किसी भी देश की तरक्की देखनी है, तो ये देखिये कि वो देश अपनी महिलाओं, कमज़ोर वर्गों के साथ कैसे पेश आता है.’ये बात दुनिया भर के कई लीडर्स ने कही है और बार-बार इसीलिए कही है क्योंकि सिर्फ़ हथियार इकठ्ठा कर के एक देश शक्तिशाली तो बन सकता है, लेकिन बेहतर नहीं. बेहतर बनने के लिए उसे Examples Set करने होंगे. ये बातें भारत और उसके विकास पर भी लागू होती हैं.
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और हम ये गर्व से कह सकते हैं कि देश की किसी भी तरह की फ़ोर्स में महिलाओं के बढ़ते वर्चस्व ने एक सुनहरे कल की तैयारी शुरू कर दी है.
चलिए मिलते हैं ऐसी महिलाओं से जिन्होंने देश की अलग-अलग सेनाओं में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है:
1. प्रिया झिंगन
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चंडीगढ़ की रहने वाली प्रिया झिंगन पहली महिला आर्मी ऑफ़िसर हैं. प्रिया ने 1992 में आर्मी जॉइन की थी. इसके लिए उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में फ़र्स्ट लेडीज़ अवॉर्ड से सम्मानित किया था. दोस्तों के साथ बैठी प्रिया ने एक बार यूं ही कह दिया था कि बाकी लड़कियों की तरह वो आर्मी ऑफ़िसर से शादी नहीं करेंगी, बल्कि ख़ुद अफ़सर बनेंगी. उन्हें ये पता था कि आगे चल कर वो पहली महिला आर्मी अफ़सर बन जाएंगी.
2. अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहिना सिंह
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अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह, ये तीनों पहली महिला वायुसेना (Airforce) फ़ाइटर पायलट हैं. इन्हें हैदराबाद के बाहरी इलाके दुन्दिगल स्थित वायुसेना अकैडमी में सफ़ल प्रशिक्षण के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भारतीय वायु सेना में कमीशन दिया था.
3. शुभांगी स्वरूप
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शुभांगी स्वरूप भारतीय नौसेना (Navy) की पहली महिला पायलट हैं. यूपी के छोटे से कस्बे शाहजहांपुर की रहने वाली शुभांगी स्वरूप ने पहली महिला पायलट बनकर कभी न भुलाने वाला इतिहास रच दिया. ऐसा इंडियन नेवी में पहली बार हुआ जब किसी महिला को पायलट बनाया गया था. शुभांगी मेरीटाइम रिकानकायसन्स प्लेन उड़ाती हैं.
4. तनुश्री पारीक
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राजस्थान की रहने वाली तनुश्री पारीक सीमा सुरक्षा बल (BSF) के पांच दशक से ज्यादा के इतिहास में ‘कॉम्बेट ऑफिसर’ बनने वाली पहली महिला हैं. तनुश्री 2014 में बीएसएफ की पहली ‘महिला असिस्टेंट कमांडेंट’ बनी थीं.
5. अन्ना राजम मल्होत्रा
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अन्ना राजम मल्होत्रा आज़ादी के बाद देश की पहली महिला आईएएस ऑफिसर बनी थीं. इनका जन्म जुलाई 1927 में केरल के एर्नाकुलम ज़िले में अन्ना राजम जॉर्ज के रूप में हुआ था. ये मलयालम लेखक पाएलो पॉल की पोती थी. अन्ना राजम मल्होत्रा का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया.
6. किरन बेदी
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किरन बेदी देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं.
7. पुनीता अरोड़ा
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लाहौर के पंजाबी परिवार में जन्मीं पुनीता अरोड़ा पहली महिला लेफ्टिनेंट जनरल और भारतीय नौसेना के पहले वाइस एडमिरल हैं. उन्हें भारतीय सशस्त्र बल के करियर में 36 साल में 15 पदक से सम्मानित किया जा चुका है. देश के बंटवारे के बाद से पुनीता और उनका परिवार उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रहता है.
