हॉलीवुड की फ़िल्म पाइरेट्स ऑफ़ द कैरेबियन (Pirates of the Caribbean) तो आप सभी देखी ही होगी. इस फ़िल्म में ‘समुद्री लुटेरों’ की कहानी दिखाई गई थी. इस दौरान आपने समुद्री लुटेरों को अपनी की एक आंख पर काले कपडे से ढके हुए ज़रूर देखा होगा. आज भी अधिकतर लोगों को यही लगता है कि आंख में चोट लगने की वजह से ऐसा किया जाता है, लेकिन ये सच नहीं है. क्या आप जानते हैं ‘समुद्री लुटेरे’ ऐसा क्यों करते हैं?
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जानकारी दे दें कि जब कोई इंसान उजाले से अंधेरे में जाता है, तो हमारी आंखों की पुतलियां फ़ैल जाती हैं. ऐसा इसलिए होता है, ताकि वो अधिक प्रकाश को ग्रहण कर अंधेरे में भी देख सकें, लेकिन जब अंधेरे कमरे से निकलकर हमारी आंखें प्रकाश के संपर्क में आती हैं तो वो तुरंत ही प्रकाश के अनुसार ढल जाती हैं. विज्ञान के इसी नियम के तहत ‘समुद्री लुटेरे’ अपनी आखं पर काले रंग की पट्टी लगाते हैं.
आख़िर ऐसा क्यों करते हैं?
दरअसल, ‘समुद्री लुटेरों’ को मुश्किल वक्त में जहाज़ के ‘डेक’ में जाकर मोर्चा संभालना होता है. ‘डेक’ जहाज़ की वो जगह होती है जहां काफ़ी अंधेरा रहता है. इस दौरान ये लुटेरे डेक में घुसते ही अपनी आंख की काली पट्टी (पैच) को हटा देते हैं, ताकि अंधेरे में उन्हें चीज़ें आसानी से दिखाई दे सकें. यही मुख्य कारण है कि ‘समुद्री लुटेरे’ अक्सर अपनी एक आंख को पैच से ढके नज़र आते हैं.
प्रकाश वाली जगह से अंधेरे कमरे में प्रवेश करने के क़रीब 25 मिनट बाद ही आंख पूरी तरह से सही स्थिति में देख पाती हैं. दिनभर काले कपड़े से ढके जाने की वजह से ये आंख अंधेरे में आसानी से समायोजित हो जाती है. इसलिए ‘समुद्री लुटेरे’ अंधेरे में इसका फ़ायदा उठाने के लिए अपनी एक आंख को दिनभर ढककर रखते हैं.
पायलटों के लिए बनी एक सैन्य नियमावली में कहा गया है कि ‘अंधेरे में एकदम से कोई चमकदार रोशनी पड़ने से आंखों के सामने कुछ देर के लिए अंधेरा छा जाता है. इस स्थिति में यदि पायलट अपनी एक आंख बंद कर लें, तो वो आंख अंधेरे के लिए अनुकूल बनी रहेगी’. ‘समुद्री लुटेरों’ ने इसी बात का फ़ायदा उठाना शुरू कर दिया है.
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि समुद्री लुटेरे कितने शातिर होते हैं.
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