200 साल से भी पुराने ये 11 घातक हथियार, दुश्मन की किलेबंदी के साथ उसका हौसला भी तोड़ देते थे

Abhay Sinha

पहले ज़माने में लोग लगातार दूसरे देशों पर आक्रमण करते रहते थे. हालांकि, अपने साम्राज्य को फैलाने के लिए दूसरे राज्यों पर चढ़ाई इतनी आसान नहीं हुआ करती थी. इसके पीछे सबसे बड़ी समस्या दुश्मनों द्वारा की जाने वाली किलेबंदी थी. किले की मोटी-मोटी दीवारें और उन पर तैनात सैकड़ों सैनिक आक्रमणकारियों को महीनों तक उलझाए रखते थे.

इस समस्या से निजात पाने और दुश्मनों की घेराबंदी को तोड़ने के लिए कई बड़े और घातक हथियारों का अविष्कार किया गया. ये हथियार इतने विध्वसंकारी होते थे कि एक ही बार में दुश्मन समेत उसकी किलेबंदी के भी परखच्चे उड़ा देते थे. समय के साथ ये हथियार इतने सफ़ल साबित हुए कि इनका ज़्यादातर युद्धों में इस्तेमाल किया जाने लगा.

आज हम आपको कुछ ऐसे ही विध्वसंकारी हथियारों से बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.

1. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इस्तेमाल होने वाली बिग बर्था तोप, 1914

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इस विशाल हॉवित्जर तोप का इस्तेमाल जर्मनी ने WWI के दौरान फ्रेंच और बेल्जियम की किलेबंदी तोड़ने के लिए किया था.

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2. मॉन्स मेग, स्कॉटलैंड में एडिनबर्ग किले में एक विशालकाय तोप, मध्य 15वीं शताब्दी

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मॉन्स मेग का वज़न छह टन है और इसक नाम मॉन्स शहर (बेल्जियम) के नाम पर पड़ा, जहां इसे बनाया गया था. इसे 1457 में स्कॉटलैंड के राजा जेम्स द्वितीय को दिया गया था. इस तोप का इस्तेमाल 15 वीं और 16 वीं शताब्दी किया गया. बाद में साल 1550 में इसे रिटायर कर दिया गया.

3. ए माउंटेड 13-इंच मोर्टार, 1862

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इस मोर्टार का इस्तेमाल यॉर्कटाउन, वर्जीनिया की घेराबंदी के दौरान इस्तेमाल किया गया था.

4. एक काउंटरवेट ट्रेबुशेट, मैंगोनेल और एक पेरियर, 13वीं या 14वीं शताब्दी

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आगे की तरफ़ एक काउंटरवेट ट्रेबुशेट है, जबकि पीछे एक मैंगोनेल है. दोनों काउंटरवेट की सुविधा देते हैं. वहीं, पीछे की तरफ़ एक मानव शक्ति वाला पेरीयर लगा है. ये मशीनें फ्रांस के एक संग्रहालय में हैं और इन्हें मध्य युग से चित्रों और ग्रंथों का उपयोग करके दोबारा बनाया गया है. 

5.  इज़राइल के प्राचीन शहर गामला में पाए गए बलिस्टा स्टोन्स, पहली शताब्दी 

बैलिस्टा गेंदें पहली शताब्दी की हैं, लेकिन पुनर्निर्मित रोमन बैलिस्टा को डी आर्किटेक्चर में मिली जानकारी के आधार पर बनाया गया था. 

6. एक ब्रिटिश निर्मित बीएल 9.2-इंच हॉवित्जर, जिसे ‘बेरदामेडा’ कहा जाता है, 1918

इस भारी घेराबंदी तोप का इस्तेमाल प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सोम्मे पर तैनात ब्रिटिश और ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों द्वारा किया गया था. ‘बेरदामेडा’ के सामने मिट्टी का एक बक्सा है जो काउंटरवेट के रूप में कार्य करता है.

7. एक ब्रिटिश-निर्मित आर्मस्ट्रांग गन, 1865

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आर्मस्ट्रांग बंदूकें अलग-अलग आकार की थीं. इस विशेष बंदूक का इस्तेमाल अमेरिकी गृहयुद्ध के दौरान किया गया था, लेकिन इसके पहले चीन में दूसरे अफीम युद्ध के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया गया था.

8. तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व की डिज़ाइनों के आधार पर पुनर्निर्मित प्राचीन कैटापोल्ट्स

19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में निर्मित ये हथियार बेहद घातक हैं. इनमें पॉलीबोलोस और चॉकोटोनन रिपीट किए जा सकने वाले हथियार हैं. सामने नीचे की तरफ़ रखी मशीन एक लकड़ी की चेन ड्राइव है, जबकि दाहिनी ओर नीचे रखी मशीन एक एरोटनन है.

9. वारसॉ विद्रोह के दौरान प्रयुक्त एक गुलेल, 1944

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1944 के वारसॉ विद्रोह के दौरान गैसोलीन से भरी बोतलों को फेंकने के लिए गुलेल का इस्तेमाल किया गया था. 

10. एक आयरिश बैटरिंग रैम, 1880

1888 में आयरलैंड के वेस्ट क्लेयर में वेंडेल्यूर एस्टेट में लोगों को बेदखली का नोटिस दिया गया था. ऐसे में लोगों ने जब बैरिकेडिंग कर ली तो उन्हें बाहर निकालने के लिए बैटरिंग रैम का इस्तेमाल किया गया था. 

11. एक जर्मन लेदर तोप, 17वीं शताब्दी

आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकने के लिए इस तोप को बनाया गया था. इसे बनाने के लिए लोहा, तांबा, लकड़ी के साथ चमड़े का भी इस्तेमाल किया गया था.

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