8. पद्मावती बंदोपाध्याय
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आंध्रप्रदेश में जन्मी पद्मावती बंदोपाध्याय पहली महिला एयरफ़ोर्स ऑफ़िसर हैं जिन्हें एयर मार्शल का पद मिला था. पद्मावती पहली महिला डॉक्टर थीं, जिन्होंने इंडियन एयरफ़ोर्स जॉइन किया था. इतना ही नहीं, वो और उनके पति एस. एन. बंदोपाध्याय पहले ऐसे कपल थे जिन्हें स्पेशल सर्विस मेडल का अवॉर्ड एक साथ मिला था. बंदोपाध्याय, एविएशन मेडिकल स्पेशलिस्ट बनने वाली पहली भारतीय महिला ऑफ़िसर थी.
9. हरिता कौर देओल
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चंडीगढ़ के सिक्ख परिवार में जन्मीं हरिता कौर देओल पहली भारतीय महिला पायलट हैं. 22 साल की उम्र में पहली बार वो भी अकेले विमान उड़ाकर हरिता ने इतिहास रच दिया था.
10. दिव्या अजीत कुमार
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कप्तान दिव्या अजित कुमार भारतीय सेना की पहली महिला Army Air Defence (AAD) ऑफ़िसर हैं. ये पहली महिला कैडेट हैं, जिन्हें Sword of Honor से नवाज़ा गया था.
11. मिताली मधुमिता
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लेफ्टिनेंट कर्नल मिताली मधुमिता भारतीय सेना की पहली ऑफ़िसर हैं जिन्हें बहादुरी पुरस्कार से नवाज़ा गया है. मधुमिता को ये पुरस्कार 26 फरवरी, 2010 को अफ़गानिस्तान के क़ाबूल में आतंकवादियों द्वारा भारतीय दूतावास पर हुए हमले के दौरान साहसी और अनुकरणीय कदम के लिए इस ख़िताब से नवाज़ा गया था.
12. गुंजन सक्सेना और श्रीविद्या राजन
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फ्लाइट लैंफ्टिनेंट गुंजन सक्सेना और श्रीविद्या राजन वो नाम है जो इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में लिखा जा चुका है. ये दोनों पहली महिला फ़ाइटर पायलट हैं जिन्होंने पहले कारगिल युद्ध के दौरान दुश्मनों की गोलियों का सामना किया था और सरहद पर तैनात जवानों को समय-समय पर मदद भी पहंचाई थी. उनके इस साहसी और अदम्य साहस के लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाज़ा गया.
13. सोफ़िया क़ुरैशी
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सोफ़िया क़ुरैशी, आर्मी के ट्रेनिंग एक्सरसाइज ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ प्रोग्राम का नेतृत्व करने वाली पहली महिला इंडियन आर्मी ऑफ़िसर हैं. इस प्रोग्राम में इंडियन आर्मी के 40 सदस्यों के दल को लीड कर रही हैं. आपको बता दें कि नेतृत्व करने के साथ वे इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में काम करने वाली अकेली महिला अधिकारी भी हैं.
14. गेनेवी लालजी
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गेनेवी लालजी पहली महिला खूफ़िया अधिकारी यानि Aide-De-Camps (ADC) हैं. ये पोस्ट सहायक सैनिक अधिकारी की होती है. गेनेवी मध्य सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजन बक्शी की एडीसी (ADC) हैं.
15. दीपिका मिश्रा और संदीप सिंह
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महिला अधिकारी स्क्वॉड्रन दीपिका मिश्रा और महिला अभियंता अधिकारी फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट संदीप सिंह इंडियन एयरफ़ोर्स के मशहूर सारंग दल में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला हैं. आपको बता दें कि सांरग दुनिया की दूसरी और अंतिम मिलिट्री हेलिकॉप्टर डिस्प्ले टीम है.
