चीन की इस दूसरी दीवार से अंजान है आधी दुनिया, छुपे हैं कई प्राचीन राज़

Nripendra

विश्व के अन्य देशों की तरह ही चीन का अपना एक लंबा इतिहास है. यहां मौजूद प्राचीन इमारतें और भवन चीनी इतिहास के कई पन्नों को अपने अंदर समेटे हुए हैं. अपनी प्राचीन धरोहरों की वजह से चीन पर्यटन के क्षेत्र में भी आगे है. यहां मौजूद ‘Great Wall of China’ को विश्व की सबसे लंबी दीवार के रूप में जाना जाता है. यह एक ऐतिहासिक दीवार है, जिसे प्राचीन समय में बनाया गया था. लेकिन, जानकर हैरानी होगी कि चीन में एक और प्राचीन दीवार है, जिसके बारे में अधिकांश लोगों को नहीं पता. हमारे साथ जानिए चीन की एक और ऐतिहासिक दीवार के बारे में, जो अपने अंदर कई राज़ समेटे हुए है.  

सिटी वॉल ऑफ़ नानजिंग  

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यह ऐतिहासिक दीवार मौजूद है चीन के नानजिंग शहर में. यह दीवार क़रीब 600 साल पुरानी बताई जाती है. इस दीवार ने शहर का एक बड़ा हिस्से समेटा हुआ है. हालांकि, शहरी तरक़्क़ी के लिए इस दीवार के कई बड़े हिस्से को जगह-जगह से तोड़ा भी गया है. बता दें इसे मिंग राजवंश (1368–1644) द्वारा बनाया गया था. 

35 किमी से भी ज़्यादा लंबी   

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आपको बता दें कि चीन की यह दूसरी प्राचीन दीवार 35 किमी से भी ज़्यादा लंबी है. हालांकि, जानकारों का कहना है कि इस दीवार को 50 से लेकर 60 के दशक में पूरी तरह अनदेखा कर दिया गया था. यह दीवार 14 से 21 मीटर ऊंची है. वहीं, इसे बनाने में 21 साल लगे थे और 200,000 मज़दूरों का इस्तेमाल किया गया था.  

35 करोड़ से भी ज्यादा ईंटों का इस्तेमाल  

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जानकारों का कहना है कि इस प्राचीन दीवार को बनाने के लिए 35 करोड़ से भी ज्यादा ईंटों का इस्तेमाल किया गया था. बता दें कि दीवार की कई ईंटों पर उन्हें बनाने वाले का नाम भी अंकित है. वहीं, शुरुआत में इस दीवार के 13 द्वारों का निर्माण किया गया था, लेकिन मिंग राजवंश के अंत होते-होते 5 और नए द्वारों का निर्माण करवाया गया. 

विदेशी आक्रमण   

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बता दें कि जब जापान ने चीन पर हमला किया था, तब इस दीवार को गिराने की पूरी कोशिश की गई थी. लेकिन, जापानी सेना इस प्राचीन और विशाल दीवार को गिरा नहीं पाई थी.  

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शहर की तरक़्क़ी में इस्तेमाल 

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शहर की तरक़्क़ी के लिए समय-समय पर इसके कई हिस्सों को ढहाया गया. यहां से निकाली गईं ईंटों का इस्तेमाल सड़क व इमारतों के निर्माण में किया गया. चूंकि यह शहर में स्थित है, तो सब्ज़ियां बेचने के लिए यहां आने वाले किसान इस दीवार के पास ही बैठकर अपनी सब्ज़ियां बेचते हैं. दीवारों की ईंटों को टेबल व चेयर की तरह इस्तेमाल में लाते हैं.  

ईंटों का लौटाया गया 

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जैसा कि हमने बताया कि इस विशाल दीवार के कई हिस्सों से ईंटें निकालकर अलग-अलग इस्तेमाल में लाया गया. साथ ही दीवार की ईंटों को चुराया भी गया. वहीं, इस दीवार को बचाने के लिए एक अभियान शुरू किया गया, ताकि दीवार की ईंटों को वापस रखा जा सके. माना जाता है कि अब तक इस अभियान के तहत 80 हज़ार ईंटे वापस आ चुकी हैं.  

दीवार की मरम्मत 

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वर्तमान में दीवार की मरम्मत का काम किया जा रहा है. कई हिस्सों पर लोगों के बैठने की जगह भी बनाई गई है. इस दीवार को बचाने के लिए कई लोग आगे आए हैं. उनका मानना है कि हमें सिर्फ़ यह दीवार नहीं, बल्कि अपनी पूरी ऐतिहासिक विरासत को बचाना है.   

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