Somnath Temple Old Pictures. गुजरात (Gujrat) स्थित महादेव का सोमनाथ मंदिर आज दिव्यता को लेकर हमारे सामने है. बीते वक़्त में इस मंदिर पर कई आक्रमणकारियों की बुरी नज़र पड़ी और बहुतों ने इसे क्षति पहुंचाने की कोशिश की. कहते हैं सतयुग (Satayug) में राजा सोमराज ने सोने से, त्रेतायुग (Tretayug) में रावण (Ravan) ने चांदी से और द्वापर युग (Dwaparyug) में श्रीकृष्ण ने लकड़ी और कलयुग(Kalyug) में भीमदेव सोलंकी समेत कई राजाओं ने इसका निर्माण करवाया. इस मंदिर में महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग है.
महमूद गज़नवी(Mahmud Ghaznavi) ने 1026 ईस्वी में इस मंदिर पर आक्रमण किया. मालवा के राजा भोज और अन्हिलवाड़ा(अब पाटन) के सोलंकी राजा भीमदेव प्रथम ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया. ये लकड़ी की बनावट थी. इसके बाद राजा कुमारपाल ने मंदिर को पत्थर से बनवाया.
1296 में अलाउद्दीन खिलजी ने मंदिर को फिर से तोड़ा. सौराष्ट्र के राजा महिपाल देव ने 1308 में मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया. 1375 के आस-पास मंदिर को मुज़फ़्फ़र शाह प्रथम ने तोड़ा. 1451 में महमूद बेगाड़ा ने मंदिर को क्षति पहुंचाई.
1665 में मुग़ल शासक औरंगज़ेब ने मंदिर को तोड़ा. सोमनाथ मंदिर पर आख़िरी आक्रमण 1706 में हुआ. Archaeological Survey क शोध द्वारा भी पता चला है कि इससे पहले इस मंदिर को कई बार बनाया और तोड़ा गया है.
इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर (Ahilyabai Holkar) ने 1783 में प्रभास पाटन में एक मंदिर बनवाया. कहते हैं अहिल्याबाई को स्वप्न में स्वयंभूलिंग ने दर्शन दिया और रानी ने तत्कालीन प्रभाव से मंदिर का निर्माणकार्य शुरू करवाया.
आज़ादी के बाद उप प्रधानमंत्री, सरदार वल्लभ भाई पटेल जूनागढ़ आये और सोमनाथ मंदिर को दोबारा बनाने की आज्ञा दी. Architect प्रभाशंकर सोमपुरा ने ‘नगर’ Architectural Style में मंदिर को बनाया और आज हम उसी सोमनाथ को देखते हैं.
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