भारतीय सेना की इन 15 रेजिमेंट्स के ये जोशीले ‘युद्ध घोष’ जो सैनिकों में जोश भरने का काम करते हैं

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देश की आन बान और शान ‘भारतीय सेना’ हर मुश्किल घड़ी में बड़ी निडरता के साथ देश की रक्षा में डटी रहती है. किसी दुश्मन देश को मुहतोड़ जवाब देना हो या फिर किसी प्राकृतिक आपदा से देश को बचाना. भारतीय सेना के जवान जान हथेली पर रखकर पहली पंक्ति में खड़े रहते हैं. देश की ख़ातिर इन शूरवीरों को मुश्किल से मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ता है. 

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भारत के पास विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है. वर्तमान में सेना में क़रीब 15 लाख एक्टिव सैनिक हैं जबकि क़रीब 12 लाख रिज़र्व सैनिक हैं. भारतीय सेना में कई रेजिमेंट्स हैं और इनकी अपनी अलग-अलग पहचान है. आज हम आपको इन रेजिमेंट्स के उन जोशीले ‘युद्ध घोष’ के बारे में बताने जा रहे हैं जो सैनिकों में जोश भरने का काम करते हैं.   

1- बिहार रेजिमेंट 

ये भारतीय सेना की सबसे पुरानी इंफ़ेंट्री रेजिमेंट है. इसका गठन सन 1941 में किया गया था. इसका हेडक्‍वार्टर बिहार के दानापुर में है. बिहार रेजिमेंट वही है जिसने जून 2020 में ‘गलवान घाटी’ में चीनी सेना को धूल चटाई थी. बिहार रेजिमेंट का युद्ध घोष ‘जय बजरंग बली’ है.

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2- गोरखा रेजिमेंट

भारत की आज़ादी के बाद भारत, नेपाल और ब्रिटेन के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ था. इसके तहत ‘ब्रिटिश इंडियन आर्मी’ की 10 गोरखा रेजीमेंट्स में से 6 इंडियन आर्मी का हिस्‍सा बन गई थीं. गोरखा राइफ़ल्‍स का युद्ध घोष ‘जय मां काली, आयो गोरखाली’ है. 

3- सिख रेजिमेंट 

सिख रेजिमेंट ने ‘कारगिल युद्ध’ के दौरान ‘टाइगर हिल’, ‘हेलमेट’ और ‘इंडिया गेट’ जो टाइगर हिल का पश्चिमी हिस्‍सा है, वहां से दुश्‍मनों को को मार भगाया था. इस रेजिमेंट के नाम 1652 गैलेंट्री अवॉर्ड्स हैं. सिख रेजिमेंट का युद्ध घोष ‘जो बोले सो निहाल सत श्री अकाल’ है.

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4- राजपूताना राइफ़ल्‍स 

राजपूताना राइफ़ल्‍स भारतीय सेना की सबसे पुरानी राइफ़ल रेजीमेंट है. इसका गठन सन 1775 में हुआ था. आज़ादी के बाद से ये रेजीमेंट ही पाकिस्‍तान के ख़िलाफ़ मोर्चा लेती आई है. राजपूताना राइफ़ल्‍स का युद्ध घोष ‘राजा राम चंद्र की जय’ है.

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5- गढ़वाल राइफ़ल्‍स

गढ़वाल राइफ़ल्‍स की स्‍थापना ‘बंगाल आर्मी’ के तहत सन 1887 में हुई थी. ये ‘बंगाल आर्मी’ की 39वीं रेजीमेंट थी. बाद में ये ‘ब्रिटिश आर्मी’ का हिस्‍सा बनी और आज़ादी के बाद इंडियन आर्मी में शामिल हो गई. गढ़वाल राइफ़ल्‍स का युद्ध घोष ‘बदरी विशाल लाल की जय’ है.

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6- कुमांऊ रेजिमेंट 

‘कुमांऊ रेजीमेंट’ की स्‍थापना सन 1813 में हुई थी. देश की सबसे पुरानी रेजिमेंट में से एक ‘कुमांऊ रेजिमेंट’ के युद्ध घोष ‘कालिका माता की जय’, ‘बजरंग बली की जय’, ‘दादा किशन की जय’ और ‘ज्‍वाला माता की जय’ हैं. 

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7- मद्रास रेजिमेंट 

मद्रास रेजिमेंट सेना की सबसे पुरानी इन्फेंट्री रेजिमेंट है. इसकी स्थापना सन 1750 में हुई थी. इस रेजिमेंट ने ‘ब्रिटिश इंडियन आर्मी’ के साथ मिलकर कई योद्धों में हिस्‍सा लिया और आजादी के बाद भी यह सेना का अभिन्‍न अंग बन गई. मद्रास रेजिमेंट का युद्ध घोष ‘वीर मद्रासी, अडि कोल्लू, अडि कोल्लू’ है. 

