कौन कहता है कि भारत खेलों के मामले में पिछड़ा है? भाई हम तो नहीं मानते ऐसा, अगर किसी को भी लगता है कि भारत इस मामले में फिसड्डी है, तो वो गलत सोचता है. बात दरअसल ये है कि ये जो ओलंपिक है न, वहां हमारे देश के मुताबिक खेल ही नहीं रखे गए हैं. एक बार ओलंपिक वैसे करा के दिखा दो, जैसा हम चाहते हैं. तो कसम देश के खेल मंत्री की, एक भी मेडल पर कोई विदेशी हाथ नहीं लगा पाएगा. हर बार पदक तालिका में सबसे ऊपर रहने वाले चीन, जापान और अमेरिका चारों खाने चित दिखेंगे. मान लीजिये कि धरना देना कोई गेम होता तो, था क्या कोई जुगाड़ पूरे विश्व में अपने केजरीवाल जी का. नहीं ना, तो आइये देखते हैं ऐसे कौन-कौन से गेम हैं?

आइये जरा विचारते हैं कि अपने देश से कौन-कौन से खेल ओलंपिक में जाने लायक हैं और हमारे देश से उस खेल में स्वर्ण पदक पर अपना कब्ज़ा जमाने कौन सा महानुभाव जाएगा?

1. लुका-छिपी का खेल

ये खेल तो बहुत से भारतीयों का पसंदीदा खेल है. अगर इस खेल में भारत से किसी को भेजे जाने की बात हो, तो कई लोग शार्टलिस्ट होंगे, पर दो लोग ही ऐसे हैं, जो इस खेल में देश को पक्का गोल्ड दिलवा सकते हैं, पहला विजय माल्या और दूसरा दाउद. दोनों ही इस खेल के मंझे हुए खिलाड़ी हैं.

2. पतंगबाजी

इस खेल का तो हमारे देश में बड़ा जबरदस्त क्रेज़ है. इस खेल में जो भारत से दो लोग जाएंगे उसमें पहले तो हमारे भाईजान सलमान खान होंगे, जिन्होंने पतंग ऐसी उड़ाई कि सारे केस कट गए उनके और दूसरे खिलाड़ी उस खेल के लिए वो होंगे, जिनके साथ सलमान ने पतंग उड़ाई थी, प्रधानमंत्री मोदी जी.

3. गिल्ली डंडा

ये खेल थोड़ा गांव देहात से जुड़ा हुआ खेल है, तो इसके लिए कोई ऐसे खिलाड़ी चाहिए, जो फुर्ती के साथ इसको आसानी से खेल सके. वैसे तो ये हमारा बनाया खेल है, लेकिन फिर भी इस गेम में देश का सबसे अच्छा खिलाड़ी कोई जायेगा, तो वो हैं हमारे नवजोत सिंह सिद्धू. इस गेम के चैंपियन खिलाड़ी हैं सिद्धू साहब. बोलते वक़्त भी उनका हाव-भाव से ऐसा ही लगता है कि वो गिल्ली को डंडे से मार रहे हैं.

4. चोर सिपाही

इस गेम के भी हमारे देश में बहुत खिलाड़ी हैं, पर सब पर विश्वास तो नहीं कर सकते न. इसलिए जिस बेस्ट खिलाड़ी को हमने इस गेम के लिए चुना है, वो है संजय दत्त. इतनी बार उन्होंने जेल से अंदर-बाहर का खेल खेला है कि सब उनको चैंपियन मान चुके हैं.

5. Mute Game (गूंगी)

इस गेम में कुछ ऐसा नियम होता है कि सामने वाले को चुप रह कर अपने टीम मेंबर्स को सब समझाना होता है. ये गेम तो हमारे लिए बाएं हाथ का खेल है. इसके जो चैंपियन हैं, उनको चैंपियन बस हम ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया मानती है. मनमोहन सिंह से बढ़िया कोई ये गेम खेल ही नहीं सकता.

