दुश्मन का सीना चीर देने वाले ये 10 ऐतिहासिक हथियार, करोड़ों रुपयों में हुए थे नीलाम

Abhay Sinha

इंसानों का अतीत से ख़ासा लगाव होता है. बीते दौर के खान-पान, रहन-सहन और संघर्ष को जानने की हम सभी में जिज्ञासा रहती है. यही वजह है कि लोग ऐतिहासिक चीज़ों को हासिल करने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं. ख़ासतौर से ऐतिहासिक हथियारों के लिए वो बड़ी-बड़ी रकम चुकाने से भी गुरेज़ नहींं करते.

ऐसे में आज हम उन मध्यकालीन हथियारों के बारे में बताएंगे, जिन्हें ख़रीदने के लिए लोगों पानी की तरह पैसा बहा दिया. 

1. 13वीं शताब्दी का एक कामकुरा कटाना

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ये एक जापानी समुराई तलवार है. इनका जापान के इतिहास में सांस्कृतिक महत्व है. ऐसी सिर्फ़ 125 तलवारें ही बची हैं. 1992 में डॉ. वाल्टर एम्स कॉम्पटन ने अपने कलेक्शन की कई तलवारों को बेचा था. उनमें 13वीं शताब्दी का एक कामकुरा सबसे महंगा बिका था. इसे एक गुमनाम शख़्स ने 418,000 डॉलर यानि क़रीब 3.56 करोड़ रुपये में ख़रीदा था.

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2. एडमिरल लॉर्ड नेल्सन के फ्रांसीसी ऑफ़िसर तलवार

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एडमिरल होरेशियो नेल्सन एक माने-जाने लीडर थे. नेपोलियन वॉर में उन्होंने कई युद्धों में भाग लिया. 1805 में ट्राफलगर की लड़ाई के दौरान वो मारे गए. बाद में उनके सामान की नीलामा हुई थी, तो इस तलवार के लिए 541,720 डॉलर यानि क़रीब 4 करोड़ रुपये मिले.

3. 17वीं सदी की भारतीय तलवार ब्लेड

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इस तरह की घुमावदार तलवार का इस्तेमाल पैदल और घुड़सवार सैनिक करते थे. साल 2007 में इस तलवार को 717,800 डॉलर यानि क़रीब 5.32 करोड़ रुपये में नीलाम किया गया था. इतिहाकारों की माने, इस तलवार को इंपीरियल कोर्ट के लिए डिज़ाइन किया गया था, जिसका इस्तेमाल स्वयं सम्राट ने किया था.

4. कियानलॉन्ग इंपीरियल हंटिंग नाइफ

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किंग राजवंश के छठे सम्राट कियानलॉन्ग ने 1735 से 1796 तक शासन किया था. उनके इंपीरियल हंटिंग नाइफ में सोने और कई रत्न से काम हुआ था. चाकू का मूठ हिरण की सींग का बना था. वहीं, इसकी खुरपी गैंडे की सींग से बनी थी. ये चाकू 1.24 मिलियन डॉलर यानी क़रीब 9.20 करोड़ रुपये  में नीलाम हुआ था.

5. यूलिसिस एस ग्रांट की तलवार

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ये तलवार संयुक्त राज्य अमेरिका के 18वें राष्ट्रपति यूलिसिस एस. ग्रांट की थी. केंटकी के लोगों ने उन्हें ये तलवार अमेरिका की सेनाओं के जनरल इन चीफ़ बनने पर गिफ़्ट की थी. तलवार पर शुद्ध चांदी, सोने और हीरे का काम किया गया था. तलवार की ग्रिप पर विजय की देवी और एक चील पंंख फैलाए बनी थी. 2007 की एक नीलामी में इसे 1.6 मिलियन डॉलर यानि क़रीब 11.87 करोड़ रुपये में बेचा गया था.

6. द जेम ऑफ़ द ओरिएंट नाइफ़

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1966 में बस्टर वारेन्स्की द्वारा डिज़ाइन किया गया द जेम ऑफ़ द ओरिएंट नाइफ़ को बनने में 10 साल लगे थे.  इसमें 153 पन्ना, 9 हीरे और बहुत सारा सोना जड़ा गया था. ये दुनिया में सबसे महंगा बिकने वाला चाकू है. इसे 2.1 मिलयन डॉलर यानि क़रीब 15.58 करोड़ रुपये में नीलाम किया गया था.

7. शाहजहां का खंजर

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मुगल शासक शाहजहां ने 1628 और 1658 के बीच शासन किया था. इस खंजर पर शाहजहां का नाम, उनका ओहदा,  जन्म की तारीख़ वगैरह सोने से लिखी गई है. इसका खोल भी बेहतरीन कारीगरी का नमूना है. साल 2008 में लंदन में हुई एक नीलामी में इसे 3.3 मिलियन डॉलर यानि क़रीब 24.49 करोड़ रुपये में बेचा गया था.

8. नसरिद काल से 15वीं शताब्दी के ईयर-डैगर

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ईयर डैगर उत्तरी अफ्रीका में बना था. मगर इसका इस्तेमाल 15वीं और 16वीं शताब्दी में यूरोप में हुआ. डबल ब्लेड वाले इस डैगर पर शिकार के दृश्य बने हैं. 2010 में इस डैगर को 6 मिलयन डॉलर यानि क़रीब 44.53 करोड़ में नीलाम किया गया था.

9. नेपोलियन बोनापार्ट की सुनहरी तलवार

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माना जाता है कि नेपोलियन के इस तलवार की डिज़ाइन की प्रेरणा मिस्र से ली गई है. इस तलवार पर सोने से खूबसूरत नक़्क़ाशी की गई है, चालीस इंच लंबी इस तलवार की धार मुड़ी हुई है. नेपोलियन ने इस तलवार का इस्तेमाल जून 1800 में मारेंगो की लड़ाई में किया था. इसके बाद नेपोलियन ने अपने भाई को ये तलवार शादी के उपहार में दे दी थी, जिसके बाद से ये तलवार पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार की विरासत का हिस्सा रही है. इस तलवार को 1978 में राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया गया था. 2007 में इसे 6.5 मिलयन डॉलर यानि क़रीब 48.24 करोड़ रुपये में नीलाम कर दिया गया.

10. 18वीं सदी की बाओ तेंग तलवार

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बाओ टेंग तलवार को किंग राजवंश के दौरान शाही घरेलू विभाग की पैलेस कार्यशालाओं में तैयार किया गया था. इसमें स्टील ब्लेड लगा है, जिसे सोने, चांदी और तांबे से सजाया गया है. पहली बार इसे 2006 में 5.9 मिलियन डॉलर (43.79 करोड़ रुपये) में बेचा गया था. मगर दो साल बाद 2008 में दोबारा जब इसे नीलाम किया गया, तब इस तलवार के लिए 7.7 मिलियन डॉलर (57.15 करोड़ रुपये) मिले. जिस वजह से ये अब तक का सबसे महंगा मध्यकालीन हथियार बन गया है.

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