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8- जाट रेजिमेंट 

ये एक इन्फेंट्री रेजिमेंट है. इस रेजिमेंट ने सन 1839 से 1947 के बीच 19 युद्ध सम्‍मान और आज़ादी के बाद 5 युद्ध सम्‍मान अपने नाम किए हैं. ये रेजीमेंट अब तक 8 महावीर चक्र, 8 कीर्ति चक्र, 32 शौर्य चक्र, 39 वीर चक्र और 170 सेना मेडल हासिल कर चुकी है. जाट रेजिमेंट का युद्ध घोष ‘जाट बलवान, जय भगवान’ है.

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9- डोगरा रेजिमेंट 

इस रेजिमेंट का गठन सन 1922 में किया गया था तब इसे ’17 डोगरा रेजिमेंट’ के तौर पर जाना जाता था. इस रेजिमेंट के जनरल निर्मल चंदर विज 1 जनवरी 2003 को सेना प्रमुख नियुक्‍त हुए और साल 2005 तक वो सेना प्रमुख रहे. डोगरा रेजिमेंट का युद्ध घोष ‘ज्‍वाला माता की जय’ है. 

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10- पंजाब रेजिमेंट 

‘पंजाब रेजिमेंट’, इंडियन आर्मी की सबसे पुरानी रेजिमेंट्स में से एक है. इसकी स्‍थापना ‘ब्रिटिश इंडियन आर्मी’ के तहत सन 1947 में हुई थी. ये रेजिमेंट अब तक कई युद्धों में हिस्‍सा ले चुकी है और हमेशा अजेय रही. पंजाब रेजिमेंट केयुद्ध घोष ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ और ‘बोल ज्‍वाला मां की जय’ हैं. 

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11- राजपूत रेजिमेंट 

‘राजपूत रेजिमेंट’ की स्थापना 1778 में हुई थी. इस रेजिमेंट में केवल राजपूत सैनिक ही नहीं, बल्कि गुर्जर, ब्राह्मण, बंगाली, मुस्लिम, जाट, अहीर, सिख और डोगरा जाति के युवा भी शामिल हो सकते हैं. राजपूत रेजिमेंट का युद्ध घोष ‘बोल बजरंग बली की जय’ है.

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12- महार रेजिमेंट 

‘महार रेजिमेंट’ भारतीय सेना की सबसे पुरानी इन्फेंट्री रेजिमेंट है. इसकी स्थापना 1941 में हुई थी. इसका गठन सिर्फ़ महाराष्‍ट्र के लोगों के लिए किया गया था, लेकिन आज इस रेजिमेंट में महाराष्‍ट्र, मध्‍य प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश और बिहार के सैनिक शामिल हैं. माहर रेजिमेंट का युद्ध घोष ‘बोलो हिंदुस्‍तान की जय’ है.

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13- ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट 

‘ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट’ ने दूसरे ‘एंग्‍लो-अफ़गान वॉर, तीसरे ‘बर्मा वॉर, प्रथम विश्‍व युद्ध और द्वितीय विश्‍व युद्ध के अलावा पाकिस्‍तान के ख़िलाफ़ 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में हिस्‍सा लिया था. ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट का युद्ध घोष ‘सर्वदा शक्तिशाली’ है.

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14- मराठा लाइट इंफ्रेट्री 

मराठा लाइट इन्फेंट्री 1768 से ही भारत की ताक़त बनी हुई है. मुगलों और ब्रिटिश शासकों के ख़िलाफ़ इस रेजीमेंट ने छत्रपति शिवाजी महाराज के नेतृत्‍व में बहादुरी का परिचय दिया था. मराठा लाइट इन्फेंट्री का युद्ध घोष ‘बोल श्री छत्र‍पति शिवाजी महाराज की जय’ है. 

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15- ब्रिग्रेड ऑफ़ द गार्ड्स 

‘ब्रिग्रेड ऑफ़ द गार्ड्स’ रेजिमेंट को इंडियन आर्मी के पहले फ़ील्ड मार्शल केएम करियप्‍पा के दिमाग़ की उपज माना जाता है. करियप्‍पा ने ही ‘ब्रिगेड ऑफ़ गार्ड्स’ की स्‍थापना की थी. ब्रिग्रेड ऑफ़ गार्ड्स का युद्ध घोष ‘गरुड़ का हूं बोल प्‍यारे’ है.

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