दुनिया में ऐसी बहुत सी घटनाएं होती रहती हैं, जिन्हें सुनने के बाद हवाइयां उड़ जाती हैं. ऐसा सिर्फ़ इस दौर में ही नहीं हो रहा है, बल्कि इतिहास भी हमारा बहुत काला है उसकी भी कुछ तारीख़ और दिन इतने भयानक और वीभत्स हैं कि उन्हें याद करने से सिहरन होने लगती है. ऐसी ही एक तारीख़ है, 18 नवंबर 1978. इस दिन वो दर्दनाक कांड हुआ था, जो आज भी इतिहास में दर्ज है. दरअसल, एक शासक ने अपने अहंकार को बनाए रखने के लिए 914 लोगों को एक साथ जान लेने पर मजबूर कर दिया था.
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कम्युनिस्ट विचारधारा वाले इस शासक का नाम जिम जोंस (Jim Jones) था, जो ख़ुद को मसीहा मानता था. लोगों के बीच में मसीहा बने रहने के लिए 1956 में उसने Peoples Temple नाम के चर्च का निर्माण करवाया और वहां आने वाले लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने लगा. इस वजह से जिम के ख़ूब फ़ॉलोअर्स बन गए. जिम ने अपने चर्च को इंडियाना से कैलिफ़ोनिर्या के रेडवुड वैली में शिफ़्ट कर लिया, लेकिन अमेरकी सरकार की विचारधारा और जिम की विचारधारा अलग होने के चलते जिम ने साउथ अमेरिका के गुयाना में शिफ़्ट होने का फ़ैसला लिया और वो अपने अनुयायियों के साथ गुयाना शिफ़्ट हो गया. वहां जाने के बाद जिम के फ़ॉलोअर्स को जिम की सच्चाई पता चली कि वो वैसा नहीं जैसा दिखाता है.
गुयाना जाने के बाद वो लोगों पर अत्याचार करने लगा, उनसे 11 घंटे काम करवाने के बाद रात को स्पीकर पर ज़ोर-ज़ोर भाषण देता था, जिससे वो थकने के बाद सो भी नहीं पाते थे. जब अमेरिकी सरकार ने पीड़ितों को बचाने की कोशिश की तो जिम ने उन्हें अपने पाखंड में फंसा लिया और उन सबको ये बताया कि सरकार हम पर क्रूरता कर रही है और सभी से एक साथ आत्महत्या करने की अपील की.
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FBI को उसी अपील की ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली थी, जिसमें वो अपने भक्तों को डराते हुए कहता है,
हमें, हमारे धर्म को और हमारी इस जगह को सरकार से ख़तरा है. ये लोग पैराशूट से यहां आएंगे. हमें तड़पाएंगे और बच्चों को भी नहीं छोड़ेंगे. ये डर दिखाते हुए जिम सामूहिक आत्महत्या का ऐलान करता है.
इस भाषण के बाद, जिम के कहने पर एक बड़े से टब में अंगूर के फ़्लेवर वाले सॉफ़्ट ड्रिंक में सायनाइड और वेलियम जैसा ख़तरनाक ज़हर मिलाया गया. ये ज़हर वाला ड्रिंक सबसे पहले एक साल के बच्चे को पिलाया गया. इसके बाद पहले मांओं ने ज़हर पिया फिर बच्चों को ज़हर पिलाया. हालांकि, कुछ ऐसे लोग भी थे जिन्होंने जिम के आदेश को मानने से मना कर दिया और ज़हर नहीं पिया, उन 70 से ज़्यादा लोगों को ज़हरीले इंजेक्शन लगाए गए.
ज़हर पीने के बाद सभी लोग आंगन में इकट्ठा हो गए और जिम ने उनसे कहा कि मरते समय आप सब इज़्ज़त से मरो इसलिए उसने 45 मिनट तक भाषण दिया, जिसमें वो बार-बार कह रहा था 10 दिन की ज़िंदगी बहुत ज़ालिम है, इससे बेहतर है मर जाओ. फिर कुछ मिनटों में 909 लोग मौत की आगोश में चले गए.
इस सामूहिक हत्याकंड में 304 बच्चे और 605 व्यस्क थे. इन 909 के अलावा उसी दिन जिम के कहने पर 5 हत्याएं भी हुई थीं, जिसमें अमेरिकी सांसद रेयान और उनके साथ आए चार और लोगों की हत्या हुई थी. ये पूरी घटना ‘Jonestown Mass Suicide’ कहलाती है, ख़ुद को धर्मगुरू कहने वाला जिम जोंस 914 लोगों का हत्यारा था, लेकिन उसने ये ज़हर खुद नहीं पिया था. क्योंकि जब उसकी लाश मिली थी तो उसके सिर पर बुलेट का निशान था. कहा जाता है कि उसने किसी से कहकर अपने ऊपर गोली चलवाई थी.