अतुल्य भारत: देश के 6 ऐसे मंदिर जहां किसी दैवी शक्ति की नहीं बल्कि पशुओं की होती है पूजा

Sanchita Pathak

Temples Dedicated To Animals. हिन्दू धर्म (Hinduism) हर जीव-जन्तू का सम्मान करना सीखाता है. निम्न से निम्न प्रजाति से लेकर उच्च से उच्च शक्तियों तक सभी के प्रति प्रेम और सद्भावना रखने के लिये कहा जाता है. हिन्दू धर्म में न सिर्फ़ पेड़-पौधों, नदियों बल्कि पशुओं की भी पूजा की जाती है.

कई ऐसे देवता भी हैं जिनका आधा शरीर मनुष्य का और आधा पशु का है. जैसे भगवान गणेश, भगवान नरसिंह आदि. पशु कितने सम्माननीय हैं यह इसी से समझा जा सकता है. ज़ाहिर है देशभर में ऐसे कई मंदिर होंगे जो पशुओं को समर्पित होंगे.   

चलिये आज उन्हीं मंदिरों के दर्शन करते हैं-  

1. करणी माता मंदिर, राजस्थान 

राजस्थान (Rajasthan) के बिकानेर (Bikaner) से 30 किलोमीटर की दूरी पर है देशनोक (Deshnok). यहां करणी माता का मंदिर हैं जहां चूहों का सम्मान किया जाता है. आमतौर पर चूहे घर पर दिख गये तो उन्हें पकड़ने या मारने के ही तरीके अपनाये जाते हैं. इस मंदिर में 25000 से ज़्यादा चूहे रहते हैं और इंसानों के साथ ही खाते-पीते हैं. कहते हैं कि करणी माता का पुत्र, लक्ष्मण कपिल सरोवर में पानी गया था लेकिन वो डूबकर मर गया. करणी माता यम के पास अपने बच्चों के जीवित की आशा लेकर पहुंची. यम ने तो पहले माना किया लेकिन बाद में करणी माता से कहा कि उनके बच्चे चूहे बनकर पैदा होंगे.

अगर किसी के पैरों तले आकर किसी चूहे कि मौत हो जाती है तो एक चांदी का चूहा चढ़ाना पड़ता है.

2. गलताजी मंदिर, राजस्थान  

राजस्थान के जयपुर (Jaipur) से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है गलताजी मंदिर (Galtaji Temple). प्रकृति के सौंदर्य और अद्भुत वास्तुकला के मंदिरों में जाकर किसी का भी मन शांत हो जायेगा. कहते हैं गालव नामक ऋषि ने यहां तपस्या की थी. गलताजी मंदिर में असंख्य बंदर, लंगूर रहते हैं. यहां कई कुंड है और भगवान राम, भगवान कृष्म और हनुमान जी के मंदिर हैं. यहां का गलता कुंड कभी नहीं सूखता.  

3. सापों को समर्पित मंदिर 

भारत में सांपों को समर्पित कई मंदिर हैं, जैसे- भुजंग नाम मंदिर, गुजरात (Bhujang Naga Temple, Gujarat), तिरुनागेश्वरम मंदिर, तमिलनाडु (Tirunageshwaram Temple, Tamil Nadu), मन्नारासाला मंदिर, केरल (Mannarasala Temple, Kerala) आदि. नाग पंचमी के दिन भारत में नागों की पूजा होती है.  

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4. चन्नापाटना मंदिर, कर्नाटक  

कर्नाटक (Karnataka) के चन्नापाटना (Channapatna) के दक्षिण में Agrahara Valagerehalli गांव में एक ऐसा मंदिर हैं जहां श्वान यानी कुत्तों की पूजा होती है. गांववालों के पास भी इस बात की सही जानकारी नहीं है कि आख़िर कुत्तों के लिये मंदिर यहां किसने बनाया था. मंदिर के अंदर एक सफ़ेद और भूरे रंग के कुत्ते की मूर्ति है जिसकी पूजा होती है. स्थानीय निवासियों का मानना है कि कुत्ते वफ़ादार, भरोसेमंद होते हैं और वो उनके गांव को किसी भी बुरी घटना से बचायेंगे.  

Inuth

5. नंदी मंदिर, बेंगलुरू 

बेंगलुरू (Bengaluru) में बैल का मंदिर है. यहां शिव के वाहन नंदी की एक विशालकाय मूर्ति है, जिसकी पूजा होती है. कहते हैं कि विश्व भारती नदी इस मूर्ति के पैर से निकलती है. एक और कहानी की मानें तो एक बैल ने इलाके की सारी खेती खा ली थी और उसे नियंत्रित करने के लिये मंदिर बनवाया गया था.  

Think Bangalore

6. चंडी माता मंदिर, छत्तीसगढ़ 

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के महासामंद (Mahasamund) स्थित चंडी माता मंदिर (Chandi Mata Temple) में आरती के समय रोज़ाना भालु आते हैं, पंडित का दिया प्रसाद खाते हैं और मंदिर की 9 बार परिक्रमा करते हैं और चले जाते हैं. ये भालु मंदिर में मौजूद भक्तों को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.  

Navbharat Times

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