UPSC टॉपर प्रदीप सिंह मलिक: सरकारी स्कूल में पढ़ाई और नौकरी के बाद IAS बनने का सपना किया साकार

Nikita Panwar

IAS Pradeep Singh Inspiring Struggle Story: ज़िन्दगी में अगर कुछ कर गुज़रने की चाह हो, तो आगे आने वाली हर चुनौती आसान लगती है. अगर बात यूपीएससी परीक्षाओं को क्लियर करने की हो, तो उम्मीदवार उसके लिए बड़ी से बड़ी क़ुर्बानी देने तक के लिए तैयार हो जाते हैं. ऐसा ही कुछ हरियाणा के रहने वाले आईएएस प्रदीप सिंह मालिक (IAS Pradeep Singh Malik) ने भी कर दिखाया. आज हम जानेंगे की कैसे प्रदीप पढ़ाई और नौकरी दोनों एक साथ संभालते थे और इस दौरान उन्हें किन-किन चुनौतियों का सामना कर आईएएस बनने का सपना साकार किया.

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चलिए विस्तार से जानते हैं IAS Pradeep Singh की प्रेरणादायक कहानी के बारे में-

प्रदीप हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले हैं

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प्रदीप हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने टिवरी गांव के सरकारी स्कूल से सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी. जिसके बाद उनका पूरा परिवार सोनीपत शिफ़्ट हो गया और फिर 2008 में उन्होंने शंभू दयाल आधुनिक स्कूल (सोनीपत) से 12वीं और सोनीपत के मुरथल से दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी.

पढ़ाई और नौकरी का बनाया ज़बरदस्त संतुलन

प्रदीप ने बताया कि डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) की कोचिंग लेना शुरू कर दिया. जिसके सफलतापूर्वक उन्हें दिल्ली के आयकर टैक्स ऑफ़िस में नौकरी मिली. जिससे वो काफ़ी खुश थे. बता दें कि प्रदीप ने कुल 4 बार UPSC की परीक्षा दी थी.

वसंत कुंज से राजेंद्र नगर के बीच के रस्ते में पढ़ाई करते थे

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प्रदीप ने बताया, जब उन्होंने पहली बार टैक्स डिपार्टमेंट ज्वॉइन किया था. तब उनकी पहली पोस्टिंग वसंत कुंज में थी और वो रहते राजेंद्र नगर में रहते थे. ऑफ़िस से घर तक का सफ़र छोटा नहीं था. प्रदीप का रोज़ 1-2 घंटा सिर्फ़ यात्रा करने में निकल जाता था. प्रदीप ने बताया कि वो नौकरी छोड़ नहीं सकते थे. इसीलिए वो यात्रा के दौरान यूट्यूब के माध्यम से पढ़ाई करते थे और ऑफ़िस में भी लंच ब्रेक में वो पढ़ाई करते ही नज़र आते थे.

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कहते हैं न, जब आप किसी चीज़ को शिद्दत से चाहो, तो पूरी कायनात आपको उससे मिलाने की साज़िश में लग जाती है. ऐसा ही कुछ प्रदीप के साथ भी हुआ. उन्होंने बताया, “मैं अक्सर लंच से पहले ही अपना सारा काम ख़त्म कर लेता था. ताकि मैं पढ़ सकूं.” प्रदीप ने बताया, जिस दिन उनका काम जल्दी ख़त्म हो जाता था, उस दिन वो अपने सीनियर्स से कह देते थे कि उन्हें पढ़ाई करनी है और उनके सीनियर्स भी कभी उन्हें मना नहीं करते थे.

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इसी मेहनत का फल था कि उन्होंने इस परीक्षा में टॉप कर लिया. प्रदीप के अनुसार UPSC की परीक्षा पास करने के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. इसके बिना UPSC को क्लियर करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.

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