महबूब अली ख़ान: हैदराबाद का वो निज़ाम जो एक बार कपड़े पहनने के बाद उन्हें दोबारा नहीं पहनता था

J P Gupta

इतिहासकारों का कहना है कि निज़ाम हैदराबाद में मुग़लों के एजेंट के रूप में आए थे. उन्होंने 1722 में मौक़ा देखते ही ख़ुद को हैदराबाद रियासत का राजा घोषित कर दिया और उससे अपना राज्य. इतिहास में 7 निज़ाम हुए हैं जिन्होंने हैदराबाद पर राज किया. लेकिन इनमें से सिर्फ़ एक थे जिसने पहली बार अंग्रेज़ी यानी वेस्टर्न कपड़े पहनने शुरू किए थे.

दुनिया की सबसे बड़ी Wardrobe

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इनका नाम था महबूब अली ख़ान. ये हैदराबाद के छठे निज़ाम थे. इन्हें कपड़े पहने का बहुत शौक़ था. वो जो एक ड्रेस पहन लेते थे उसे दोबारा नहीं पहनते थे. जिसका नतीजा ये हुआ कि उनके पास दुनिया की सबसे बड़ी अलमारी बन गई. ये अलमारी उनके घर पुरानी हवेली के दाहिने हिस्से में बनी थी. इसकी लंबाई 240 फ़ीट थी और इसमें कपड़ों के अलावा जूते और दूसरी एसेसरीज़ से भरी पड़ी थी.

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पुराने कपड़े फेंक कर नए कपड़े रखे जाते थे

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महबूब अली ख़ान ने इनको(ड्रेस) रखने के लिए 124 अलमारियां ख़रीदी थीं. इनके पास ही चेंजिंग रूम बने थे. इनमें नए कपड़े रखे जा सकें इसलिए पुराने कपड़ों को फेंकना पड़ता था. हैदराबाद की  पुरानी हवेली में बस एक ही अलमारी बची है. इसमें एक टोपी और दो जोड़ी बूट रखे हैं. इसे अब एक म्यूज़ियम बना दिया गया है. बूट्स को देख पता चलता है कि इन्हें एक ही बार पहना गया होगा, क्योंकि इसमें लंदन की कंपनी(जहां ये बने थे) की मुहर लगी दिखाई देती है.

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अलमारी में लिफ़्ट भी लगी थी

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उनकी जो Wardrobe उसमें लिफ़्ट भी लगी थी. इसे हाथ से चलाया जाता था. इसकी जो अलमारियां थीं, उन्हें बर्मा से आई टीक की लकड़ी से बनाया गया था. इसमें दीमक नहीं लगता था. ये Wardrobe आज भी वैसी कि वैसी है जैसे पहले थी. इस अलमारी का ज़िक्र Legendotes Of Hyderabad नाम की किताब़ में किया गया है.

सच में निज़ामों के भी क्या ठाठ-बाट होते थे.

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