भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित मैसूर एक प्राचीन शहर है. ये कर्नाटक का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. ये शहर राजधानी बैगलुरू से क़रीब 150 किमी दूर केरल की सीमा पर स्थित है. मैसूर का इतिहास बेहद पुराना है. ये प्राचीन काल से ही राजा महाराजाओं का गढ़ रहा है. इस शहर में कई ऐतिहासिक इमारतें हैं. मैसूर ज़िला कर्नाटक का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है.
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मैसूर न केवल कर्नाटक में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आसपास के अन्य पर्यटक स्थलों के लिए एक कड़ी के रूप में भी काफ़ी महत्वपूर्ण है. शहर में सबसे अधिक पर्यटक मैसूर के दशहरा उत्सव के दौरान आते हैं. इस दौरान ‘मैसूर महल’, ‘जगनमोहन पैलेस’, ‘जयलक्ष्मी विलास’ और ‘ललिता महल’ में काफ़ी चहल-पहल रहती है. इसके अलावा ‘कर्ण झील’, चिड़ियाखाना’, ‘मैसूर सग्रहालय’ भी काफी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं
चलिए आज आप इस ऐतिहासिक शहर की 100 साल पुरानी तस्वीरें भी देख लीजिए-
1- सन 1895, मैसूर पैलेस का मुख्य द्वार
2- सन 1895, मैसूर के महाराजा कृष्णराजा वाडियार IV
3- सन 1895, मैसूर की चामुंडी पहाड़ी पर बना नंदी बैल
4- सन 1900, मैसूर के महाराजा चामराजेंद्र वाडियार
5- सन 1900, मैसूर के महाराजा की शाही सवारी निकलते हुए
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6- सन 1890, मैसूर का मशहूर ‘महारानी गर्ल्स कॉलेज’
7- सन 1856, मैसूर की चामुंडी पहाड़ी
8- सन 1910, मैसूर पैलेस का अद्भुत दृश्य
9- सन 1895, मैसूर की Nundydroog Mine का दृश्य
10- सन 1895, Mysore Mines के सुपरिटेंडेंट का बंगला
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11- सन 1900, मैसूर के महाराज
12- सन 1890, मैसूर की मशहूर देवराजा मार्किट रोड
13- सन 1890, मैसूर के एक म्यूज़िक स्कूल की लड़कियां
14- सन 1910, मैसूर के महाराज और लोकेन्द्र सिंह
15- सन 1880, लोअर मैसूर गेट
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16- सन 1890, मैसूर में स्थित एक क़िला
17- सन 1895, मैसूर की मशहूर Woolagiri Mines
18- सन 1956, ब्रिटिश पत्रिका ‘वोग’ में प्रकाशित नंदी बैल के साथ ऐनी गनिंग की तस्वीर
19- सन 1920, मैसूर की एक सड़क पर सपेरा
20- सन 1944, मैसूर के एक गांव भगवान की रंग विरंगी मूर्तियां
कैसी लगी हमारी ये कोशिश?