शिमला घूमने के लिए यूं तो बेहद ख़ूबसूरत जगह है, लेकिन शिमला के आस-पास भी बहुत सारी ख़ूबसूरत जगहें हैं, जो पर्यटकों को लुभाती हैं. प्रकृति ने अपने विराट कैनवास पर हिमाचल को सजाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.
शिमला से बाहर घूमने के लिए इन जगहों पर जाने का प्लान बनाया जा सकता है.
मनाली
मैदानी इलाकों की गर्मी से तंग आकर लोग, मनाली की ओर भागते हैं. यहां का मौसम हमेशा सर्द रहता है. मानसून जैसे ही शुरू होता है पूरी घाटी हरियाली की चादर ओढ़ लेती है.
मनाली शिमला से महज 265 किलोमीटर दूर है. अगर हवाई रास्ते से जाना हो, तो ये दूरी घटकर 128 किलोमीटर हो जाती है.
Wild Flower Hall
हिंदुस्तान-तिब्बत रोड पर स्थित Wild Flower Hall, शिमला से केवल 13 किलोमीटर दूर है.
2,498 किलोमीटर की ऊंचाई पर होने की वजह से, यहां बर्फ़बारी होती रहती है. फूलों और ख़ूबसूरत हरियाली से सजी ये जगह पर्यटकों को ख़ूब लुभाती है.
मशोबरा
मशोबरा, शिमला से मात्र 10 किलोमीटर दूर है. मशोबरा की उंचाई 7700 फ़ीट है. मशोबरा की ख़ूबसूरत पहाड़ियां, सलीके से सजाए गए पार्क, बागान, पत्थरों को काट कर बनाई गईं कुर्सियां पर्यटकों को लुभाने लिए काफ़ी हैं.
नालदेहरा
नालदेहरा, 6706 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है और शिमला से 25 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां भारत का सबसे पुराना गोल्फ़ सेंटर भी है. पर्यटकों के बीच, ये बेहतरीन पिकनिक स्पॉट के लिए जाना जाता है. घुड़सवारी के लिए भी ये जगह बहुत फ़ेमस है. बॉलीवुड की कई फ़िल्में यहां शूट की गई हैं.
तत्ता पानी
शिमला से 51 किलोमीटर दूर तत्ता पानी अपने गर्म झरनों के लिए बहुत प्रसिद्ध है. यहां झरनों के पानी में सल्फ़र की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है. मछली मारने और नहाने के लिए ये जगह पर्यटकों को बहुत रास आती है.
कुफ़री
शिमला से 22 किलोमीटर दूर कुफ़री हॉर्स राइडिंग, Bungee Jumping, Rope Climbing और Ziplining के लिए लोग यहां आते हैं.
फ़ागु
शिमला से 23 किलोमीटर दूर हिंदुस्तान-तिब्बत रोड पर स्थित फ़ागु हमेशा बर्फ़ से ढका रहता है. Trekking के लिए ये अच्छी जगह है.
नरकंडा
नरकंडा, शिमला से महज 66 किलोमीटर दूर है. यहां की सबसे ऊंची चोटी है हाटू पीक. इसकी उंचाई 9017 फ़ीट है. Trekking और स्कीइंग के लिए यहां पर्यटक आते रहते हैं. यहां की चोटियों से दूर-दूर तक पहाड़ी घास से ढके मैदान दिखाई देते हैं.
चैल
शिमला से 45 किलोमीटर दूर चैल एक ख़ूबसूरत हिल स्टेशन है. चैल की Wild Life Sanctuary वन्य जीवों के साथ-साथ वनस्पतियों के संरक्षण के लिए जानी जाती है. चैल का क्रिकेट और पोलो स्टेडियम, समुद्री तल से 2,444 मीटर की ऊंचाई पर है. ये दुनिया का सबसे अधिक ऊंचाई पर बना क्रिकेट मैदान है. यहां गुरुद्वारा, काली का टिब्बा, महाराजा महल भी देखने लायक जगहें हैं. Trekking के लिए चैल भी अच्छी जगह है.
सोलन
सोलन, शिमला से केवल 21 किलोमीटर दूर है. सोलन को मशरूम सिटी के नाम से जाना जाता है. यहां लोग शोलिनी देवी मंदिर, कृष्ण मंदिर और Mohan Shakti National Heritage Park देखने आते हैं. यहां का रेलवे स्टेशन दुनिया के सबसे ऊंचे Railway Stations में से एक है.
तीर्थन घाटी
शिमला से 75 किलोमीटर दूर तीर्थन घाटी है. यहां की तीर्थन नदी, पर्यटकों के बीच मछलियों के शिकार के लिए बहुत प्रसिद्ध है. जलोड़ी दर्रा और औट पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं. यहां की ख़ूबसूरत वादियां इस जगह को और ख़ास बनाती हैं.
कुल्लू
कुल्लू, शिमला से 223 किलोमीटर की दूरी पर है. कुल्लू की वादी और ख़ूबसूरती हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रही है.
सिल्वर वैली के नाम से मशहूर ये जगह केवल सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों के लिए ही नहीं, बल्कि एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भी जानी जाती है.
धर्मशाला
शिमला से 237 किलोमीटर की दूरी पर है धर्मशाला. यहां की ख़ूबसूरत वादियों ने अपने ऊपर अध्यात्म की चादर ओढ़ी है. दलाई लामा का निवास भी यहीं है. लोग इसे ‘छोटे ल्हासा’ के नाम से भी जानते हैं. ल्हासा तिब्बत की राजधानी है.
दलाई लामा और तिब्बती शरणार्थियों के रहने की वजह से भी धर्मशाला बहुत प्रसिद्ध है. यहां देश का सबसे खूबसूरत क्रिकेट स्टेडियम बना है, जो भारत में सबसे ऊंचाई पर बना अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम है. 2005 में बनकर तैयार हुए इस स्टेडियम में आईपीएल, टेस्ट व वन-डे मैच खेले गए हैं. इस स्टेडियम में 25,000 दर्शक बहुत आराम से बैठ सकते हैं.
मैक्लॉडगंज
शिमला से 240 किलोमीटर की दूरी पर बसा है मैक्लॉडगंज. मैक्लॉडगंज ने तिब्बत और बुद्ध को अपने भीतर रचा-बसा लिया है. शिवालिक पर्वतों पर बसी ये जगह, स्वर्ग से ज़रा भी कम नहीं है. बौद्ध मठों, ख़ूबसूरत वादियों और बेहतरीन मौसम को ओढ़े मैक्लोडगंज पर प्रकृति मेहरबान है. यहां भारी संख्या में पर्यटक योग, Trekking और अध्यात्म का मज़ा लेने आते हैं.
अगर आप शिमला गए हैं या शिमला में ही रहते हैं, तो इन जगहों पर आपको ज़रूर घूमना चाहिए. अब इस गर्मी में घर बैठे रहने से अच्छा है इन ख़ूबसूरत वादियों की सैर की जाए.