गंज-ऐ-सवाई: औरंगज़ेब का वो जहाज़ जिसे लूट कर Henry Every बन गया था सबसे सफ़ल समुद्री लुटेरा

J P Gupta

समुद्री लुटेरों(Pirates) की बहुत सी कहानियां आपने पढ़ी और सुनी होंगी. मगर क्या आप दुनिया की सबसे सफ़ल समुद्री लूट के बारे में जानते हैं. इसको अंज़ाम दिया था दुनिया के सबसे ख़तरनाक समुद्री डाकू ने, जिसका इतिहास औरंगजे़ब से भी जुड़ा है.

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सबसे सक्सेसफ़ुल लूट का ये क़िस्सा जुड़ा है दुनिया के सबसे ख़तरनाक समुद्री लुटेरों में से एक Henry Every से. ये एक शातिर समुद्री डाकू था जिसे न तो कोई कभी गिरफ़्तार कर पाया, न ही मार सका. इसने 1696 तक मध्य अटलांटिक और भारतीय महासागरों में ख़ूब लूट-पाट की थी. इसके जहाज़ का नाम Fancy था.

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कभी Royal Navy का क्रू मेंबर हुआ करता था

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कहते हैं कि ये कभी Royal Navy का क्रू मेंबर हुआ करता था, जिसने बाद में बगावत कर नेवी के ही जहाज़ पर कब्ज़ा कर लिया था. ख़ुद को समुद्री लुटेरा घोषित करने के बाद Henry ने कई समुद्री जहाज़ों को लूटा. इन जहाज़ों से जाबाज़ लड़कों की फ़ौज भी बनाई जो लुट-पाट में उसके काम आते. इसी बीच Henry को पता चला कि लाल सागर में मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब का एक समुद्री जहाज़ों का बेड़ा ख़जाने के साथ भारत की ओर जाएगा.

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गंज-ऐ-सवाई पर कर दिया हमला

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उसे लूटने के इरादे से वो अपने साथियों के साथ उस ओर बढ़ चला जहां वो समुद्री जहाज़ों का बेड़ा था. बेड़े के पास पहुंचने के बाद हेनरी और उनके साथियों बेड़े के एक जहाज़ पर हमला कर दिया. कुछ देर की गोलीबारी के बाद जहाज़ के कैप्टन ने आत्मसमर्पण कर दिया. 7 सितंबर 1695  को उन्होंने इसी बेड़े में मौजूद मुग़लों के जहाज़ Ganj-i-Sawai पर हमला कर दिया. इसमें दर्ज़नों तोप और क़रीब 400 राइफ़लमैन थे, लेकिन हेनरी ने फिर भी कदम पीछे नहीं हटाए.   

जहाज़ के कप्तान ने दिया धोखा 

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उसने जुआ खेला और गंज-ऐ-सवाई पर ज़बरदस्त हमला किया. पहले उसने मुख्य मस्तूल को काट दिया और फिर उनकी तोपों को ख़राब कर दिया. इससे पहले की जहाज़ के सिपाही कुछ समझ पाते उसके साथियों ने अपने जहाज़ से उस पर हमला कर दिया. आमने-सामने की लड़ाई में भारतीय सैनिकों ने उनका डटकर मुक़ाबला किया. मगर उनके जहाज़ के कप्तान ने उनको धोखा दिया और भाग खड़ा हुआ. इसके बाद समुद्री लुटेरों ने उस जहाज़ पर कब्ज़ा कर सभी यात्रियों को बंदी बना लिया.

करोड़ों रुपये की थी लूट

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कहते हैं कि इस जहाज़ से उन्हें क़रीब 6 करोड़ रुपये के हीरे-जवाहरात आदि मिले थे. इस लूट को साथियों में बांटने के बाद हेनरी अपने जहाज़ को लेकर कहीं चला गया. कुछ लोग कहते हैं कि वो किसी द्वीप पर जा बसा तो कुछ कहते हैं कि वो यूरोप या फिर अमेरिकन कॉलोनियों में जाकर रहने लगा था. इस लूट के बाद मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब और ब्रिटिश नेवी के सैनिकों ने उसकी ख़ूब तलाश की, उस पर ज़िंदा या मुर्दा पकड़ने पर भारी इनाम भी रखा, लेकिन सब व्यर्थ गया.   

Henry कभी किसी के हाथ नहीं आया. उसका क्या हुआ और वो कहां छुपा बैठा था ये गुत्थी आज तक सुलझ नहीं पाई है.   

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