क्या इंदौर के हास्य कवि सम्मेलन ‘बजरबट्टू’ के बारे में जानते हैं आप? जानिए कैसे पड़ा इसका ये नाम    

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Indore Bajarbattu Sammelan : सालों से इंदौर (Indore) में रंगपंचमी की पूर्व संध्या को हास्य कवि सम्मेलन ‘बजरबट्टू’ मनाए जाने की परंपरा है. अब आप सोच रहे होंगे कि ‘बजरबट्टू’, भला ये भी कोई नाम हुआ? ये कैसा नाम है? इसे सुनकर तो हंसी ही छूट पड़े. तो आपको बता दें कि इस हास्य कवि सम्मेलन का नाम ‘बजरबट्टू’ रखने का यही तो मक़सद है. इसका नाम इसलिए ही रखा गया था कि कोई भी अगर एक बार ये नाम सुने, तो उसे हमेशा याद रहे और इस शब्द को सुनते ही आप खिलखिला कर हंस पड़ें.

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आइए आपको इस हास्य कवि सम्मेलन के बारे में विस्तार से बताते हैं.

बजरबट्टू सम्मेलन का इतिहास

इंदौर में बजरबट्टू कवि सम्मेलन की शुरुआत 1999 से हुई थी. सालों पहले मल्हारगंज में हिंद मालवा के नाम से रंगारंग गेर का आयोजन होता था. इसी दौरान इस कार्यक्रम के आयोजकों को होली व रंगपंचमी के अवसर पर हास्य कवि सम्मेलन करने का विचार आया. इस दौरान इसके आयोजक कार्यक्रम के नाम के लिए एक ऐसा शब्द ढूंढ रहे थे, जिसका नाम सुनते ही लोगों के पेट में गुदगुदी होने लगे. काफ़ी सोच-विचार के बाद आयोजकों की सहमति से इस कार्यक्रम का नाम ‘बजरबट्टू’ रख दिया गया.  

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कैलाश विजयवर्गीय का है अहम योगदान

इस सम्मेलन को पॉपुलर बनाने में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा रोल रहा है. वो यहां हर साल अलग-अलग रूपों में दिखाई देते हैं और लोगों को गुदगुदाते हैं. बीते 14 सालों से वो इस सम्मेलन में भेष बदलकर आते रहे हैं, जिसे देखकर लोगों की हंसी छूट जाती है. उनके लिए मेकअप आर्टिस्ट मुंबई से आते हैं. उनके मेकओवर को करने में घंटों लगते हैं. साल 2019 से उनके नए रूप को पहचानने वाले को ईनाम देने की परंपरा भी शुरू हो गई है. हाल ही में हुए सम्मेलन में वो चाचा चौधरी के अवतार में नज़र आए थे. कैलाश विजयवर्गीय अब तक बजरबट्टू सम्मेलन में शिव भगवान,तांत्रिक,सचिन तेंदुलकर,रॉकस्टार सिंगर,चाणक्य के अलावा कई अन्य रूपों में नज़र आ चुके हैं.

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क्या है ‘बजरबट्टू’ का मतलब?

हमने इस नाम से इंटरनेट पर थोड़ी रिसर्च की तो पाया, कि ‘बजरबट्टू’ एक वृक्ष के फल से निकलने वाले दाने को भी कहा जाता है. इस दाने की माला बनाकर बच्चों को पहनाई जाती है. लोगों का मानना है कि ऐसा करने से बच्चों को किसी की नज़र नहीं लगती है. ये पेड़ ज़्यादातर मालाबार में समुद्र किनारे या श्रीलंका में पाया जाता है. इसके अलावा पहाड़ी नस्ल के एक घोड़े को भी ‘बजरबट्टू’ के नाम से जाना जाता है. ये घोड़ा खच्चर से थोड़ा मिलता-जुलता होता है.

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