तान के ज़ुल्मों से बचाने में मदद करेगा. इसीलिए वहां के कुछ स्थानीय नेताओं ने जब हमारे प्रधानमंत्री की तारीफ़ की, तो पाकिस्तान सरकार तिलमिला उठी.

10. कुलभूषण जाधव मामला (2017)- एक बार फिर दुनिया के सामने पाक की हुई किरकिरी

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अभी हाल में ही पाकिस्तान की फिर से दुनिया भर में आलोचना हुई है. कुलभूषण जाधव मामले में अन्तर्राष्ट्रीय कोर्ट ने पाकिस्तान की ओर से दी गई दलीलों को खारिज कर भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है. जाधव को लेकर पाकिस्तान के किए गए दावे ग़लत साबित हो गए, जिससे कोर्ट ने जाधव की फांसी की सजा को रोक दिया है.

चाहे जंग का मैदान रहा हो या क्रिकेट का, पाकिस्तान हमेशा भारत के सामने औंधे मुंह ही गिरा है. आतंक को पालने वाले पाकिस्तान के पास अमन और शांति से रहने का अभी भी मौका है, अगर वो सुधरा नहीं, तो भारत से हमेशा उसे मात ही खानी पड़ेगी. पाकिस्तान को कश्मीर का मुद्दा छोड़कर पहले अपने यहां के लोगों की हालत सुधारनी चाहिए, ताकि वो लोग भी सुकून की ज़िंदगी जी सकें.