सिमोन द बोउअर ने कहा था कि, “स्त्री पैदा नहीं होती, बल्कि बना दी जाती है.” हर एक समाज में ना जाने कितनी स्त्रियां सामाजिक ताने-बाने के चलते बुनी गई हैं. स्त्री बनने के बाद एक ऐसा दौर शुरु होता है, जहां परिवार का, बलिदान का, अपने लिए एक निश्चित दायरा तय कर लेने की ज़िम्मेदारी एक पुरूष के द्वारा उसके कंधों पर लाद दी जाती है. ये केवल भारतीय समाज की ही नहीं, बल्कि पश्चिमी समाज की स्त्री भी कई सालों तक इस दायरे से बाहर नहीं निकल पाई है.

ये तो थी जनाब एक घेरे की बात, जिसमें स्त्री को बांधा गया है. पर कई महिलाएं ऐसी रही हैं जिन्होंने इस घेरे को तोड़ा है. उस घेरे से बाहर अपनी नवीन दुनिया अपने ही बलबूते पर तलाशी है. उनमें से ही एक है भारतीय अभिनेत्री रेखा. नाज़नीन (रेखा) का नाम आते ही आपके सामने बस इनकी आंखें और इनकी ख़ूबसूरत अदाएं आई होगी या फिर होठों पर बसा वो तिल जिसने दर्शकों को दीवाना बना रखा है.

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गर ऐसा है, तो आप रेखा को बाहर से जानते हैं. रेखा अंदर से कैसी है? कितनी मज़बूत है? ये किसी ने कभी जानने की कोशिश ही नहीं की.

पितृसता (Patriarchy) को अपने पैर की नोक पर रखती है रेखा

उनके और उनके फ़िल्मी सफ़र की तमाम जानकारी टीवी से लेकर वेबसाइट्स पर आपको मिल जायेगी. पर आज रेखा को किसी और एंगल से पकड़ते हैं. हमेशा इस अभिनेत्री को लोगों ने मात्र एक अभिनेत्री की नज़र से ही देखा है. आज रेखा को एक दमदार किरदार की नज़र से देखते हैं.

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“रेखा की मांग में किसका सिंदूर है?”

इस सवाल से ना जाने रेखा कितनी बार उलझी है, लेकिन हर बार रेखा का जवाब कुछ समय के लिए इस सवाल के टुकड़े-टुकड़े कर देता है. अपनी शादी से पहले रेखा ऋषि कपूर और नीतू सिंह की शादी में सिंदूर लगाकर पहुंची थी. इसके बाद 2008 में एक अवॉर्ड समारोह में भी रेखा की मांग में सिंदूर सजा था.

ओह… कितनी आसानी से लिखा गया ना ये वाक्य? लेकिन ज़रा सोचिए हमारे समाज में ऐसा कदम उठाने के लिए कितना साहस चाहिए? सोचा? सोचते रहो और हां ये मत कहना कि, “वो तो अभिनेत्री है कुछ भी कर सकती है.” सवाल कलाकारों को भी परेशान करते हैं, वैसे ही जैसे ठीक एक आम आदमी को करते हैं. रेखा भी हमारी तरह ही एक इंसान है. वो भी चाहती है कि उसे चाहने वाले दर्शक उसकी चाहत को, उसकी मोहब्बत को समझें. गर आप रेखा की भावनाएं नहीं समझते, तो अपने आप को आज से रेखा का फैन मत कहिए.

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कितनों से जोड़ा गया रेखा का नाम पर रेखा एक “रेखा” ही रही

रेखा की शादी व्यवसायी मुकेश अग्रवाल से हुई थी. शादी के कुछेक महीनों के बाद ही मुकेश ने आत्महत्या कर ली. उस दौरान रेखा अमेरिका में थीं. उसके बाद रेखा पर कई आरोप लगे कि उनके चलते ही उनके पति ने आत्महत्या कर ली थी, वगैरा-वगैरा…

यहां रेखा फिर से अकेली हो गईं. मीडिया की खबरों के मुताबिक ये पता चलता है कि रेखा का नाम नवीन निश्चल, शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद मेहरा, विश्वजीत और अमिताभ बच्चन के साथ जुड़ा रहा है.

रूको, रूको, रूको… थोड़ा सा सोचने दो… आज 62 साल की उम्र में रेखा तन्हा है, पर ये तन्हाई उसे तोड़ नहीं पाई. अपने जीवन में रेखा एक रेखा की तरह ही है, एक ऐसी रेखा जिसका सिरा ना शुरु होता है और ना ही खत्म होता है. कितनी गतिशील है रेखा. मलाल इस बात का है कि अभिनेताओं की इस जमात में से कभी किसी के पास इतनी दिलेरी नहीं रही कि उसने रेखा को स्वीकारने की कोशिश की हो.

यहां रेखा अन्य अभिनेत्रियों से कहीं ऊपर उठ जाती हैं. कितनी बिंदास है ना रेखा. जहां हम क्लास में एक सवाल से घबरा जाते हैं, ये औरत रोज़ कितने व्यक्तिगत सवालों के जवाब सार्वजनिक मंचों से बेझिझक देती है. रेखा एक अंगारा है, जो धीरे-धीरे सवालों के अलाव में तप रहा है. आज से रेखा को प्लीज़ मात्र एक अभिनेत्री समझने की गलती मत करना.