8 नवम्बर 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जैसे ही नोटबंदी की घोषणा की, आलोचकों और विशेषज्ञों ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया. हालांकि जनता का ख़्याल रखते हुए समय-समय पर सरकार नए फ़ैसले लेती रही. 5 राज्यों में हुए चुनावों के दौरान भी कई राजनीतिक पार्टियां इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश करती रही, पर परिणाम बिलकुल उनकी सोच के विपरीत निकले.

