रोज़ साबुन से रगड़-रगड़ नहाने वालों क्या देश के पहले स्वदेसी साबुन के बारे में जानना चाहते हो?

Akanksha Tiwari

हम रोज़ साबुन से रगड़-रगड़ कर नहाते हैं. शरीर को साफ़-सुथरा और सुंगधित रखना है, तो साबुन लगाना ही पड़ेगा. पर क्या साबुन लगाते वक़्त आपने इसके इतिहास के बारे में सोचा है? यानि हिंदुस्तान में पहली बार साबुन कब आया और किस कंपनी ने इसे मार्केट में लॉन्च किया. देश का पहला साबुन कैसा दिखता था. वगैरह… वगरैह… अगर आपने इस बारे में नहीं सोचा है, तो सोचना चाहिये. ताकि जब भी हमसे कोई ऐसे सवाल करे, तो हमें उसकी पूरी जानकारी हो.  

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देश का पहला साबुन

आज़ादी से पहले देश में साबुन का पहला स्वदेशी कारखाना जमशेद जी टाटा ने लगवाया था. जमशेद जी टाटा ने 1918 में कोच्चि में Tata Oil Mills का कारखाना खोला. 1930 में टाटा कंपनी ने मार्केट में पहला साबुन उतारा. साबुन का नाम था ‘OK’. यानि ‘OK’ भारत का पहला नहाने वाला साबुन था.
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अब इसका विज्ञापन देखिये:

टाटा ग्रुप ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिये ज़बरदस्त मार्केटिंग प्लानिंग की. साबुन अच्छा था और उसका विज्ञापन भी ज़बरदस्त था. दुख की बात ये है कि अच्छी ब्रांडिंग करने के बाद भी हिंदुस्तान का पहला स्वदेशी ब्रांड भारत में टिक नहीं सका. आखिर क्या थी, जो काफ़ी प्लानिंग के बाद साबुन सफ़ल नहीं हो पाया?   

हिंदुस्तान में क्यों नहीं चला OK?

जानकारों के मुताबिक, उस समय लोग ख़ुशबूदार साबुन का इस्तेमाल कम करते थे. अधिकतर लोग बेसन वगैरह जैसी देसी चीज़ों से नहाया करते थे. इसके साथ ही मार्केट में Lifebuoy भी मौजूद था. किफ़ायती दाम वाला Lifebuoy मार्केट में टाटा ब्रांड को कड़ी टक्कर दे रहा था. OK के आने के बाद Lifebuoy ने भी अपनी मार्केटिंग रणनीति बदल ली.  

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कम दाम में Lifebuoy लोगों को शरीर के कीटाणु मारने वाला प्रोडक्ट दे रहा था. वहीं OK अपने सुहावने विज्ञापन के ज़रिये लोगों का ध्यान खींचना चा रहा था. हांलाकि, ऐसा ज़्यादा दिन तक नहीं चला. उस समय हर किसी के पास इतना नहीं था कि वो महंगे साबुन पर ज़्यादा पैसे ख़र्च करे. बस इसके बाद क्या था. ज़्यादातर भारतीय Lifebuoy की ओर भागने लगे. वहीं कुछ अपने देसी जुगाड़ों से ख़ुश थे.

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बस इन्हीं कारणों से Tata Brand का ‘OK Soap’ मार्केट में अपनी जगह नहीं बना पाया. इसके बाद देखते-देखते ये साबुन मार्केट से ग़ायब हो गया.

OK, तो समझ आया न कि हिंदुस्तान का पहला बड़ा साबुन OK था, जो लोगों को बिल्कुल ओके नहीं लगा.  

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