भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं रहे. बीती शाम को उन्होंने एम्स में अंतिम सांस ली. इसी के साथ ही देश ने भाषा, विचार और संस्कृतियों के भेद को न मानने वाले राजनेता खो दिया. भारत सरकार ने उनके निधन पर 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक का एलान किया है. भले ही वो हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनकी यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी.
और साथ ही दिल में कैद रहेंगी इन महत्वपूर्ण मौकों पर उनकी तस्वीरें:
अटल बिहारी वाजपेयी चार राज्यों से सांसद चुने गए थे. यूपी, दिल्ली, एमपी और गुजरात.
2001 में उन्होंने बच्चों के लिए मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा का कानून बनाया था.
वाजपेयी जी और उनके पिता ने लॉ की पढ़ाई के लिए एक साथ कॉलेज में दाखिला लिया था.
पत्रकार, राजनेता और कवि होने के साथ ही 11 भाषाओं के जानकार थे अटल जी.
अटल जी को 1992 में पद्मविभूषण और साल 2015 में भारत रत्न के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
वो पहले गै़र कांग्रेसी पीएम थे, जिन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया था.
उनके कार्यकाल में सरकार ने सुशासन या गुड गवर्नेंस का नारा दिया था.
भारत छोड़ो आंदोलन में अटल जी.
1975-1977 के आपातकाल में उन्हें गिरफ़्तार कर कैद कर लिया गया था.
अटल जी 1977 में मोराजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री बने थे.
1996 में वो पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तब उनकी सरकार का कार्यकाल मात्र 13 दिन का था.
बीजू जनता दल के लीडर और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के साथ अटल जी.
गुजरात में हुए गोधरा कांड के बाद लोगों को सांत्वना देने पहुंचे अटल जी.
अटल जी संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देने वाले पहले व्यक्ति थे.
2015 में बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने अटल जी के मोम के पुतले का उद्घाटन किया था.
1996 में पीएम पद के लिए शपथ लेते अटल बिहारी वाजपेयी जी.
अटल जी के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लेतीं स्वर कोकिला लता मंगेशकर.
नीदरलैंड के पीएम Wimkok और उनकी पत्नी के साथ अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रपति भवन में.
सोनिया गांधी और अटल बिहारी जी 50वें स्वतंत्रता दिवस के एक कार्यक्रम में बात करते हुए.
शिवसेना लीडर बाल ठाकरे और आडवाणी के साथ अटल.
अटल से मिलते पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह.
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ से मिलते अटल जी.
पोखरण-2 परमाणु परीक्षण के बाद स्थिति का जायज़ा लेने पहुंचे अटल.
अटल आप याद आते रहेंगे, आप जैसी शख़्सियत को भुला पाना नामुमकिन है.