भगवान गणेश को भी लेना पड़ा था स्त्री अवतार, पढ़ें ‘विनायकी’ से जुड़ा ये रोचक क़िस्सा

Abhay Sinha

क्या आपने कभी भगवान गणेश (Lord Ganesha) के स्त्री अवतार (Female Avatar Of Ganesha) के बारे में सुना है? आश्चर्य में पड़ गए न! जी हां, आप ही नहीं, ज़्यादातर लोगों के नहीं पता कि भगवान गणेश का स्त्री अवतार भी है और उससे जुड़ी एक बेहद रोचक कहानी भी. 

vedicfeed

Female Avatar Of Ganesha

तमिलनाडु कन्याकुमारी में थानुमलायन मंदिर है. 1300 साल पुराने इस मंदिर में एक पलथी मारे बैठी देवी की मूर्ति है, जिनके चार हाथ दिव्य आभूषणों और शस्त्रों से सजे हैं. ऊपरी बायें हाथ में कुल्हाड़ी और निचले बाएं हाथ में शंख. एक हाथ आशीष की मुद्रा में और एक हाथ में पुष्प है. मगर जब आप चेहरा देखते हैं, तो आपको ये भगवान गणेश लगेंगे. मगर असल में ये मूर्ति उनका स्त्री अवतार ‘विनायकी’ (Vinayaki) है. इन्हें विघ्नेश्वरी, गणेश्वरी या फिर गनेशी के नाम से भी जाना जाता है.

detechter

क्या है भगवान गणेश के स्त्री अवतार की कहानी

मादा हाथियों के समूह का नेतृत्व करने वाली देवी विनायकी का ज़िक्र मत्स्य पुराण में मिलता है. साथ ही, राजस्थान के रैरह में भी एक क्षतिग्रस्त टेराकोटा की मूर्ति मिली, जो कि 5वीं शताब्दी से भी पहले की है. देवी का एक और प्रतिनिधित्व ओडिशा के हीरापुर में तांत्रिक मंदिर चौसठ योगिनी में पाया जाता है. यहां वो 64 योगिनियों में से एक है, जो एक पवित्र स्त्री शक्ति है.

मगर सवाल ये है कि भगवान गणेश ने स्त्री अवतार क्यों लिया था? कहते हैं कि अंधक नाम का एक राक्षस, मां पार्वती को जबरन अपनी पत्नी बनाना चाहता था. उस वक़्त भगवान शिव ने उस पर हमला किया, मगर जैसे ही अंधक के ख़ून की बूंद ज़मीन पर गिरी तो हर जगह एक नई आसुरी शक्ति अंधका उत्पन्न हो गईं.

Twitter

ऐसा बार-बार हुआा. अंधक का ख़ून ज़मीन पर गिरते ही अंधका की संख्या बढ़ती जाती. देवी पार्वती को तब समझ में आया कि हर प्राणी में उसकी अवस्था के विपरीत एक ताकत है. यानी कि हर पुरुष में पौरुष (बल) के अलावा एक स्त्री की शक्ति भी है, जो करुणा और क्रोध दोनों जगाती है. अंधक ने इसे ही सिद्ध किया है और इसका दुरुपयोग कर रहा है.

देवी पार्वती ने हर देवता की स्त्री शक्ति को पुकारा

जब देवी पार्वती को ये बात समझ आ गई तो उन्होंने हर देवता की स्त्री शक्ति को पुकारा. उसके बाद विष्णु की योगमाया, ब्रह्मा की ब्राह्मी, शिव की शिवानी और वीर भद्र की भद्रकाली प्रकट हुईं. खुद देवी दुर्गा की दसों महाविद्याएं भी रण में आ गईं. इन सभी ने मिलकर अंधकाओं को मार गिराया, लेकिन अंधक का रक्त बहना जारी था.   

Twitter

ये भी पढ़ें: ऐसा क्या हुआ था जो कुंभकर्ण महीनों तक सोता ही रहता था? बेहद रोचक है ये क़िस्सा

Female Avatar Of Ganesha

ऐसे वक़्त में भगवान गणेश अपने स्त्री अवतार के साथ युद्ध में उतरे. उन्होंने अपने सूंड़ से अंधक का सारा रक्त एक बार में खींच लिया और उसे ज़मीन पर गिरने ही नहीं दिया. इस तरह अंधक का अंत हुआ. भगवान गणेश का ये अवतार बताता है कि स्त्री की शक्ति भी प्रकृति में पुरुष की शक्ति के बराबर ही मान्य है. थानुमलायन मंदिर इसी सोच को अपने में समेटे है.

आपको ये भी पसंद आएगा
बदलने जा रहा है ‘इंडियन एयरफ़ोर्स’ का नाम! क्या होगा नया नाम? जानिए इसके पीछे की असल वजह
जानते हो ‘महाभारत’ में पांडवों ने कौरवों से जो 5 गांव मांगे थे, वो आज कहां हैं व किस नाम से जाने जाते हैं
Ganesh Chaturthi 2023: भारत में गणपति बप्पा का इकलौता मंदिर, जहां उनके इंसानी रूप की होती है पूजा
ये हैं पाकिस्तान के 5 कृष्ण मंदिर, जहां धूमधाम से मनाई जाती है जन्माष्टमी, लगती है भक्तों की भीड़
क्या आप इस ‘चुटकी गर्ल’ को जानते हैं? जानिए कैसे माउथ फ़्रेशनर की पहचान बनी ये मॉडल
लेह हादसा: शादी के जोड़े में पत्नी ने दी शहीद पति को विदाई, मां बोलीं- ‘पोतों को भी सेना में भेजूंगी’