दोस्तों, आज हम बात करेंगे सफ़ाई की और आपको बताएंगे कुछ ऐसी बातें जिनको सुनकर आप कई चीज़ों का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे. जी हां, वैसे एक बात तो सब मानते हैं कि साफ़-सुथरा घर हर किसी को पसंद होता है और घर को साफ़ रखने के लिए हम कई तरह के नुस्खे अपनाते हैं, ताकि घर की हर चीज़ एकदम साफ़ हो और धूल का नामो-निशान न हो घर में. लेकिन चाहे कितनी ही कोशिश कर लो ये जो जर्म्स होते हैं, वो रह ही जाते हैं. जी हां, और आज हम आपको यही बताने वाले हैं कि घर में टॉयलेट सीट के अलावा भी कई कोने और जगहें होती हैं, जहां टॉयलेट सीट से ज़्यादा जर्म्स मौजूद होते हैं.

तो चलिए जानते हैं कि ऐसी कौन सी जगहें होती हैं घर की जहां साफ़-सफाई करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ते पर फिर भी जर्म्स रह ही जाते हैं. साथ ही जानेंगे कि उनको कैसे कीटाणु मुक्त बनायें.

1. कटिंग बोर्ड

ehowcdn

यूनिवर्सिटी ऑफ़ एरिज़ोना के रिसर्चर्स ने एक रिसर्च से ये निष्कर्ष निकाला कि टॉयलेट सीट की तुलना में कटिंग बोर्ड में औसतन 200 गुना अधिक फ़ेकल (मल) बैक्टीरिया (Fecal Bacteria) पाया जाता है. इसकी मुख्य वजह है कच्चा मांस, क्योंकि कई तरह के फ़ेकल बैक्टीरिया जानवरों के आंतरिक अंगों में पैदा होते हैं. तो आपने जो आखिरी पीस चिकन का काटा था. उसका छोटा सा कण भी अगर आपके चाकू और चॉपिंग बोर्ड में रह गया, तो उसपर इन रोगाणुओं को पनपने में देर नहीं लगती. इस जगह पर ये आसानी से पैदा हो जाते हैं.

कैसे करें साफ़: प्लास्टिक के चॉपिंग बोर्ड को साफ़ करने के लिए लिक्वीड डिटर्जेंट और पानी का इस्तेमाल करें. उसके बाद 2 छोटा चम्मच ब्लीच और 1 गैलन पानी को मिलायें और इस मिश्रण में बोर्ड को कुछ देर के लिए डुबो दें. धयान रखें कि पूरी रात के लिए बोर्ड को इस मिश्रण में न भिगोएं. लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड के लिए भी इसी तरीके को अपनाएं, पर इसके मिश्रण में 2 बड़ा चम्मच ब्लीच डालें, पर पूरी रात के लिए लकड़ी के चॉपिंग बोर्ड को इसमें न भिगोएं. ऐसे ही और भी कई किचन आइटम्स हैं, जिनकी सफ़ाई पर अक्सर लोग ध्यान नहीं देते हैं.

2. डॉग के खाने का बर्तन (Kibble Dish)

foxnews

घर के सबसे गन्दी चीज़ों में से एक आपके पालतू जानवर के खाने का बर्तन (Kibble Dish) हो सकता है. अगर आपका डॉग टॉयलेट सीट को चाटता है, तो एक बार में उसके मुंह पर 295 बैक्टीरिया प्रति स्क्वायर इंच के हिसाब से चिपकते हैं. लेकिन अगर वो अपने खाने के बर्तन को चाटता है, तो वो 2,110 प्रति वर्ग इंच बैक्टीरिया ग्रहण करता है. अब सोचने वाली बात ये है कि क्या डॉग केवल एक इंच ही चाटता है.

कैसे करें साफ़: अगर आप अपने डॉग को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो हर बार खाने के बाद उसके बर्तन को गर्म पानी और साबुन से साफ़ करें. इसके अलावा आप बेकिंग सोडा, गर्म पानी और नमक को बराबर मात्रा में मिलाकर बर्तन की अंदर की सतह को पानी से धोने से पहले स्क्रब करें. और अगर आप सफ़ाई का ध्यान नहीं रखेंगे, तो ये बैक्टीरिया लगातार बढ़ते जाएंगे.

3. वॉशिंग मशीन में रखे अंडरवियर

momlovesbest

वॉशिंग मशीन में गंदे कपड़ों के साथ रखे अंडरवियर में डायरिया फैलाने वाले 10 करोड़ E. Coli बैक्टीरिया इकट्ठे हो जाते हैं. और इनकी संख्या मशीन के कोनों में बढ़ती जाती है और ये दूसरे कपड़ों में भी स्थानांतरित हो जाते हैं. और अगर आपकी फूली ऑटोमेटिक मशीन फ़्रंट लोडिंग है, तो ये और भी खतरनाक है क्योंकि इसमें पानी नीचे की तरफ इकठ्ठा हो जाता है और नमी बनाता है, जिसमें ये बैक्टीरिया और भी तेज़ी से बढ़ते हैं.

