Cultural Practices Of Harappan Era: हड़प्पा को हम सिंधु सभ्यता के तौर पर भी जानते हैं. ये क़रीब 5,000 साल से भी अधिक पुरानी भारतीय उपमहाद्वीप की सभ्यता है. पूरी दुनिया के लिए ये सभ्यता हैरानी की वजह रही है, क्योंकि, उस वक़्त ये एक नगरीय सभ्यता थी. यहां समकोण पर एक-दूसरे को कांटती सड़के थीं और बेहतरीन जल निकासी की व्यवस्था थी. व्यापार भी काफ़ी समृद्ध था.
ये भी पढ़ें: संस्कृत की इन 10 किताबों में समाहित है भारत की संस्कृति और सभ्यता का अनमोल खज़ाना
मगर सबसे दिलचस्प बात ये है कि जहां दुनिया की सारी प्राचीन सभ्यताएं ख़त्म हो गईं. वहीं, हड़प्पा सभ्यता का कल्चर आज भी भारतीय उपमहाद्वीप में साफ़ नज़र आता है. आज हम आपको ऐसी ही चीज़ों के बारे में बताएंगे, जो हड़प्पा काल की संस्कृति में भी ही देखने को मिलती थीं और आज भी भारत में जारी हैं.
Cultural Practices Of Harappan Era
1. मांग टीका
मांग टीका को तिलक भी बोला जाता है. ये एक ज्वेलरी है, जिसे महिलाएं पहनती हैं. इसकी शुरुआत हड़प्पा काल से ही हो गई थी. उस दौर की टेराकोटा मूर्तियों में भी इन्हें पहने हुए देखा जा सकता है. इसके अलावा 200-100 ईसा पूर्व पुरानी भरहुत स्तूप की एक महिला की मूर्ती को भी तिलक पहने देखा जा सकता है.
2. चूड़ियां
चूड़ियों को कंगन भी बोलते हैं. भारत में ज़्यादातर महिलाएं इसे पहनती हैं. प्राचीन काल से विभिन्न धातुओं, कांच, शंख, सीलिंग-मोम और हाथी दांत से चूड़ियां बनाने की परंपरा है. महिलाओं द्वारा चूड़ियां पहनने की संस्कृति का पता हड़प्पा संस्कृति से लगाया जा सकता है. मोहनजोदड़ो से प्राप्त नर्तकी की मूर्ति में उसे चूड़ियां पहने देखा जा सकता है.
3. कमरबंध या कमर की चेन
ऐसा माना जाता है कि कमरबंध महिलाओं द्वारा हज़ारों साल पहले से पहना जा रहा है. हिंदू महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली कमरबंध का पता हड़प्पा परंपरा से लगाया जा सकता है. प्राचीन सभ्यता के समय की मूर्तियों और चित्रों में इसे देखा जा सकता है. इसके कुछ उदाहरण हड़प्पा टेराकोटा की आकृति में देखे जा सकते हैं.
4. पायल
5. स्वास्तिक
स्वस्तिक हज़ारों वर्षों से हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक रहा है. आज भी लोग घरों, मंदिरों में और ख़ासकर पूजा के दौरान इस प्रतीक का इस्तेमाल करते हैं. हड़प्पा सभ्यता के दौरान भी ये एक पवित्र प्रतीक था. खुदाई में सिंधु घाटी से प्राप्त मुद्रा और और बर्तनों में स्वास्तिक का चिन्ह खुदा हुआ मिला है.
6. स्नानागार
7. योग
योग एक सदियों पुरानी ज्ञान परंपरा है, जो हमें संकुचन से विस्तार, भय से प्रेम और अलगाव से एकता की ओर बढ़ने में मदद करती है. आज पूरी दुनिया शारिरिक और मानसिक तौर पर फ़िट रहने के लिए योग कर रही है. 21 जून को अंतरर्राष्ट्रीय योग दिवस भी मनाया जाता है. योग हालांकि, काफ़ी प्राचीन हैं, मगर हड़प्पा काल में भी ये प्रैक्टिस किया जाता था. हड़प्पा व मोहनजोदड़ों की खुदाई में पद्मासन की मुद्रा में मूर्ति मिली है. इससे स्पष्ट है कि उस वक़्त भी हमारे यहां योग विधा विद्यमान थी. (Cultural Practices Of Harappan Era)
8. अग्नि वेदी
Cultural Practices Of Harappan Era: ऐसी ही दूसरी चीज़ें भी हैं, जो हड़प्पा काल से भारत में जारी हैं. इनमें पेड़ की पूजा और शिव पूजा के सबूत भी मिले हैं. यही वजह है हम भारत को सबसे पुरानी जीवित सभ्यता के तौर पर भी जाना जाता है.