एशियाई देशों से लेकर दुनिया के कई क्षेत्रों में सेक्स सदियों से एक टैबू बना रहा है. दुनिया के कई समाजों की हिप्पोक्रेसी भी सेक्स के द्वारा सामने आती रही है लेकिन ये भी सच है कि टैबू के साथ ही साथ सेक्स लोगों के बीच जबरदस्त कौतूहल का विषय है. शायद इसीलिए इसकी तलाश में कई लोग मीलों दूर तक जाने को भी तैयार रहते हैं.

अगर आप भी ऐसी ही किसी ऐसी ही जगह और कल्चर का अनुभव लेना चाहते हैं, तो इंडोनेशिया आपके लिए एक मुफ़ीद जगह हो सकती है. यहां जावा के एक गांव सोलो में Mount Kemukus एक ऐसी रहस्यमयी जगह है, जो कई लोगों के लिए फ़ेवरेट स्पॉट होने का दम रखती है. ये जगह न केवल खूबसूरत है, बल्कि यहां होने वाली रस्म की वजह से भी ये दुनिया के लिए कौतूहल का विषय है.

क्या है PON फ़ेस्टिवल?

Pon फ़ेस्टिवल में अजनबियों के बीच विधि विधान और रस्मों रिवाज़ के साथ शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं, भले ही दोनों लोग शादीशुदा ही क्यों न हो. ऐसा भी नहीं है कि ये रस्म केवल एक समय के लिए होती हो. इन कपल्स को हर 35 दिन बाद मिलना होता है. सात मुलाकातों के बाद ही इस रस्म को पूरा माना जाता है.

पिछले कई दशकों से Gunung Kemukus नाम के एक श्राइन पर लोग Jumat Pon के दिन ज़रूर आते हैं. माना जाता है कि इस श्राइन में 16वीं शताब्दी के एक राजकुमार Pangeran Samudro के अवशेष रखे हैं. यूं तो इस क्षेत्र को लेकर कई किंवदंतियां मशहूर हैं, लेकिन माना जाता है कि समुद्रो,  Ontrowulan नाम की लड़की से प्यार करता था और उसे घर से भागना पड़ा था क्योंकि समुद्रो के पिता को उनके अफ़ेयर के बारे में पता चल गया था. लेकिन सोलो गांव में आकर इस कपल को पकड़ लिया गया और मौत के घाट उतार दिया गया.

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माना जाता है कि समुद्रो और Ontrowulan से ज़्यादा बड़ा दुस्साहस आपकी ज़िंदगी में बेहद खुशहाली लेकर आता है और इसके लिए लोगों को समुद्रो की कब्र के पास ही सेक्स करना होता है. शायद इसी मान्यता का नतीजा है कि हर साल हज़ारों श्रद्धालु इस जगह पर नाजायज़ संबंध बनाने आते हैं. इस मान्यता के मुताबिक, इससे उनकी ज़िंदगी में खुशहाली आती है. लोग अपने करियर में बेहतरी और बिज़नेस में सफ़लता के लिए भी यहां पहुंचते हैं.

ये प्रक्रिया सुबह प्रार्थना के साथ शुरू होती है. इसके बाद यहां पहुंचे लोग राजकुमार समुद्रो की कब्र पर पहुंचते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं. इसके बाद यहां मौजूद पवित्र फ़व्वारों में लोग नहाते हैं और इसके बाद अपने पार्टनर को ढूंढने के लिए निकलते हैं. सूर्यास्त होने तक यहां लोगों का जमावड़ा लग जाता है. इस दौरान पार्टनर को लेकर खोज जारी रहती है. कई बार पार्टनर्स अपने मोबाइल नंबर और पता भी एक्सचेंज करते हैं. पारंपरिक तौर पर यहां खुले आसमां के नीचे शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं और बाकी बची रात हिलसााइड बिताई जाती है. जो लोग सेक्स में दिलचस्पी नहीं रखते उन लोगों के लिए भी यहां के बार में कई तरह के साधन मौजूद कराए जाते हैं.

कट्टरपंथियों के बीच फ़लता फू़लता फ़ेस्टिवल

इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा द्वीपों का देश है. 2010 में ये भी पाया गया कि इस देश में मुस्लिमों की संख्या किसी भी दूसरे देश की तुलना में सबसे अधिक थी. ऐसे में अजनबियों के साथ सेक्स जैसी उदारवादी प्रथा धार्मिक और कट्टरपंथियों के बीच कैसे अपनी जड़ें जमाए हुए है?