कैसे करें साफ़: वाशिंग मशीन को महीने में एक बार तो ब्लीच से ज़रूर साफ़ करें. इसके लिए 2 कप ब्लीच को डिटर्जेंट कम्पार्टमेंट में डालें और सूखने से पहल मशीन को हॉटेस्ट साइकिल में चलाएं. उसके बाद मशीन का डोर खुला छोड़ दें. बैक्टीरिया को पैदा होने से रोकने के लिए अपने अंडरवियर्स को अलग ही धोएं वो भी गरम पानी से.

4. स्मार्टफ़ोन और टेबलेट

financialtribune

2013 में ब्रिटिश रिसर्चर्स ने 30 टेबलेट्स, 30 स्मार्टफ़ोन्स और एक टॉयलेट सीट को कॉटन के टुकड़ों से साफ़ किया. इस स्टडी में उन्होने पाया कि एक टेबलेट पर एक बार कॉटन से साफ़ करने पर उसपर 600 यूनिट Staphylococcus (जिसे स्टैफ़ भी कहा जाता है, और जो पेट की गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है) पाया गया. वहीं फ़ोन पर ये संख्या 140 यूनिट थी. और हैरानी की बात देखिये कि इस रिसर्च में एक टॉयलेट सेट पर सबसे कम 20 यूनिट बैक्टीरिया पाए गए थे. पर आजकल ज़्यादातर लोग अपने समर्टफोन्स को टॉयलेट में भी लेकर जाते हैं.

कैसे करें साफ़: इसको साफ़ करने के लिए फ़ोन की स्क्रीन को स्क्रीन वाइप्स या फिर एक नम, मुलायम कपड़े से साफ़ करें. लेकिन इसका सबसे सटीक उपाए ये है कि टॉयलेट जाने से पहले फ़ोन को बाहर ही रख दें.

5. कार्पेट

rd

आपको बता दें कि बैक्टीरिया को मृत त्वचा कोशिकाओं को खाने बहुत पसंद होता है. अब आप सोचेंगे कि हम आपको ये क्यों बता रहे हैं, तो इसका जवाब ये है कि हमारी डाइनिंग टेबल, कार्पेट आदि के प्रति स्क्वायर वर्ग इंच पर करीब 200,000 बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो टॉयलेट सीट पर होने वाले बैक्टीरिया से 700 गुना ज़्यादा हैं. ये बैक्टीरिया खाने के सूक्ष्म पार्टिकल्स और हमारे शरीर से झड़ने वाली अति सूक्ष्म पार्टिकल्स पर इकट्ठे होते हैं.

कैसे करें साफ़: चूंकि आपका वैक्यूम क्लीनर कालीन की निचली सतह तक नहीं पहुंच जाता है, इसलिए साल में कम से कम एक बार डीप क्लीनिंग के लिए किसी कंपनी से कार्पेट की सफ़ाई ज़रूर कराएं.

6. किचन और बाथरूम के नल

rd

आपके बाथरूम के वाशबेसिन के नल पर टॉयलेट सीट पर मौजूद बैक्टीरिया से 21 गुना ज़्यादा बैक्टीरिया इकट्ठे होते हैं. वहीं किचन के नल पर मौजूद बैक्टीरिया की संख्या टॉयलेट सीट के बैक्टीरिया से 44 गुना ज़्यादा होती है.

कैसे करें साफ़: रोज़ अपने घर के नलों को कीटाणुरहित करना और नियमित रूप से साफ़ करना चाहिए. इसके साथ ही बेसिन और सिंक को साफ़ रखना भी बेहद ज़रूरी है. केवल उसमें हाथ धोने से ही आप सफ़ाई नहीं रहेगी.

7. आपका कंप्यूटर की-बोर्ड

freepik

ऑफ़िस में लंच करते हुए कंप्यूटर के कीबोर्ड को छूना और काम करना स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. एक शोध के दौरान जब ब्रिटिश रिसर्चर्स ने लन्दन में एक ऑफिस के 33 लैपटॉप्स को कॉटन से साफ़ किया तो पता चला कि कीबोर्ड पर टॉयलेट सीट से 5 गुना ज़्यादा कीटाणु होते हैं.

कैसे करें साफ़: खाना खाने के बाद हाथ धो लेना और उस जगह को साफ़ कर देना ही काफ़ी नहीं है. इसको ठीक से साफ़ करने के लिए किसी अच्छे ब्रश और लिक्वीड क्लीनर का इस्तेमाल करना चाहिए.

