आजकल जब भी आप टीवी पर कोई हिंदी मूवी चैनल लगाते हैं, तो उनमें अकसर साउथ इंडियन फ़िल्में ज़रूर देखने को मिल जाती हैं. इनके हिंदी वर्ज़न्स का अब कई चैनल्स वर्ल्ड वाइड टीवी प्रीमियर भी करने लगे हैं. साउथ इंडियन सिनेमा में आपको दो चीज़ें ज़रूर देखने को मिलती होंगी, पहली उनका माइंड ब्लोइंग एक्शन और दूसरा एक्ट्रेस की बॉडी को कैमरे के हर एंगल से दिखाने की कोशिश और फिर एक फुल ज़ूम उसकी नाभी पर.
सही कह रहे हैं. ये सिर्फ़ हमने नहीं, साउथ इंडियन फ़िल्म्स देखने वाले हर दर्शक ने महसूस किया है कि इन फ़िल्मों में महिलाओं को हद से ज़्यादा Objectify किया जाता है. ख़ैर ये बात बॉलीवुड और भोजपुरी सिनेमा पर भी लागू होती है, लेकिन भोजपुरी सिनेमा में स्क्रिप्ट नाम की चीज़ कम ही इस्तेमाल की जाती है.
साउथ इंडियन मूवीज़ के लव सीन्स से लेकर इमोशनल सीन्स में आप इस बात को नोटिस कर सकते हैं. कुछ मूवीज़ में हीरो एक्ट्रेस की Navel पर गाना गाते और अंगूर या फिर सेब जैसे फल फेंकते भी नज़र आते हैं. अब सवाल ये उठता है कि आखिर इन फ़िल्मों का नाभी से इतना Obsession क्यों हैं?
थोड़ा सर खपाने पर हमने पाया कि दक्षिण भारत में महिलाओं की नाभी को कामुकता से जोड़कर देखा जाता है. इसकी आड़ में फ़िल्ममेकर्स और डायरेक्टर्स Sexual Act, Lust और प्यार दिखाने की कोशिश करते हैं. वजह है सेंसर बोर्ड, ऐसा करने से इनकी फ़िल्म को U/A सर्टिफ़िकेट मिल जाता है. जिसका सीधा मतलब ज़्यादा दर्शकों तक उनकी फ़िल्म की पहुंच. उनका मानना है कि ये Vulgar भी नहीं लगता.
कुछ और खोजने पर हमें Quora पर भी इसका जवाब मिला. यहां बहुत से लोगों ने इसे लेकर अपने-अपने तर्क दिए हैं, जो काफ़ी मज़ेदार हैं. साउथ इंडियन इंडस्ट्री से ताल्लुक रखने वाले एक शख़्स हमसे सहमत नज़र आए.
वहीं एक का कहना है कि ऐसा सभी जगह होता है, लेकिन साउथ इंडियन फ़िल्मों में इसे कुछ ज़्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है.
यही नहीं सीन्स के अलावा एक एक्ट्रेस की ड्रेस भी इसी तरह डिज़ाइन की जाती है कि उसमें नाभी साफ़ दिखाई दे. कई साउथ इंडियन फ़िल्मों के पोस्टर में भी इसकी झलक नज़र आती है. एक्ट्रेस तापसी पन्नू तो इसे लेकर शिकायत भी कर चुकी हैं.
इस ट्रेंड की शुरुआत करने का श्रेय जाता है साउथ इंडियन सिनेमा की सेक्स सायरन रहीं सिल्क स्मिता को. उनकी हर फ़िल्म में इस तरह के सीन्स ज़रूर रहते थे और मज़े की बात तो ये है कि उनके फैंस को ये ख़ूब भाता था. ये उनकी फ़िल्मों के हिट होने के सबसे बड़े कारणों में से एक था. यही वजह है कि इस पैंतरे को हर फ़िल्म निर्देशक इस्तेमाल करता दिखता है.
ख़ैर अगर इस संदर्भ में आपका भी कोई तर्क हो, तो उसे आप कमेंट बॉक्स में हमसे शेयर कर सकते हैं.
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