दरअसल, सोलो गांव को इंडोनेशिया का मॉर्डन चेहरा कहा जाता है. यहां इस्लाम दूसरे कल्चर और धर्मों से प्रभावित है. इनमें बौद्ध और हिंदू धर्म भी शामिल है. ऐसे में यहां दकियानूसी सोच से ऊपर उठकर लोग लिबरल वैल्यूज़ को महत्व देते हैं.

एक सेक्स वर्कर के मुताबिक, इस फ़ेस्टिवल में कई धार्मिक गुरूओं की मौजूदगी जाहिर करती है कि ये एक तरह का विरोधाभास है और ये नैतिक समाज की परतें भी खोलता है. कई धार्मिक गुरू ऐसे भी हैं, जो इस फ़ेस्टिवल को तवज्जो नहीं देते और इसके खिलाफ़ कोई विरोध दर्ज नहीं कराते जिसकी वजह से इस क्षेत्र में वेश्यावृति का व्यापार भी काफी फल फूल रहा है. 

2014 में ये दावा किया गया था कि यहां आने वाली 75 प्रतिशत महिलाएं फ़ुलटाइम या पार्ट टाइम सेक्स वर्कर होती हैं. चूंकि इस फ़ेस्टिवल में महिलाओं के मुक़ाबले पुरूषों की मौजूदगी ज़्यादा होती है, ऐसे में आर्थिक रूप से कमज़ोर कई वर्कर्स भी इस फ़ेस्टिवल को पैसे कमाने का एक बढ़िया ज़रिया मानती हैं.

नवंबर 2014 में सेंट्रल जावा गर्वनर ने इस रस्म पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अगर आप अपनी ज़िंदगी में खुशहाली चाहते हैं तो इसके लिए आपको अजनबियों से सेक्स करने की क्या ज़रूरत है? ये एक वाजिब सवाल है लेकिन Pon फ़ेस्टिवल के खत्म होने के आसार कम ही हैं. Gunung Kemukus अब भी कई लोगों के लिए धार्मिक प्रासंगिकता का क्षेत्र है और आज भी कई लोग प्रिंस समुद्रो की कब्र पर प्रार्थना करने पहुंचते हैं.

ये इंडोनेशिया की इकोनॉमी के लिए भी फ़ायेदमंद बना हुआ है क्योंकि स्थानीय सरकार उन दुकान वालों से भी पैसा वसूलती हैं जो फ़ेस्टिवल के दौरान वहां मौजूद होते हैं. इसके अलावा यात्रियों को इस जगह जाने के लिए भी मोटी रकम चुकानी पड़ती है.

इस क्षेत्र में सेक्सुशल ट्रांसमिटड बीमारियों के बढ़ने का ठीकरा भी फ़ेस्टिवल के सर फ़ोड़ा जा रहा है क्योंकि यहां आने वाले कई लोग कॉन्डम का इस्तेमाल करने से मना कर देते हैं. यही कारण है कि यहां सप्ताह में एक बार कम्युनिटी सेक्स हेल्थ क्लीनिक भी खुलता है. यहां STD से पीड़ित लोगों का इलाज किया जाता है और फ़्री कॉन्डम भी बांटे जाते हैं.

वही Pon फ़ेस्टिवल के समर्थक मानते हैं कि शादीशुदा होते हुए भी किसी अजनबी के साथ शारीरिक संबंध बनाना दुनिया के कई समाज में अनैतिक जान पड़ता है लेकिन दुनिया के ज़्यादातर हिस्सों में लोग एक्सट्रा मैरिटल अफ़ेयर करते हैं. अंतर सिर्फ़ यही हैं कि दूसरी सोसाइटी में लोग छिप छिप कर ऐसा करते हैं वहीं इस फ़ेस्टिवल में ये खुलेआम होता है.

कुछ समूहों के विरोध के चलते ये कहना मुश्किल है कि इस Pon फ़ेस्टिवल की आगे की राह क्या होगी लेकिन ये देखना बेहद दिलचस्प है कि कैसे महज कुछ पारंपरिक मान्यताओं के चलते लोग किस तरह एक टैबू जैसे सब्जेक्ट पर मॉर्डन और लिबरल रवैया अख्तियार कर लेते हैं.