16. शांति तिग्गा
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35 वर्षीय और दो बच्चों की मां शांति तिग्गा, इंडियन आर्मी की पहली महिला जवान थीं. जो 969 रेलवे इंजीनियर रेजीमेंट ऑफ़ टेरिटोरियल आर्मी में शामिल थीं. हालांकि महिलाओं को सशस्त्र बलों में केवल गैर-लड़ाकू इकाइयों में शामिल करने का प्रावधान है, लेकिन, तिग्गा, सभी शारीरिक परीक्षणों को बख़ूबी पार कर इस ख़िताब को हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला जवान थीं.
17. निवेदिता चौधरी
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निवेदिता चौधरी माउंट एवरेस्ट पर जाने वाली एयरफ़ोर्स की पहली महिला ऑफ़िसर हैं.
उनके टीम में एयरफ़ोर्स ऑफ़िसर स्क्वॉड्रन लीडर निरुपमा पांडे और फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट राजिका शर्मा भी थीं, जो 5 दिन बाद शिखर पर पहुंची थीं. साल 2013 में ये कीर्तिमान बनाने वाली निवेदिता राजस्थान की पहली महिला बनी थीं.
18. आईएनएस तारिणी की 6 महिला ऑफ़िसर्स
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इंडियन नेवी की 6 महिला ऑफ़िसर्स ने भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस तारिणी से आठ महीने और 11 दिनों में समुद्री रास्ते से पृथ्वी का चक्कर पूरा कर इतिहास रच दिया. ऐसा पहली बार हुआ था. इस पोत का नेत़ृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी कर रही थीं. ‘नविका सागर परिक्रमा’ मिशन को पूरा कर वापस लौटीं इन महिला ऑफ़िसर्स का स्वागत रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूरे गर्व से स्वागत किया था. इस सफ़र में टीम ने 21600 नॉटिकल मील की यात्रा की. टीम में वर्तिका के साथ लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, स्वाति पी, लेफ्टिनेंट ऐश्वर्या बोड्डापति, एस विजया देवी और पायल गुप्ता शामिल थीं. आईएनएस तारिणी पर सवार इस टीम ने पांच देशों, 4 महाद्वीपों, तीन महासागर और तीन अंतरीपों (केप्स) के साथ-साथ भूमध्य रेखा को भी दो बार पार किया था.
19. अंजना भदौरिया
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अंजना सिंह भदौरिया इंडियन आर्मी में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं. सेना के लिए उन्होंने 10 सालों तक काम किया. इस दौरान उनका सर्विस नंबर 00001 रहा और उन्हें सेना का गोल्ड मेडल पाने वाली पहली महिला होने का गौरव भी मिला. आपको बता दें कि अंजना ने माइक्रोबायोलॉजी में मास्टर्स की डिग्री लेने के बाद उन्होंने चंडीगढ़ स्थित एक Pharmaceutical कंपनी में काम भी किया था.
20. प्रिया सेमवाल
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भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार किसी शहीद की पत्नी ने आर्मी जॉइन की थी. ऐसा करने वाली प्रिया सेमवाल पहली महिला थीं. आपको बता दें कि 20 जून 2012 को अरुणाचल प्रदेश में सेना के ऑपरेशन ऑर्किड के दौरान उनके पति नायक अमित शर्मा शहीद हो गए थे. उनके शहीद होने के बाद हौसला दिखाते हुए प्रिया ने सेना में जाने का फैसला लिया और 15 मार्च 2014 को प्रिया ऑफ़िसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) चेन्नई से बतौर Lieutenant पासआउट हुईं.
अपने लिए कठिन परिस्थितियों में मुक़ाम बनाने वाली ये महिलाएं आज के समय में दुर्गा और काली का दूसरा रूप हैं. इनकी मेहनत और लगन को नमन.