1719 के आस-पास हैदराबाद में निज़ाम राजशाही की शुरुआत हुई थी. कहते हैं कि निज़ाम आसफ़ जाही राजवंश से ताल्लुक रखते थे. रिपोर्ट के मुताबिक, राजवंश के संस्थापक मीर क़मर-उद-दीन सिद्दीकी थे. ये वही सिद्दीकी थे, जो 1713-1721 के बीच मुग़ल साम्राज्य के दक्कन क्षेत्र में बतौर सूबेदार कार्यरत थे. ऐसा माना जाता है कि 1948 के दौरान निज़ाम राजशाही का अंत हुआ.
कहते हैं कि हैदराबादी निज़ाम के पास बेइंतिहा संपत्ति थी. इनके पास इतना धन था कि ये लाख़ों-करोड़ों रुपयों को चव्वनी की तरह इस्तेमाल करते थे. यूं समझ लीजिये कि अगर आज के दौर में निज़ाम की दौलत मिल जाती, तो देश की आधी ग़रीबी यूं ही मिट जाती.
आइये आपको दिखाते हैं कि निज़ाम कितनी महंगी-महंगी चीज़ें यूज़ करते थे:
1. निज़ाम स्टील या तांबा नहीं, बल्कि सोने के टिफ़िन में लंच करते थे.
2. हीरे का पेपर वेट, देख कर सीने में हल्का दर्द हो उठा.
3. बताओ ज़रा गोल्डन कप में चाय पी जाती थी.
4. निज़ाम सिंकदर शाह के इन जूतों की कीमत $160,000 है.
5. टोपी में लगने वाला डायमंड.
6. गिन के बता सकते हो कि इसमें कितने डायमंड हैं?
7. उस टाइम में ऐसी गाड़ियां वही रख सकता था, जिसके पास अनाप-शनाप पैसा हो.
8. निज़ाम की शाही ज़िंदगी की निशानी.
9. हैदराबाद के म्यूज़ियम में रखी हैं ये बेशक़ीमती चीज़ें.
10. कहते हैं कि सातवें निज़ाम ने ओस्मान सागर और हिमायत सागर नामक झीलों का निर्माण इसी खुरपी से कराया था.
11. ये जो कुछ भी है बहुत ख़ूबसूरत है.
12. शौक़ भी बड़ी चीज़ है.
13. ये हैदराबाद के 6वें निज़ाम की गाड़ी है.
14. वो निज़ामों का दौर था.
15. ओस्मान अली ख़ान की पत्नि के गहनों पर ग़ौर कीजियेगा.
निज़ामों की ये चीज़ें देख कर आप समझ ही गये होंगे कि वो कितनी शाही लाइफ़ जीने के आदी थे. वैसे अगर आपको इनमें से कोई चीज़ लेनी होगी, तो वो कौन सी होगी.