8. आपका हैंडबैग

fustany

रिसर्चर्स ने जब एक ऑफ़िस की कर्मचारियों के 25 हैंडबैग्स पर शोध किया, तो स्टडी से पता चला कि ऑफ़िस टॉयलेट सीट से 3 गुना ज़्यादा गंदे वो हैंडबैग्स थे. जो हैंडबैग्स रोज़ाना यूज़ हो रहे थे, वो 10 गुना ज़्यादा गंदे थे. इन हैंडबैग्स के हैंडल्स पर सबसे ज़्यादा बैक्टीरिया पाए गए. बैग के अंदर रखे हैंड क्रीम, फ़ेसवॉश, लिपस्टिक, और ग्लॉस सबसे अधिक गंदे निकले.

कैसे करें साफ़: अपने बैग ज़मीन पर कभी भी न रखें. अगर आपका बैग कपड़े का है, तो जब भी मौक़ा लगे और टाइम मिले उसको धो दें. वहीं प्लास्टिक और लेदर बैग्स को साफ़ करने के लिए कीटाणुनाशक वाइप्स का प्रयोग करें.

9. आपकी रसोई का कपड़ा या स्पॉन्ज

blogspot

जब एरिज़ोना रिसर्चर्स ने 1000 किचन के कपड़े और स्पॉन्ज इकट्ठे कर उन पर शोध किया तो उन्होंने पाया कि 10 प्रतिशत में सैल्मोनेला बैक्टीरिया मौजूद था. उनकी सतह के हर वर्ग इंच पर लगभग 134,630 बैक्टीरिया मौजूद थे. आपको बता दें कि बैक्टीरिया की ये संख्या एक टॉयलेट सीट पर मौजूद होने वाले बैक्टीरिया की संख्या से 456 गुना ज़्यादा थे. घरों में मौजूद डिशक्लोथ और स्पंज में औसतन E. coli और कई दूसरे fecal बैक्टीरिया इकट्ठे होते हैं. इसकी मुख्य वजह है कि इन कपड़ों और स्पॉन्ज को डेली साबुन से धोया नहीं जाता है.

कैसे करें साफ़: डिशक्लोथ्स और स्पॉन्ज को हर हफ़्ते गरम पानी में भिगो कर धोना चाहिए. कोशिश करिये कि इनको तेज़ गर्म पानी में कम से कम 3-4 घंटों के लिए भिगोएं. इसके अलावा आप इनको माइक्रोवेव में 30 सेकंड के लिए गर्म करें.

10. आपका टीवी रिमोट

lared

ये जानकर आपको धक्का लग सकता है कि आपका टीवी रिमोट जर्म्स से भरा होता है. टीवी के चैनल्स चेंज करने से पहले आपके हाथों ने जो-जो छुआ है या आपके हाथ पर जो कुछ भी लगा है, वो सीधे आपके रिमोट पर इकठ्ठा हो जाता है. इतना ही नहीं आपके सोफ़े या सोचपर जो धूल होती है, उसको भी रिमोट खींचता है और वहीँ धूल इसके अंदर भी इकट्ठी हो जाती है. गन्दगी और कीटाणु कीटाणु इसके बटन्स के कोनों और नीचे इकट्ठे हो जाते हैं. और इनको साफ़ करना किसी चुनौती से कम नहीं होता है.

कैसे करें साफ़: हर बार अपने जब भी सफाई करें, हर बार रिमोट को डिश सोप से साफ़ करें या फिर इसके लिए एंटीसेप्टिक वाइप का उपयोग करें. वाइप से जितना हो सके बटन्स के चारों तरफ अंदर तक साफ़ करने की कोशिश करें.

11. बिल्डिंस की लिफ़्ट के बटन्स

normac

जब आप लिफ़्ट के ज़रिए अपनी मंज़िल तक जा रहे होते हैं, वहां मौजूद जर्म्स भी आपके हाथों पर बैठकर आपके साथ जा रहे होते हैं. University of Toronto द्वारा की गई एक स्टडी में ये पता चला कि पब्लिक प्लेसेस जैसे ऑफ़िस, हॉस्पिटल्स, या सोसाइटी की बिल्डिंग्स की लिफ़्ट्स में टॉयलेट सीट से भी कई गुना ज़्यादा हानिकारक बैक्टीरिया मौजूद होते हैं.

कैसे करें साफ़: हो सकता है कि ये जानने के बाद से आप लिफ़्ट्स के बटन्स को छूना बंद कर दें, पर इतना काफ़ी नहीं है और न ही संभव है. इसका सबसे सही उपाय ये है कि लिफ़्ट का इस्तेमाल करने के बाद या तो हाथ साबुन से धोएं या फिर सैनिटाइज़र से साफ़ करें.

तो दोस्तों हमने आपको बता दिया कि आपकी डेली यूज़ की चीज़ों पर इतने कीटाणु होते हैं, जितने एक टॉयलेट सीट पर भी नहीं होते. तो भई अब आप देख लो कैसे इनको साथ रखना है और क्या-क्या सावधानियां बरतनी हैं. अगर ये जानकारी आपको ऐसी लगी कि दूसरों के साथ शेयर की जानी चाहिए तो फटाफट शेयर कर दो अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ.