जानिए कौन हैं RAW के नए चीफ़ IPS रवि सिन्हा, जो पड़ोसी देशों की नस-नस से वाकिफ़ हैं

Abhay Sinha

Who Is RAW New Chief IPS Ravi Sinha: सीनियर IPS अफ़सर रवि सिन्हा को RAW यानी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग का प्रमुख नियुक्त किया गया है. रवि सिन्हा मौजूदा चीफ़ सामंत गोयल की जगह लेंगे, जो 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. रवि सिन्हा दो साल तक इस पद पर रहेंगे. अभी तक वो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कैबिनेट सचिवालय में स्‍पेशल सेक्रेटरी के रैंक पर तैनात हैं. (RAW Chief Profile)

कौन हैं RAW के नए चीफ़ IPS रवि सिन्हा?

रवि सिन्हा 1988 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. वो बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की है. रवि सिन्हा ने साल 1988 में यूपीएससी की परीक्षा पास की और भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के तौर पर मध्य प्रदेश कैडर का हिस्सा बने. हालांकि, साल 2000 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने जब मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल इलाकों का काटकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया तो वो तकनीकी रूप से छत्तीसगढ़ कैडर में शामिल हो गए. (Who Is IPS Ravi Sinha)

Who Is RAW New Chief IPS Ravi Sinha

क़रीब 20 साल पहले उन्हें RAW में प्रतिनियुक्ति मिली थी. सिन्हा क़रीब दो दशक से भी अधिक समय से खुफिया एजेंसी के साथ जुड़े हुए हैं. इससे पहले वह रॉ के ऑपरेशनल विंग का नेतृत्व कर रहे थे.

क्यों ख़ास है IPS सिन्हा की प्रोफ़ाइल?

IPS रवि सिन्हा को पड़ोसी मुल्क़ों के मामलों को विशेषज्ञ माना जाता है. उन्होंने RAW में रहते हुए अलग-अलग डेस्क पर काम किया है. उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश, पूर्वोत्तर और देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर काम किया है. सिन्हा को जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों की गहराई से समझ के लिए जाना जाता है.

सिन्हा भूटान, हांगकांग, चीन और हेग में भी तैनात रहे हैं. उनके पास खालिस्तान मुद्दे के अलावा पाकिस्तान, म्यांमार और कश्मीर से जुड़े मामलों को संभालने का व्यापक अनुभव है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिन्हा पिछले छह वर्षों में पंजाब, जम्मू और कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद से संबंधित विभिन्न अभियानों का हिस्सा रहे हैं और उन्हें विभिन्न राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के साथ समन्वय करने का अनुभव है.

बता दें, IPS सिन्हा को RAW में टेक्नोलॉजी के प्रसार का श्रेय भी दिया जाता है. उनकी नियुक्ति ऐसे समय हो रही है, जब देश को खालिस्तान और मणिपुर में जातीय संघर्ष के रूप में तत्काल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि सिन्हा 30 जून से अपना पद संभालेंगे.

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