Himachal soldier Martyred in Leh Army Vehicle Accident: लद्दाख (Ladakh)में हुई सड़क दुर्घटना में शिमला (Shimla) के रहने वाले नायक विजय कुमार (Vijay Kumar) शहीद हो गए थे. सोमवार को उनके पैतृक गांव में उन्हें लोगों ने अंतिम विदाई दी. विजय कुमार के गांव डिमन गांव तक जगह-जगह पर स्कूल के बच्चे और स्थानीय निवासी विजय कुमार के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े रहे. विजय कुमार अपने पीछे माता-पिता बड़े भाई और अपनी पत्नी और दो बच्चों को छोड़ कर गए हैं.
दुल्हन के लिबास में पत्नी ने दी शहीद पति को विदाई
Wife Bid Farewell To Havildar Vijay Kumar In Bridal Dress: शहीद विजय कुमार की पत्नी नीलम शर्मा को एक तरफ अपने पति की मौत का दुख है तो दूसरी ओर उन्हें उनकी शहादत पर गर्व भी है. उनका रो-रो कर बुरा हाल है. दुल्हन के लिबास में उन्होंने अपने पति को अंतिम विदाई दी. वहीं, 6 साल के बेटे दक्ष और बड़े भाई के बेटे अभय ने मुखाग्नि दी.
शहीद विजय कुमार की माता ने कहा कि आज पूरे देश को उनके बेटे पर गर्व हो रहा है. विजय कुमार बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे. अपने बेटे विजय की तरह वो अपने पोतों को भी सेना में भेजेंगी.
विजय के पिता बाबूराम शर्मा ने कहा, मेरा बेटा शेर था. 17 वर्ष उसने मातृभूमि की रक्षा की है. देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है. उसके जाने का दुख है, लेकिन गर्व अधिक है. वो अपने बेटे और साथ में शहीद हुए अन्य जवानों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
बचपन गरीबी में गुज़रा, कड़ी मेहनत के बाद ज्वॉइन की भारतीय सेना
शहीद विजय कुमार की बचपन बेहद ग़रीबी में गुज़रा. उनकी मां ने बकरियां पालकर उनकी पढ़ाई का खर्चा निकाला. विजय को शुरू से ही पढ़ाई और खेल-कूद में दिलचस्पी थी. कड़ी मेहन के बाद वो साल 2004 में भारतीय सेना में भर्ती हुए.
गांव के लोगों ने बताया कि शहीद नायक विजय कुमार बेहद मिलनसार स्वभाव के थे. उनकी मां ने गरीबी में दिन काटे और मुश्किल के साथ घर परिवार का गुजर-बसर किया. सेना में भर्ती होने के बाद विजय कुमार न सिर्फ़ अपने घर-परिवार की जिम्मेदारी संभाली बल्कि वे गांव के बच्चों को भी भारतीय सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया.
वो जब भी छुट्टियों में आते, तो बच्चों को सेना में जाने की ट्रेनिंग देते और साथ ही उन्हें खेलों की भी जानकारी देते थे.
सड़क दुर्घटना में हुई शहादत
शनिवार को लद्दाख में लेह के पास सेना का एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. जिसके बाद सेना का ट्रक अचानक खाई में जा गिरा. इसमें सेना के 10 जवान सवार थे, जिनमें से 9 की मौत हो गई थी. इन्हीं जवानों के बीच नायक विजय कुमार भी थे, जो इसी दुर्घटना में शहीद हो गए.
बता दें, विजय कुमार ने घर पर जल्द छुट्टियों में वापस लौटने की बात कही थी, लेकिन नियति ने उन्हें अपना वादा पूरा नहीं करने दिया. वो अपनी ड्यूटी निभाते हुए वो शहीद हो गए और उनकी शहादत को आज पूरा देश सलाम कर रहा है.
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