राजकुमार राव! ये नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है. देश और दुनिया में इन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग के दम पर एक अलग पहचान बनाई है, लेकिन इस स्टारडम को पाने के लिए राजकुमार ने काफ़ी स्ट्रगल किया है. एक आम इंसान से वो द राजकुमार राव कैसे बने, इसी की कहानी ख़ुद बयां की है राजकुमार ने.
ह्युमन्स ऑफ़ बॉम्बे ने राजकुमार राव की इस प्ररेणादायक स्टोरी को अपने पेज पर शेयर किया है. उनकी ये कहानी सुनकर हर किसी के मन में सपने देखने और उन्हें पूरा करने का जज़्बा जाग उठेगा.
पहले मिलते थे छोटे-मोटे रोल
बचपन से ही शाहरुख खान मेरे आइडल रहे हैं. मैं उनके पोस्टर्स को घूरता था और सोचता था कि अगर एक आउटसाइडर इंडस्ट्री में इतना बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है, तो शायद मेरे लिए भी उम्मीद है. इसी तमन्ना को दिल में लिए मैं मुंबई चला आया, पर यहां आने के बाद मुझे छोटे-मोटे ही रोल मिलते थे. किसी-किसी विज्ञापन में दसवां आदमी होता था, ये ऐसी बाते हैं जिन्हें आप अपनी उपलब्धियों में नहीं गिन सकते.
उस वक़्त मैं महीने 10000 रुपये तक कमा लेता था, फिर भी मुझे कई बार अपने दोस्तों के साथ उनका खाना शेयर करना पड़ता था. मेरे पास कोई प्लान B नहीं था, इसलिए हार नहीं मान सकता था, तो मैं ऑडिशन की खोज में रहता था.
कभी हताश नहीं हुए
इसी बीच मैं सैंकड़ों ADs और Casting डायरेक्टर्स से मिला. वो मुझे छोटे रोल के लिए बुलाते थे, मैं हमेशा उन्हें बड़े रोल देने के लिए मनाने की कोशिश करता था, उन्होंने हमेशा मुझे निराश किया. लेकिन मैं कभी इसे लेकर हताश नहीं हुआ क्योंकि मुझे यकीन था कि एक दिन कोई मेरा टैलेंट ज़रूर पहचानेगा.
मैंने कोशिश जारी रखी और साथ ही अतुल मोंगिया को भी फ़ॉलो करता रहा. एक दिन उन्होंने मुझे फ़िल्म लव सेक्स और धोखा के ऑडिशन के लिए बुलाया. मेरे 3-4 टेस्ट हुए. एक हफ़्ते तक मैं इंतज़ार करता रहा पर कोई ख़बर नहीं आई.
सबसे पहले मां को बताई थी ख़ुशख़बरी
और फ़ाइनली वो कॉल आया, जिसने मेरी अब तकी सारी स्ट्रगल के पेन को छू मंतर कर दिया. वो शब्द थे हो गया है तुम्हें फ़िल्म मिल गई है. मैं अकेला था और अपने घुटनों पर बैठ गया. मैंने सबसे पहले ये ख़ुशख़बरी अपनी मां से शेयर की. फ़िल्म रिलीज़ हुई और लोगों ने मेरे काम की तारीफ़ की, इसी के साथ ही इंडस्ट्री के सारे बंद दरवाजे़ मेरे लिए खुल गए.
एक और पल है जो मेरे लिए बहुत ख़ास था. ये कंगना रनौत के साथ क्वीन फ़िल्म की शूटिंग से जुड़ा है. हम क्वीन के लिए महबूब स्टूडियो में शूटिंग कर रहे थे. तभी पता चला कि शाहरुख सर भी वहीं हैं. मुझे लगा यही मौका है, जब मैं अपने आइडल से मिल सकता हूं.
मैंने किसी तरह अपनी बात उन तक पहुंचाई. मुझे नहीं पता था कि वे मुझे जानते होंगे. उन्होंने मुझे अपने ट्रेलर में बुलाया. वे मेरे बारे में सबकुछ जानते थे. उन्होंने मुझे बहुत स्पेशल फ़ील कराया. मैं पहले से उनका फै़न था,लेकिन उस पल के बाद मैं उनका और भी ज़्यादा फै़न हो गया. कभी मैं उनके पोस्टर से बातें किया करता था और उस दिन वे बिलकुल मेरे सामने थे. मैं बता नहीं सकता तब मैंने कैसा फ़ील किया था.
सफ़लता पाने के लिए राजकुमार का गुरु मंत्र
सबसे बडी विडंबना ये है कि जो लोग कल तक मुझे लीड रोल नहीं देना चाहते थे, वो आज मुझे फ़िल्म ऑफ़र कर रहे हैं. मैं वही एक्टर हूं, वही इंसान हूं, पर आज मेरे लिए रोल लिखे जाते हैं. मैंने उस वक़्त ख़ुद पर भरोसा किया, जब चीज़ें मेरे बस में नहीं थीं. क्योंकि मुझे विश्वास था कि अगर मैं कोशिश जारी रखूंगा, तो पूरी कायनात मुझे मेरी मंज़िल तक पहुंचाने में लग जाएगी.
‘मेरी एक बात याद रखना, इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता की कौन आपके बारे में क्या कह रहा है, कोई आप पर विश्वास करता है कि नहीं. बस आप निरंतर प्रयास जारी रखिए, एक दिन प्रकृति आपको मंज़िल तक ज़रूर पहुंचा देगी.’
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