शौर्य गाथा उन 10 छोटी सेनाओं की जिन्होंने जंग के मैदान में अपने से बड़ी सेना को चटाई थी धूल

J P Gupta

सेना(Army) किसी भी देश की हो जब वो पूरे साहस और बहादुरी के साथ किसी दुश्मन का सामना करती है तो क़िस्से तो बनते ही हैं. अतीत में दुनिया ने कई युद्ध देखे हैं. जंग के मैदान में कई बार ऐसा हुआ कि छोटी-सी सेना ने संख्या में अपने से दोगुनी या फिर उससे बड़ी सेना को धूल चटाई है. 

इतिहास(History) के पन्नों से हम आज आपके लिए कुछ ऐसी सैन्य टुकड़ियों की कहानियां लाए हैं जिसमें छोटी सी सेना ने बहुत बड़े और शक्तिशाली दुश्मन को मार गिराया था. 

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1. 4 लाख सैनिकों ने 10 लाख की सेना को पीछे हटने को किया मजबूर

30 नवंबर 1939 को सोवियत संघ की लाल सेना ने फ़िनलैंड पर कब्ज़ा कर उसे अपने क्षेत्र में मिलाने के इरादे से हमला किया. वो 10 लाख थे और फ़िनलैंड के सैनिकों की संख्या 4 लाख. फिर फ़िनलैंड ने हार नहीं मानी उन्होंने भौगोलिक स्थितियों का फ़ायदा उठाते हुए लाल सेना के सैनिकों को कै़द करना शुरू कर दिया. इससे लाल सेना को बहुत हानि हुई और अंत में उन्होंने पीछे हटना ही मुनासिब समझा. 

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2. 60 सैनिक और कुछ किसानों ने 3000 की दुश्मन सेना को खदेड़ दिया  

ये कहानी Hussite Wars का हिस्सा है, जब पोप Oddo Martin V ने बोहेमिया के लोगों को विधर्मी घोषित करते हुए सेना भेज दी थी. 1420 में विटकोव पहाड़ी पर धर्म युद्ध सैनिकों की सेना जिनकी संख्या 3000 थी उन्होंने बोहेमियन्स पर हमला कर दिया. पहाड़ी पर तब 60 सैनिक और कुछ किसान मौजूद थे, सभी ने मिलकर दुश्मन का सामना किया. उन्होंने पहाड़ी से एक बड़ा पत्थर दुश्मनों पर मिलकर लुढ़का दिया, इससे वो डर गए और भाग खड़े हुए. 

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3. ग्रीस की सेना ने इटली की सेना को मार भगाया 

इटली के शासक Benito Mussolini ने 1940 में रोम साम्राज्य को फिर से खड़ा करने के इरादे से ग्रीस पर हमला कर दिया. इटली की सेना में 5 लाख सैनिक थे जबकि ग्रीस के पास 2 लाख ही सैनिक थे. ग्रीस के सैनिकों ने जमकर दुश्मन सेना से लोहा लिया. उन्हें पहाड़ी इलाके और बारिश का भी बहुत फ़ायदा हुआ. नतीजा इटली की सेना को वापस अपने घर लौटना पड़ा. 

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4. प्रथम विश्व युद्ध में एक छोटी सेना ने बड़ी सेना को हराया 

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 1914 रूसी राजा ज़ार निकोलस ने जर्मनी पर हमला कर दिया. जर्मन सैनिक तब 1.5 लाख थे और रूसी सेना संख्या में उनसे दोगुनी. जर्मन्स प्रारंभिक मुठभेड़ के बाद विस्चुला नदी पर पीछे हट गए और सही रणनीति बना कर दुश्मन पर हमला करने लगे. नतीजा उन्होंने युद्ध तो जीता ही 30 हज़ार रूसी सैनिकों को भी मार गिराया, 10 हज़ार को युद्ध बंदी बनाया और 500 से अधिक तोपें हथिया ली. 

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5. जब अफ़गानी पठानों ने ब्रिटिश सेना को हराया था 

ब्रिटेन ने 1838 में अफ़गानिस्तान पर हमला किया. वो हज़ारों एंग्लो-इंडियन सैनिकों के साथ कंधार पहुंचे. उन्होंने शुरुआत में जीत हासिल की मगर अफ़गानों के अंदर बदले की आग सुलग रही थी. 1842 में जब वहां पर अंग्रेज़ों के सैनिकों की संख्या कम हुई तो अफ़गानियों ने विद्रोह किया और फिर से सत्ता हथिया ली. एंग्लो-अफ़गान युद्ध में ब्रिटिश सेना को अंतत: हार का सामना करना पड़ा था. 

