दिल्ली में 108 फ़ुट ऊंचे झंडेवालान मंदिर का इतिहास जान लो, इसके बनने की कहानी एक सपने से जुड़ी है

Kratika Nigam

History Of Jhandewalan Mandir: दिल्लीवासियों की तो रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है, झंडेवालान मंदिर. ये मंदिर करोल बाग मेट्रो स्टेशन और झंडेवालान मेट्रो स्टेशन जाने वाले लोगों को रोज़ दिखता है. इसके तेज़ के आगे शायद ही कोई सिर हो जो न झुके. ये मंदिर दिल्ली की शान और पहचान दोनों है तभी तो टीवी शोज़ में दिल्ली के सीन में इस मंदिर को ज़रूर दिखाया जाता है. दिल्ली में जो भी बाहर से आता है वो यहां दर्शन करने ज़रूर जाता है.

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हनुमान जी का ये मंदिर अपने अंदर कई कहानियां और इतिहास समेटे है तो चलिए जानते हैं कि इस मंदिर के बनने के पीछे की कहानी क्या है और इसका इतिहास (History Of Jhandewalan Mandir) कितना पुराना है?

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किवदंती के अनुसार, इस स्थान पर कभी एक छोटी हनुमान मूर्ति और भगवान शिव की धुना (पवित्र राख का बर्तन) हुआ करता था. कहते हैं स्वर्गीय महंत नागा बाबा सेवागीर जी महाराज अक्सर अपने शिष्यों से कहा करते थे कि वो इस जगह पर तपस्या करते थे. एक बार भगवान हनुमान उनके सपने में आए और अपनी एक बड़ी प्रतिमा स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की. इस सपने को देखने के बाद, उन्होंने इस स्थान पर हनुमान मंदिर का निर्माण करने का निर्णय लिया.

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बाबाजी के सपने के बाद साल 1994 में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ और इस परियोजना को पूरा करने में लगभग 13 साल लग गए. 30 मार्च 2006 को बाबाजी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में ज्वालाजी मंदिर से पवित्र ज्योति लेकर आए, जो आजतक मंदिर में लगातार जल रही है.

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आज के समय में हनुमान जी की ये 108 फ़ुट ऊंची मूर्ति दिल्लीवासी हों या दिल्ली से बाहर के सभी के लिए आकर्षण का केंद्र है. इसमें वैष्णो देवी की तरह ही एक गुफ़ा बनी है. इस गुफ़ा में पिंडी नामक एक पवित्र चट्टान है और गंगा नदी के स्वरूप पवित्र जल बहता है. मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक खुले मुंह वाला राक्षस जिसकी मृत्युशय्या पर हनुमान जी की मूर्ति बनी है. मूर्ति के तल पर, मूर्ति के चरणों के बगल में, देवी काली को समर्पित एक मंदिर है.

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मंगलवार और शनिवार को आरती के बीच में हनुमान जी की भुजाएं, जो उनकी छाती पर हैं वो टेक्नॉलजी के ज़रिए खुलती हैं, जिससे भक्तों को हनुमान जी के हृदय में भगवान श्री राम और देवी सीता के दर्शन ठीक वैसे मिलते हैं, जैसा कि रामायण में दिखाया गया है.

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मंदिर परिसर में भगवान हनुमान के अलावा, ‘शिरडी के साईं बाबा’, ‘द्वारका के देवता’ और ‘शनि महाराज जी’ का भी मंदिर स्थित है. भगवान को प्रसाद के रूप में काला कपड़ा, चाकू, सरसों का तेल, मिट्टी का दीपक, गुड़, चना, घोड़े की दाल (Horse Bean), तिल, फूल और नींबू आदि चढ़ाया जाता है.

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आपको बता दें, मंगलवार को भगवान हनुमान जी का दिन मानने की वजह से यहां भक्तों की काफ़ी भीड़ उमड़ती है. हनुमान जयंती के त्यौहार के दौरान, झंडेवालान हनुमान मंदिर दिल्ली के सबसे व्यस्त मंदिरों में से एक बन जाता है. अन्य त्यौहार जैसे, ‘राम नवमी’, ‘शिवरात्रि’, ‘नवरात्रि’ और ‘जन्माष्टमी’ भी इस मंदिर में भव्य तरीके से मनाए जाते हैं.

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