इतिहास का वो एकमात्र विमान हादसा जिसमें बचे हुए लोग मरे हुए लोगों को खाकर ज़िंदा रहे

Nripendra

विमान का निर्माण दुनिया के सबसे बड़े आविष्कारों में माना जाता है. इस एक आविष्कार ने विश्व की काया पलट कर रख दी. कई घंटों का सफ़र मिनटों में कर दिया. लेकिन, इससे जुड़ी एक बड़ी सच्चाई ये भी है कि जब विमान हादसा होता है, तो व्यक्ति के मरने का जोखिम कई गुणा बड़ जाता है. इतिहास में कई बड़े विमान हादसे हो चुके हैं, जिसमें बैठे सभी या अधिकतर यात्रियों को मौत को गले लगाना पड़ा. इनमें कुछ ऐसे भी हादसे हैं, जो अपनी कुछ अजीबो-ग़रीब घटनाओं के लिए काफ़ी चर्चा में रहे और इतिहास के पन्नों में अलग नाम दर्ज कराया. ऐसे ही एक विमान हादसे के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.  

Uruguayan Air Force Flight 571

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ये अजीबो-ग़रीब विमान हादसा जुड़ा है उरुग्वे एयरफ़ोर्स फ़्लाइट 571 से जिसे Miracle Flight 571 के नाम से भी जाना जाता है. ये विमान हादसा तब हुआ जब ये विमान उरुग्वे के मोंटेवीडियो से सैंटिआगो, चिली के अपने सफ़र में था. अपनी उड़ान के दौरान ये विमान एंडिज पर्वतों (Argentina) में जाकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. वो तारीख़ थी 13 अक्टूबर 1972 और समय था दोपहर के 3 बजकर 30 मिनट.

ख़राब मौसम  

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हादसे को लेकर ऐसा माना जाता है कि ख़राब मौसम की वजह से Fairchild FH-227D के को-पायलट ने बिना मशीनी रीडिंग के ग़लती से ये मान लिया था कि उनका विमान क्यूरिको पहुंच गया है. इसके बाद सैंटियागो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचने से पहले ही विमान तेज़ी से नीचे जाने लगा और जाकर चीली की सीमा के नज़दीक अर्जेटीना की पास की घाटी (एंडीज़) ये टकरा गया.  

बुरी तरह क्षतिग्रस्त  

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हादसा इतना ज़ोरदार था कि पहाड़ से टकराते ही विमान के दो पंख और पीछे वाला भाग क्षतिग्रस्त होकर कट गया. वहीं, बाकी का हिस्सा पहाड़ से नीचे जाकर गिरा. जहाज़ का मलबा समुद्र तल से 3 हज़ार 500 मीटर की ऊचाई पर जाकर अटक गया, जहां बचे हुए लोगों ने बेहद ठंड का सामना किया.

फंसे रहे पहाड़ों में

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बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस विमान में 45 लोग सवार थे, जिसमें से आधे लोग मारे गए थे. वहीं, हादसे में बचे लोग 72 दिनों तक पहाड़ों में फंसे रहे थे.  

मरे हुए लोगों को खाकर ज़िंदा रहे लोग

pantagraph

रिपोर्ट के अनुसार, इस विमान हादसे में 16 बचे लोगों को Rescue Team द्वारा सुरक्षित निकाल लिया था. वहीं, कहा जाता है कि वो उन बचे लोगों ने ख़ुद को ज़िंदा रखने के लिए मरे हुए लोगों का मांस खाया था, क्योंकि उनके पास जो भी कुछ खाने का सामान बचा था वो ख़त्म हो चुका था. अगर वो ऐसा नहीं करते, तो वो भूख से तड़प-तड़पकर मर जाते.   

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