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6. जब कोरिया की छोटी सेना ने जापान को खदेड़ भगाया 

16वीं शताब्दी में जापान को एकीकृत करने वाले Toyotomi Hideyoshi नाम के समुराई ने चीन पर हमला करने के इरादे से कोरिया से युद्ध(1592) कर लिया. हिदेयोशी ने 2 लाख से अधिक अनुभवी समुराई और घुड़सवार सैनिकों वहां भेजा था. कोरियाई एडमिरल यी सुन-सेन की सेना छोटी थी पर उसने 10 बार जापानियों को हराया. उनकी नौसेना ने जापान को आगे बढ़ने नहीं दिया और थल सेना ने गुरिल्ला युद्ध कर जापानियों को ख़ूब छकाया. अंत में 1596 में जापानियों को घर वापसी करनी पड़ी. 

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7. जब अंग्रेज़ों को कुछ डच सैनिकों ने छकाया था 

1899 का Black Week ब्रिटिश सेना के लिए किसी बुरे सपने के जैसा था. अंग्रेज़ों ने अफ़्रीका के बोअर गणराज्य और पास के इलाके को अपने साम्राज्य में मिलाने के इरादे से उस पर हमला कर दिया. वहां डच सरकार से स्वायत्तता की तलाश में अफ़्रीका भाग गए कुछ डच लोगों का समूह रहता था. उसने भी युद्ध में हिस्सा लिया. उन्होंने एक सप्ताह में क़रीब 2500 ब्रिटिश सैनिकों को मार गिराया. उन्होंने अफ़्रीका के सैनिकों के साथ मिलकर उन्हें लगभग हरा ही दिया था मगर अंग्रेज़ों को ये जीत काफ़ी महंगी पड़ी थी.

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8. जब रूस की सेना को जापान के हाथों मुंह की खानी पड़ी थी 

जापानी राजा Meiji ने पॉवर में आते ही अपनी सेना को आधुनिक हथियारों और नए युद्ध कौशल से लैस करना शुरू कर दिया. उन्हें डर था कि कहीं रूस उनपर हमला कर उन्हें गुलाम न बना ले. इसलिए जापान की नौसेना ने 1904 में रूस के कई जहाज़ों को टॉर्पीडो से हमला कर नष्ट कर दिया. बाद में युद्ध छिड़ा तो उस वक़्त की सबसे ताकतवर रूसी सेना को जापानियों से मुंह की खानी पड़ी. जापान की आधुनिक थल और नौसेना ने रूस की सेना के छक्के छुड़ा दिए थे. 

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9. जब एक जनजाति के लोगों ने यू.एस. आर्मी को हराया 

अमेरिकी क्रांति से प्रेरित होकर 1783 में मियामी जनजाति के सरदार Michikinikwa Little Turtle ने यू.एस. आर्मी के खिलाफ़ युद्ध का ऐलान कर दिया. उनके सैनिक छिप-छिपकर उन पर वार करते थे. 1791 में Michikinikwa के सैनिकों ने अमेरिकी सेना के लगभग 1000 सैनिकों की टुकड़ी पर धावा बोल दिया. दुश्मन सेना घने जंगल में उनसे युद्ध नहीं कर पाई और उनके 94 फ़ीसदी सैनिक घायल हो गए जिनमें से लगभग 600 मारे गए थे. ये संयुक्त राज्य अमेरिका के ख़िलाफ एक जनजाति की सबसे बड़ी जीत कहलाती है.  

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10. जब उत्तरी चीन में चू के विद्रोहियों ने किन राजवंश को हराया था 

चीन में जब किन राजवंश(Qin Dynasty) का राज था तब उन्होंने उत्तर में विद्रोहियों को कुचलने के लिए अपनी बहुत बड़ी सेना भेजी. यहां चू के एक विद्रोही संगठन के सरदार Zhao ने अपनी रक्षा के लिए एक और विद्रोही राजा को बुलाया जिसका नाम King Huai II था. उनकी सेना में 1.4 लाख सैनिक थे और दुश्मन सेना में 5 लाख. फिर भी उन्होंने बड़ी ही चालाकी से उनका सामना किया. उन्हें घेर कर उनकी राशन सप्लाई रोक दी और ताबड़तोड़ हमले किए. 9 लड़ाइयों में विद्रोहियों की सेना ने किन की सेना को ख़ूब छकाया. अंत में उन्हें पीछे हटना पड़ा. इस युद्ध को Battle of Julu के नाम से जाना जाता है. 

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