दुनिया के सबसे महान गणितज्ञ में से एक श्रीनिवास रामानुजन का आज ही के दिन जन्म हुआ था. अफ़सोस की बात ये है कि सन 1920 में मात्र 32 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा भी कह गए थे. लेकिन रामानुजन अपने पीछे पूरी दुनिया के लिए छोड़ गए गणित की कभी न ख़त्म होने वाली एक विरासत. जो लोग श्रीनिवास रामानुजन की ज़िन्दगी के बारे में ज़्यादा नहीं जानते हैं, वो साल 2015 में रिलीज़ हुई ब्रिटिश फ़िल्म ‘The Man Who Knew Infinity’ भी देख सकते हैं. 

फ़िल्म देखने का वक़्त मिले या न मिले. लेकिन श्रीनिवास रामानुजन के बारे में जानने के लिए ये 11 बातें ज़रूर पढ़ें.

1. श्रीनिवास रामानुजन का जन्म सन 1887 में तमिलनाडु के इरोड में एक बेहद गरीब परिवार में हुआ था. उनके पिता एक कपड़ा व्यापारी के यहां क्लर्क का काम करते थे, जबकि उनकी मां ग्रहणी थी जो स्थानीय मंदिर में भी भजन भी गाती थीं.

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2. रामानुजन के पैदा होने के बाद उनका परिवार कुंबाकोणम शिफ़्ट हो गया था. जिस घर में वो पले-बढ़े उसको अब श्रीनिवास रामानुजन अंतर्राष्ट्रीय स्मारक के रूप संरक्षित किया गया है.

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3. सन 1909, मात्र 19 साल की उम्र में रामानुजन का विवाह 9 साल की जानकी अम्माल से हो गया था.

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4. 13 साल की उम्र में ख़ुद की थ्योरम बनाने वाले रामानुजन ने मैथ्स की कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी. बावजूद इसके उन्हें उस समय का सबसे बड़ा गणितज्ञ मना जाता है. उनकी कई गणितीय खोज शुद्ध Intuition पर आधारित थीं. जिनको बाद में दुनियाभर के गणितज्ञों ने भी सही मना था.

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5. रामानुजन रॉयल सोसाइटी में फ़ैलो के रूप में शामिल होने वाले दूसरे भरतीय थे. ये दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों की एक फ़ैलोशिप है. रामानुजन सन 1918 में मात्र 31 साल की उम्र में इस Fellowship में शामिल हो गए थे. वो इस सोसाइटी में शामिल होने वाले इतिहास के सबसे कम उम्र के शख़्स हैं.

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6. रामानुजन जब पहली बार विदेश गए, तो उनके साथी गणितज्ञ G.H. HARDY ने रामानुजन के ठहरने के लिए सभी प्रकार की सुख़ सुविधाओं से भरा एक कमरा दिया.

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अगले दिन HARDY ने रामानुजन से पूछा कि उन्हें अपना कमरा पसंद आया की नहीं?

इस पर रामानुजन ने जवाब दिया, ‘ओह यस, कमरे में पेपर रखने वाली जगह बेहद शानदार थी. जिस पर मुझे गणित का अभ्यास करने में बहुत मजा आया.’

HARDY रामानुजन की ये बात सुनकर चकित थे कि रामानुजन को कमरे में पेपर रखने वाली जगह को छोड़कर और कुछ भी अच्छा नहीं लगा.

7. मात्र 32 साल की उम्र में रामानुजन ने गणित के तकरीबन 3900 के सफ़ल रिज़ल्ट दिए. आज दुनिया भर के गणितज्ञ उनके सभी Identities और Equations को सही मानते हैं. मैथ्स में 1729 को रामानुजन नंबर के नाम से जाना जाता है.

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8. अगर आप रामानुजन के जीवन के बारे में और जनना चाहते हैं, तो चेन्नई में उनकी याद में एक संग्रहालय भी बनाया गया है. यहां पर आप उनके घर, परिवार, रिश्तेदार और दोस्तों की कई तस्वीरें भी देख सकते हैं. पी.के श्रीनिवासन नाम के एक गणित के टीचर ने सालों मेहनत करके उनकी ये तस्वीरें इकठ्ठी की थीं.

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9. 22 दिसंबर, उनकी जयंती को हर साल राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है.

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10. घर का ख़र्च चलाने के लिए रामानुजन बचपन से ही ट्यूशन पढ़ाया करते थे, उनको 5 रुपये मिलते थे. जब वो ख़ुद 7वीं कक्षा में पढ़ते थे, तब वो बीए के स्टूडेंट्स को ट्यूशन पढ़ाया करते थे.

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11. रामानुजन अपने हर एक आईडिया को हरी स्याही से एक नोटबुक में लिखा करते थे. उनकी एक नोटबुक को ‘लॉस्ट बुक’ भी कहा जाता है. क्योंकि 1976 में Trinity College की लाइब्रेरी में गणितज्ञ George Andrews को उनकी एक नोट बुक मिली. जिसे उन्होंने बाद में एक बुक के तौर पर प्रकाशित भी किया था.

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रामानुजन ज़ीरो से कैसे मैथमैटिक्स के हीरो बने, उनकी ये कहानी सभी को प्रेरित करती है.