कहीं भूल तो नहीं गए Uncle Pai को, जिनकी ‘अमर चित्र कथा’ ने हमारे बचपन को ख़ास बनाने का काम किया

Nripendra

Anant Pai Creator of Amar Chitra Katha: अगर आप 90s के हैं, तो आपको ‘अमर चित्र कथा’ के बार में ज़रूर पता होगा. सच में, वो भी क्या दौर था, जब भले ही मनोरंज़न के साधन कम थे, लेकिन जो थे कमाल के थे. उनमें ‘अमर चित्र कथा’ का नाम भी शामिल है, जिसकी कहानियों ने न सिर्फ़ हमारा मनोरंजन किया, बल्कि नैतिक शिक्षा भी दी. वहीं, इस ख़ूबसूरत सौगात को हमारे हाथों पर थमाने वाल शख़्स का नाम था अनंत पई, जिन्हें ‘अंकल पई’ भी कहा जाता था. Anant Pai वही रचनाकार थे, जिन्होंने अमर चित्र की कहानियां गढ़ी और हमारे बचपन को ख़ास बनाया.

आइये, इस ख़ास लेख में जानते हैं अंतन पई (Anant Pai Creator of Amar Chitra Katha) के बारे में विस्तार से.   

अमर चित्र कथा 

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Amar Chitra Katha Stories In Hindi: हो सकता है कि आज के बहुत लोगों को अमर चित्र कथा के बारे में पता न हो. तो उनके लिए बता दें कि अमर चित्र कथा एक भारतीय कॉमिक्स है, जिसकी कहानियों ने हमारे बचपन को यादगार बनाने का काम किया. अमर चित्र कथा की कहानियां धार्मिक किंवदंतियों, महाकाव्यों, ऐतिहासिक शख्सियतों शख़्सियतों, लोककथाओं और सांस्कृतिक कहानियों पर आधारित होती हैं. 

इसकी स्थापना 1967 में अनंत पई द्वारा की गई थी. अनंत पई ही अमर चित्र कथा के रचनाकार थे. उस दौरान रंगीन चित्रों के साथ अमर चित्र कथा की कहानियां बच्चों को इसे पढ़ने के लिए अपनी ओर खींचती थीं. इन कहानियों ने न सिर्फ़ मनोरंजन किया, बल्कि बच्चों नैतिक शिक्षा देने का काम भी किया.    

अंनत पई का जन्म  

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Anant Pai Creator of Amar Chitra Katha: अनंद पई का जन्म 17 सितंबर 1929 को कर्नाटक राज्य के कार्कल शहर में हुआ था. कहते हैं कि जब वो मात्र 2 वर्ष के थे, तब उनके माता-पिता का निधन हो गया था. वहीं, वो 12 की उम्र में मुबई आए और अपने आगे का जीवन जिया. उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा मुंबई विश्वविद्यालय से पूरी की और इसके बाद वो Times of India के Comics Division ‘इंद्रजाल कॉमिक्स’ से जुड़ गए. कहते हैं कि अनंत पई पत्रकारिता की पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन बड़े भाई के कहने पर उन्हें केमिकल इंजीनियरिंग करनी पड़ी.    

कहां से आया अमर चित्र कथा आइडिया  

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Anant Pai Creator of Amar Chitra Katha: बात 1967 की है, दूरदर्शन पर एक क्विज़ शो चल रहा था. शो को देखते हुए अनंत पई को एहसास हुआ कि भारतीय बच्चे ग्रीक पौराणिक कथाओं से जुड़े सवालों के जवाब आसानी से दे रहे हैं, लेकिन भारतीय पौराणिक कथाओं पर पूछे गए सवालों के जवाब वो ठीक से नहीं दे पा रहे हैं. 

ये देख उन्हें थोड़ा गुस्सा भी आया और मन दुखी भी हुआ. इसके बाद उन्होंने ठान लिया कि वो बच्चों को भारतीय पौराणिक ज्ञान देकर रहेंगे. उन्होंने एक कॉमिक्स की श्रृंखला निकाली, जो ‘अमर चित्र कथा’ के नाम से लोकप्रिय हुई. अमर चित्र कथा ने न सिर्फ़ भारत बल्कि अनंत पई को विश्व में भी प्रसिद्धि दिलाई.
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कई प्रकाशकों ने कर दिया था मना  

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कहते हैं कि कई प्रकाशकों ने अनंत पई के अमर चित्र कथा का आइडिया ठुकरा दिया था, लेकिन बाद में एक प्रकाशक उन्हें मिला, जिन्हें उनका आईडिया बेहद पसंद आया और इसके बाद शुरू हुआ अमर चित्र की कहानियों का दौर.  

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क्रिएटिविटी के साथ कई पात्रों की रचना की  

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Anant Pai Creator of Amar Chitra Katha: ख़ूबसूरत रंगीन चित्रों के साथ अमर चित्र कथा की कहानियां न सिर्फ़ बच्चों बल्कि बड़ों को भी पसंद आने लगीं. उनकी कहानियों में रामू-श्यामू जैसे पात्र बच्चों के बीच बड़े लोकप्रिय हुए. वहीं, पौराणिक ज्ञान (Amar Chitra Katha Stories In Hindi) भी भर-भरकर बच्चों को दिया जा रहा था. अनंद पई ने भगवान कृष्ण, अभिमन्यु व हनुमान के साथ-साथ सम्राट अशोक, बीरबल और झांसी की रानी जैसी महान भारतीय विरांगना की कहानियां ख़ूबसूरत चित्रों के साथ सामने रखीं. 


साथ ही उन्होंने ‘Tinkle’ जैसी बच्चों की मैगज़ीन भी देने का काम किया. फूहड़ता से दूर ये कॉमिक्स बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें नैतिक शिक्षा का पाठ भी दे रहीं थी.  

साहित्य को अद्भुत रूप से पेश करने के लिए उन्हें ‘हिंदी साहित्य अकादमी’ पुरस्कार से भी नवाज़ा गया. वहीं, 24 फ़रवरी 2011 को कॉमिक्स के एक बड़े रचनाकार और हमारे अंकल पई हम सब को छोड़कर चले गए, लेकिन वो अमर चित्र कथा के ज़रिये हमेशा अमर रहेंगे.    

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