6. कंचे का खेल

ये खेल थोड़ा आसान है, तो इसके लिए कोई मंझा हुआ खिलाड़ी होना चाहिए. तो इस खेल के लिए भारत से जो खिलाड़ी जाएगा, वो हैं सुब्रह्मण्यम स्वामी. ग़ज़ब का टैलेंट है भाई इनमें, बड़ा सटीक निशाना लगाते हैं. इस उम्र में भी इनकी इस क्षमता का कोई जवाब नहीं है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी से लेकर कई लोगों को अपने निशाने पर ले चुके हैं स्वामी जी.

7. लम्बी कूद

बचपन में खेले जाना वाला ये खेल बड़ा मज़ेदार था. इसमें आपको कूद कर सबसे आगे निकल जाना होता था. ओलंपिक में इस खेल के शामिल होने के बाद कोई इस खेल में देश को जितवा सकता है, तो वो है ललित मोदी. बहुत ऊंची छलांग लगाते हैं ये. घोटाले की पोल खुलने के बाद ऐसी छलांग लगायी है कि अभी तक किसी के हाथ नहीं आए.

8. खो-खो

ये खेल तो आपने बचपन में ज़रूर ही खेला होगा. खेल के दौरान पोल को छू कर वापस आना होता है, तो इसके लिए कोई ऐसा चाहिए, जो U-Turn लेने में मास्टर हो. अब तो समझ में आ ही गया होगा आपको कि हम इसके लिए किसे भेजने की बात कर रहे हैं? जी इस गेम में भारत को अगर कोई आदमी गोल्ड दिलवा सकता है, तो वो हैं अरविन्द केजरीवाल. U-Turn के क्षेत्र में पूरे देश में इनका नाम फेमस है. कुछेक मौकों पर ये अपनी काबिलियत दिखा चुके हैं.

9. कूदा-फानी

ये खेल काफी हद तक जिमनास्टिक से मिलता-जुलता है. इसमें भी अपने शरीर की फुर्ती को दिखाना होता है. तो इस गेम के लिए किसी ऐसे इंसान की ज़रूरत होगी, जिसका शरीर रबड़ की तरह फ्लेक्सिबल हो. फिर तो इस खेल के लिए एक ही नाम सामने आता है, योगगुरु बाबा रामदेव का. चाहे योग कलाएं हों या लड़की के कपड़े पहन कर कूद के भागना हो, बाबा हमेशा आगे ही रहें हैं. बाबा तो सोना लेकर ही आएंगे.

10. पकड़म-पकड़ाई

इस गेम में कुछ ऐसा होता है कि कोई एक खिलाड़ी बाकियों को पकड़ता है और जीत जाता है. इस खेल में हमारे देश से जो खिलाड़ी जा रहा है, उसे इतनी मेहनत करनी ही नहीं पड़ती. इसको लोग आकर ख़ुद पकड़ लेते हैं और उठा कर इधर-उधर घुमाते रहते हैं. शिवराज सिंह चौहान से अच्छा ये खेल कौन खेल सकता है? अभी हाल में ही बाढ़ वाले इलाकों में पुलिस के साथ ये गेम खेल कर अपनी काबिलियत दिखा चुके हैं. व्यापम वाले केस में भी ये विजयी ही रहे हैं.

कई गेम तो ऐसे भी हैं, जिनमें हमारे खिलाड़ी पूरी दुनिया को धूल चटा सकते हैं. पर क्या करें, ये ओलंपिक एसोसिएशन वाले हमारे देसी टैलेंट को कभी समझ ही नहीं पाएंगे. अगर इन खेलों को ओलंपिक में शामिल कर लिया गया, तो कसम से एक भी सोना फिरंगियों के हाथ नहीं लगने देंगे. बाकी अगर आपकी नज़र में भी कोई खेल है और उससे जुड़ा हुआ कोई खिलाड़ी है, तो हमें ज़रूर बताएं. साथ ही साथ इस आर्टिकल को शेयर करें.