बम बम भोले! सावन के महीने में 55 फीट लंबे कांवड़ ने खींचा लोगों का ध्यान, वज़न जानकर चौंक जाओगे

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Kanwar Yatra 2023 : सावन (Sawan 2023) के महीने में शिव भक्त श्रद्धा से ओत-प्रोत होकर कांवड़ लेकर भोले बाबा को गंगा जल चढ़ाने निकल पड़े हैं. इन कांवड़ियों में आस्था इतनी गहरी होती है कि कई किमी का सफ़र पैदल करते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कांवड़ यात्रा निकाली जाती है.

इन दिनों चलने वाले बिहार (Bihar) और झारखंड (Jharkhand) के सबसे बड़े श्रावणी मेले में भक्त गण भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने और उनके एक दर्शन के लिए कठिन से कठिन परिश्रम कर कांवड़ यात्रा करते दिख रहे हैं. यहीं नहीं, कभी-कभी भोले बाबा को ख़ुश करने के लिए कांवड़ियों का कई जत्था अपने कांवड़ को अलग-अलग रूप और आकर्षण देकर सबसे यूनिक बना देते हैं. आइए हम आपको एक ऐसे ही कांवड़ के बारे में बताते हैं. (Kanwar Yatra 2023)

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बैद्यनाथ के दरबार की ओर जाते हुए देखा गया जत्था

ये जत्था कच्ची कांवरिया पथ पर बाबा बैद्यनाथ के दरबार जाते रास्ते में देखा गया. इस कांवड़ को अब तक का सबसे आकर्षक कांवड़ कहा जा रहा है. इसकी ख़ासियत की बात करें, तो इसकी लम्बाई 54 फ़ीट है और इसका वज़न 550 किलो है. इसे एक साथ 9 कांवड़ियां उठाते हुए चलते हैं. इस कांवड़ पर दुनिया भर के 12 ज्योतिर्लिंग को दर्शाया गया है. साथ ही इसमें भगवान भोलेनाथ के कई मंदिर भी इसमें दर्शाए गए हैं और कई देवी देवताओं की मूर्ति भी लगी हुई है.

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इसे देखने के लिए इक्कठा हुई लोगों की भीड़

ये कांवड़ इतना अद्भुत है कि कांवरिया पथ पर इसे देखने के लिए जगह-जगह लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है. जानकारी के लिए बता दें कि आज नहीं बल्कि साल 2007 से पटना के रहने वाले शिवभक्त इस 54 फ़ीट के कांवड़ को लेकर लगातार देवघर जाते रहे हैं. ये कांवड़ श्री श्री विशाल शिवधारी कांवड़ समिति तैयार करता है. इसे देखने के लिए हर साल लोगों को बेसब्री से इंतज़ार रहता है.

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कांवड़ यात्रा में 350 लोग शामिल

इस कांवड़ यात्रा के जत्थे में 10-20 लोग नहीं, बल्कि 350 लोग शामिल हैं. ये सभी लोग पटना के रहने वाले हैं. वो इस साल 16वीं कांवड़ यात्रा कर रहे हैं. इस समिति के सदस्य गुड्डू कुमार के मुताबिक उन्हें 54 फ़ीट कांवड़ को बनाने में 25 से 30 दिन का समय लगा था. इसका वज़न 550 किलो है और 9 लोग इसको एक बार में उठाते हैं. इसके अलावा इसमें मंदिर की आकृति के साथ शिव-पार्वती, गणेश, मां दुर्गा सहित कई देवी-देवताओं की मूर्तियों से सजाया गया है. उन्होंने ये बताया कि वो इस साल 350 लोगों के साथ चल रहे हैं, जो रास्ते भर भक्ति गीत-संगीत, ढोल-नगाड़ों के साथ मस्ती में झूमते गाते और नाचते जाते हैं.

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