अंग्रेजों ने भारत और दूसरे देशों से चुराई थी ये 9 बेशकीमती चीज़ें, जिनकी क़ीमत अरबों रुपये है

Dhirendra Kumar

अब चोरी तो चोरी होती है, भले ही चोरी करने वाला आधी दुनिया पर कब्ज़ा करके बैठा ब्रिटिश साम्राज्य ही क्यों न हो. ब्रिटेन के चोरी के किस्से तो दुनिया में किसी से छुपे भी नहीं है. अगर आपको सुबूत देखना हो तो टिकट कटा कर ब्रिटिश म्यूज़ियम घूम आइये.

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वहां आपको सामान के साथ तख़्ती पर ये पढ़ने को भी मिलेगा कि ये चीज़ किस देश से चुरा कर लायी गयी थी. कुछ सामान साधारण होंगे मगर कुछ बहुमूल्य, बेशक़ीमती!     

चलिए जानते हैं कि वो कौन से सबसे क़ीमती चीज़ें हैं जो अंग्रेजों ने हिंदुस्तान सहित दुनियाभर से चुराई है:

1. कोहिनूर 

मुग़ल बादशाह के मयूर सिंहासन में लगा ये हीरा वर्तमान आंध्र प्रदेश के कोल्लूर खदान में से निकला था. 1849 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे महारानी विक्टोरिया को सौंप दिया गया था. 21.6 ग्राम वजनी 105.6 मीट्रिक कैरेट का ये हीरा आज दुनिया का सबसे प्रसिद्ध और सबसे महंगा रत्न है. वर्तमान में इसे Tower of London के ज्वेल हाउस में रखा गया है.

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2. टीपू सुल्तान की अंगूठी

सन 1799 में जब मैसूर के शासक टीपू सुल्तान अंग्रेजों से एक लड़ाई हार गए और वीरगति को प्राप्त हुए, तो अंग्रेजों ने उसके मृत शरीर से उसकी तलवार और अंगूठी चुरा ली. उनकी तलवार तो भारत लौटा दी गई थी, लेकिन 2014 में उनकी अंगूठी को 1,45,000 पाउंड में नीलाम कर दिया गया. इस अंगूठी पर भगवान राम का नाम देवनागरी में खुदा हुआ है.

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3. शाहजहां का वाइन कप

बहुमूल्य रत्न Jade (हरिताश्म) से बना वाइन कप कभी मुगल बादशाह शाहजहां के मयख़ाने की शोभा बढ़ाता था. 19वीं सदी में कर्नल Charles Seton Guthrie ने इस ख़ूबसूरत वाइन जार चुराकर ब्रिटेन भेज दिया था. 1962 से ये लंदन के Victoria and Albert Museum में रखा गया है.

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4. Rosetta Stone

Rosetta Stone एक ऐतिहासिक पत्थर का टुकड़ा है, जिसपर मिस्र की 3 अलग-अलग भाषाओं में लिखा गया है. 196 ईसा पूर्व में इसे मिस्र के फ़ारोह Ptolemy of granodiorite द्वारा बनाया गया था. इसके विश्लेषण से ही मिस्र की चित्रलिपि को दुबारा पढना सम्भव हुआ है. सबसे पहले नेपोलियन इसे मिस्र से लेकर आया, लेकिन बाद में फ्रांसीसी सेना की हार के बाद अंग्रेजों ने इसे हासिल कर लिया. अब ये लंदन में ब्रिटिश संग्रहालय में रखा हुआ है.

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5. Hevea Brasiliensis के बीज 

ये चोरी किसी सामान की न होकर पौधे की है. जैसे अंग्रेजों ने चीन से चाय के पौधे चुराकर चाय उत्पादन में चीन का वर्चव ख़त्म कर दिया, कुछ ऐसा ही इधर हुआ. ब्राज़ील के Santarém इलाक़े में रबर के ऐसे पेड़ उगते थे जो 140 फ़ीट (43 मीटर) ऊंचे होते थे. एक ब्रिटिश खोजकर्ता और ‘पौधा-चोर’, Henry Wickham ने Hevea brasiliensis रबर पेड़ के 70,000 बीज चुराये और 1875 में लंदन भेज दिया. इसी के साथ ऐमज़ॉन रबर बूम का अंत हो गया.

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6. Benin Bronzes

आधुनिक नाइजीरिया, जिसे पहले बेनिन साम्राज्य के नाम से जाना जाता था, के पास 13वीं सदी की बहुमूल्य कांस्य पांडुलिपियां थी. 1987 में आक्रमण के बाद अंग्रेजों ने 200 से अधिक शास्त्रों को चुरा लिया और उन्हें संग्रहालयों में रख दिया. 

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7. इथियोपियाई पांडुलिपियां

1869 में मगडाला की लड़ाई में इथियोपिया के सम्राट Tewodros II को हराने के बाद अंग्रेजों ने उन पाण्डुलिपियां को हथिया लिया जिसके लिए उन्होंने ये लड़ाई शुरू की थी. आज 12 इथियोपियाई धार्मिक पांडुलिपियों सहित कई महत्वपूर्ण चीज़ें ब्रिटेन में है. 

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8. Elgin Marbles

1803 में Lord Elgin ने ग्रीस के 2,500 साल पुराने Parthenon Wall से संगमरमर चुराकर लंदन ले गया था. इस Athenian Parthenon संगमरमर को अब ‘एल्गिन मार्बल्स’ के जाना जाता है, क्योंकि उन्हें ग्रीक स्मारक से निकाला गया था. ब्रिटिश राजनयिक द्वारा चुराया गया ये संगमरमर अभी भी ब्रिटिश संग्रहालय में है.

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9. अमरावती मार्बल्स

अमरावती के ख़ास संगमरमर वर्तमान में लंदन के ब्रिटिश संग्रहालय में प्रदर्शित हैं. लंदन के ब्रिटिश संग्रहालय में भारत की प्रसिद्ध अमरावती मूर्तियों को दर्शाने वाले संग्रह को रखा गया. लगभग 160 साल पहले, 1859 में अंग्रेजों को खुदाई में मूर्तियां मिली थी जिनको मद्रास से ब्रिटेन भेज दिया गया था.

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कई शताब्दियों तक ब्रिटेन ने भारत को ख़ूब लूटा. एक आर्थिक अध्ययन ने ये अनुमान लगाने की कोशिश की कि अंग्रेजों ने भारत से कितना धन-दौलत अपने देश ले गए – आंकड़ा निकला $45 ट्रिलियन.

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