आज तक हमने आगरा के इतिहास के बारे में बहुत कुछ सुना और जाना है. इस शहर का इतिहास जितना पुराना है, उतना ही रहस्यमयी भी है. अब तक हम कई ऐतिहासिक चीज़ों के बारे में पढ़ते और सुनते आये हैं. काफ़ी कुछ पढ़ने और सुनने के बाद भी बहुत सी चीज़ें ऐसी हैं, जिनकी जानकारी शायद ही किसी के पास हो. अच्छा बताइये आप में से कितने लोग जगनेर क़िला में स्थित ‘ग्वाल बाबा मंदिर’ के बारे में जानते हैं?
आप में से कई लोग शायद नाम भी पहली बार सुन रहे हों. चलिये अगर ऐसी बात है, तो आज ग्वाल बाबा मंदिर के बारे में थोड़ा विस्तार से जान लेते हैं. बता दें कि जगनेर क़िला आगरा से लगभग 50 किमी की दूरी पर स्थित पहाड़ी पर बना है, जिसमें ग्वाल बाबा का मशहूर मंदिर भी है. इस मंदिर की काफ़ी मान्यता है. इसलिये दूर-दूर से लोग यहां दर्शन करने आते हैं. हांलाकि, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के ध्यान न दिये जाने की वजह जगनेर क़िले की पहचान गुम होती जा रही है.
जगनेर क़िले को लेकर कहा जाता है कि, इसका निर्माण राजा जगन सिंह द्वारा किया गया था. राजा जगन सिंह ने 1550 में पहले राज्य की स्थापना की. इसके बाद 1573 में क़िला बनवा दिया. बुद्धिजीवियों का मानना है कि 1603 में मुग़लों ने राजा जगन सिंह की हत्या कर क़िले पर कब्ज़ा जमा लिया था. इस जगह पर कभी 7 मंज़िल का रानी पैलेस भी था. पर जर्जर की हालत की वजह से वो अब एक मंज़िल का रह गया है. वहीं इसके दक्षिणी-पूर्वी ओर पर बने मंदिर में एक रूम भी बना हुआ है. जो लोग यहां जाते रहते हैं. उन्हें इसकी जानकारी होगी.
कहा जाता है कि ये एरिया ‘अरावली पर्वतमाला’ की शाखाओं से घिरा है. इसके अलावा तांतपुर गांव की पत्थर मंडी आज भी काफ़ी फ़ेमस है. अगर आप यहां जाना जाते हैं, तो सूर्याेदय से सूर्यास्त तक कभी जा सकते हैं. क़िले में प्रवेश पूर्ण रूप से निशुल्क है.