Shayari On Intezaar: एहसासों को लफ़्ज़ों में बयां करना ही शायरी है. किसी के इंतज़ार को शब्दों में बयां करना ही शायरी है. ये शायरी ही तो है जो हिम्मत देती है दिल के जज़्बात को होंठों तक लाने की. कितने ही शायर हुए जिन्होंने इंतज़ार को शब्द देकर उसे ज़िंदा कर दिया. कितने लोग हैं जो इन शायरियों के ज़रिए अपने इंतज़ार को अपने हमराह तक पहुंचाते हैं क्योंकि इंतज़ार बयां करना मुश्किल है शायद इसीलिए इसे शब्द देने पड़े. इंतज़ार में हौसला और उम्मीद भी ज़रूरी है नहीं तो इंतज़ार टूटते वक़्त नहीं लगता. हो सकता है ये शायरियां (Shayari On Intezaar) आपके इंतज़ार की साथी बने और आपको इंतज़ार करने का मतलब समझाएं और हिम्मत भी दें.
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Shayari On Intezaar
ये रहीं वो शायरियां जो इंतज़ार (Shayari On Intezaar) करने वालों के दिलों को छू जाएंगी:
1. किन लफ़्ज़ों में लिखूं मैं अपने इन्तज़ार को तुम्हें
2. आंखों को इंतज़ार की भट्टी पे रख दिया
3. एक रात वो गया था जहां बात रोक के
4. कहीं वो आ के मिटा दे न इंतज़ार का लुत्फ़
5. जीने की ख़्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं
6. क्यों किसी से इतना प्यार हो जाता है
7. तुम देखना ये इंतज़ार रंग लायेगा ज़रूर
8. तड़प के देखो किसी की चाहत में
9. किश्तों में ख़ुदकुशी कर रही है ये ज़िन्दगी
10. अब कैसे कहूं कि तुझसे प्यार है कितना
11. आंखों को इंतज़ार का दे कर हुनर चला गया
12. ख़त्म होने को है देखो ये चिराग़ों का सफ़र
13. उनकी आवाज़ सुनने को बेकरार रहते हैं
14. तेरे इंतज़ार के मारे हैं हम
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15. फ़ासले मिटाकर आपस में प्यार रखना
16. हाथ की लकीरों पर ऐतबार कर लेना
17. दिल में जो आया वो लिख दिया
18. फिर आज कोई ग़ज़ल तेरे नाम न हो जाये
19. इंतज़ार तो बहुत था हमें
20. उनकी अपनी मर्ज़ी हो
21. वो होते अगर मौत, तो मौत से भी न इंकार होता
22. दूरियां ही सही पर देरी तो नहीं
23. क़िस्मत ने तुमसे दूर कर दिया
24. ज़ख़्म इतने बड़े हैं इज़हार क्या करें
25. झुकी हुई पलकों से उनका दीदार किया
इंतज़ार किसी का भी हो सकता है वो प्यार हो, दोस्त हो, इज़हार हो या फिर इक़रार हो, बस इंतज़ार में उम्मीद बनाए रखना क्योंकि इंतज़ार (Shayari On Intezaar) अक्सर सदियां इज़हार में सदियां ले लेते हैं.