Vijayadashami Special: इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी. भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध करके माता सीता को उसकी कैद से बाहर निकाला था. तभी से इस दिन को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है. सालों से देशवासी हर्षोल्लास और विजय के इस पर्व को धूमधाम से सेलिब्रेट करते आ रहे हैं.
ये तो हुई दशहरा के बारे में मोटी और छोटी बात, पर असल मुद्दा ये है कि हम सब रावण को जितना बुरा समझते हैं, वो उतना बुरा भी नहीं था. रावण के अंदर बहुत सारी ख़ूबियां भी थीं, जिनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है. सिर्फ़ ख़ूबियां ही क्यों, उसकी ग़लतियों से भी हम बहुत कुछ सीख सकते हैं.
रावण की ज़िंदगी से क्या सीख सकते हैं:
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1. रावण को ख़ुद की ताकत और जीत पर बहुत घंमड था, जो बाद में चूर-चूर हो गया था. इसलिये अपनी उपलब्धियों पर कभी घंमड मत करिये.
2. अपने दुश्मन और विपक्षी को कभी छोटा समझने की भूल मत करिये.
4. लीडर बनने की चाह रखिये, तानाशाह मत बनिये.
5. सारथी, दरबार और भाई से दुश्मनी लेना महंगा पड़ सकता है.
6. चालाक बनना सही है, पर ज़िद्दीपन आपको ले डूबता है.
अब रावण की कुछ अच्छाईयों के बारे में भी जान लेते हैं:
1. रावण बहुत बड़ा ज्ञानी था, उसके पास बेइंतहा ज्ञान था. इसलिये रावण का वध करने के बाद भगवान राम ने लक्ष्मण से उसके पैरा का अंगूठा छूने के लिये कहा था, ताकि उसके ज्ञान का कुछ हिस्सा लक्ष्मण को मिल सके.
2. रावण शिवभक्त था और उसने ही शिव की स्तुति में तांडव स्तोत्र लिखा था.
3. वो राजनीति का ज्ञाता था. रावण ने राजनीति के कई गूढ़ रहस्य बताए थे.
4. वो एक अच्छा शासक था.
5. रावण की पांचवी अच्छाई ये थी कि वो सिर्फ़ पंडित ही नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक भी था. रावण ने आयुर्वेद, तंत्र और ज्योतिष के क्षेत्र में अहम योगदान दिया है.
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रावण की ज़िंदगी से ये अच्छी-बुरी चीज़ें सीख कर आप अपनी ज़िंदगी बेहतर बना सकते हैं.
विजयदशमी की शुभकामनाएं!