किस्सा : जब JRD Tata ने ख़ुद ही बदल दिया था हवाई जहाज़ का Toilet Paper

Nripendra

JRD Tata Birthday Special : दोस्तों, 29 जुलाई 1904 को भारत के सिरमौर JRD TATA का जन्म हुआ था. JRD TATA का पूरा नाम जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा था. यह नाम इतना ख़ास है कि इसके बगैर भारत के विकास की कहानी सुनाई नहीं जा सकती है. भारत को विश्व पटल पर एक नई पहचान दिलाने वाले टाटा ही थे. इनके ज़रिए ही भारत ने हवाई यात्रा का सपना पूरा किया. वहीं, ये टाटा परिवार ही था जिसने भारत में ताज जैसा आलीशान होटल खड़ा किया, जिसे आज विश्व का सबसे मजबूत होटल ब्रांड माना जाता है. 
अब आपको बताते हैं वो घटना, जो ये साबित करती है कि जे.आर.डी टाटा को एयर इंडिया से कितना प्यार था.

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टाटा एयरलाइंस 

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शायद बहुत लोगों को पता नहीं होगा कि एयर इंडिया की स्थापना (1932) जे.आर.डी टाटा ने ही की थी. उस वक़्त इसका नाम एयर इंडिया नहीं, बल्कि टाटा एयरलाइंस हुआ करता था. बाद में इसका नाम बदलकर एयर इंडिया किया गया और 1946 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था.

15 साल की उम्र में बैठे थे प्लेन में 

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जे.आर.डी टाटा को शुरू से ही एविएशन क्षेत्र में लगाव था. वो 15 साल की उम्र में अपना शौक़ पूरा करने के लिए पहली बार हवाई जहाज़ में बैठे थे. उस दौरान उन्होंने तय किया था कि वो पायलट बनेंगे.

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देश के पहले कमर्शियल पायलट  

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जे.आर.डी टाटा देश के पहले कमर्शियल पायलट थे. उन्हें 24 साल की उम्र में ही कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिल गया था.   

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पहली कमर्शियल फ़्लाइट  

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टाटा ने अपनी पहली कमर्शियल फ़्लाइट 15 अक्टूबर 1932 को भरी थी. वो सिंगल इंजन वाले ‘Havilland Puss Moth’ हवाई जहाज़ को अहमदाबाद से होते हुए कराची से मुंबई ले गए थे. इस फ़्लाइट में व्यक्तियों की जगह लगभग 25 किलो चिट्ठियां थीं. इन्हें ब्रिटेन के राजसी विमान ‘Imperial Airways’ द्वारा लंदन से कराची लगाया गया था.  

ख़ुद बदलने गए थे प्लेन में टॉयलेट पेपर

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कहते हैं कि जे.आर.डी टाटा का एयर इंडिया से इतना लगाव था कि उनकी नज़र प्लेन में हर छोटी-बड़ी चीज़ों पर रहती थी. इनमें यात्रियों के लिए दी जाने सेवा से लेकर क्रू मेंबर्स की ड्रेस भी शामिल थी. वहीं, सफ़र के दौरान वो कई बार टॉयलट भी चेक करके आते थे. एक बार वो प्लेन की टॉयलट में जाकर ख़ुद टॉयलेट पेपर बदलकर आ गए थे. उस दौरान उनके साथ RBI के पूर्व गर्वनर एल.के. झा सफ़र कर रहे थे.

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