विज्ञान ने भले ही काफी तरक्की कर ली हो, लेकिन प्रकृति और धरती आज भी कई ऐसे सवाल अपने अंदर समेटे हुए हैं जो तकनीक की बेहतरीन समझ रख पाने के बावजूद हमारे लिए रहस्य बने हुए हैं.
हाल ही में मॉरीशिस के द्वीप पर मौजूद ज्वालामुखी के फटने से वैज्ञानिकों ने कुछ क्रिस्टल्स की खोज की है. हैरानी की बात ये है कि इन क्रिस्टल्स को इस द्वीप से बिलियन साल ज्यादा पुराना बताया जा रहा है और इन्हें मॉरीशिया नाम के प्राचीन द्वीप के अवशेष बताया जा रहा है.
इस जगह पर रिसर्च करने वाले एक वैज्ञानिक लुईस अश्वल ने बताया कि धरती दो चीजों से बनी है. महाद्वीप और समुद्र. जहां महाद्वीपों को प्राचीन और बेहद पुराना माना जाता है वहीं समुद्र तुलनात्मक रूप से काफी नए हैं.
मॉरीशिस एक द्वीप है और इस जगह पर कोई भी चट्टान या पत्थर का टुकड़ा हिस्सा 9 मिलियन सालों से पुराना नहीं है. हालांकि इस द्वीप पर मौजूद लावा के अंश को स्टडी करने पर हमने पाया कि इन क्रिस्टल्स में जिक्रोंस भी मौजूद थे और हैरानी की बात ये थी कि ये जिक्रोंस कम से कम तीन बिलियन पुराने थे.
गौरतलब है कि इस द्वीप का निर्माण लगभग 8-9 मिलियन साल पहले पानी के अंदर जबरदस्त ज्वालामुखी विस्फोटों की वजह से हुआ था.
वैज्ञानिकों की ये नई नवेली खोज यानि क्रिस्टल दरअसल जिक्रोन से बने हुए थे. जिक्रोन रत्न बनाने लिए इस्तेमाल होने वाला पदार्थ है जो पीले, लाल, नीले और रंगहीन भी होता है. जिक्रोन की मौजूदगी से वैज्ञानिक आश्वस्त हैं कि ये रत्न भूले बिसरे प्राचीन द्वीप मॉरीशिया से ही संबंध रखते हैं. जिक्रोंस का इस जमाने में खोज साबित करता है कि मॉरिशिस के अंदर कई प्राचीन क्रस्टल चीजें मौजूद हैं जो केवल एक महाद्वीप से ही उत्पन्न हो सकती है.
हालांकि ये पहली बार नहीं है जब मॉरीशिस के बीच पर ये प्राचीन जिक्रोन पाए गए हैं. इससे पहले भी 2013 में मॉरिशीस के इस द्वीप पर जिक्रोन के अवशेष मिले थे और इन्हें भी बिलियन सालों पहले बताया गया था. हालांकि ये खोज काफी विवादास्पद भी रही थी क्योंकि आलोचकों का मानना है कि ये मिनरल्स इस बीच पर किसी और जगह से भी आ सकते हैं लेकिन अश्ल की टीम की खोज के बाद वैज्ञानिक अपनी बात को ज्यादा प्रभावशाली तौर पर रख सकते हैं
वहीं ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक मार्टिन वान का कहना था कि बेहतर होती तकनीक की वजह से हम बेहद गहरे समुद्र के रहस्यों के बारे में पता लगाने में सक्षम हो पा रहे हैं और शायद यही कारण है कि दुनिया के महाद्वीपों के रहस्यों की परतों के बारे में धीरे धीरे पता लगा पा रहे हैं.