पता है, पता है…2020 बहुत मनहूस गया है. अब एक और साल इसी तरह झेलने की ताक़त नहीं है. ऐसे में बस यही उम्मीद की जा सकती है की 2021 इस रुक चुके जीवन को थोड़ी रफ़्तार देगा. हम तो बस भगवान से यही दुआ करेंगे की 2021 में ये मधुर स्वर सुनने को मिल जाएं.
पता है, पता है…2020 बहुत मनहूस गया है. अब एक और साल इसी तरह झेलने की ताक़त नहीं है. ऐसे में बस यही उम्मीद की जा सकती है की 2021 इस रुक चुके जीवन को थोड़ी रफ़्तार देगा. हम तो बस भगवान से यही दुआ करेंगे की 2021 में ये मधुर स्वर सुनने को मिल जाएं.
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