‘रामसे ब्रदर्स’ की वो 10 हॉरर फ़िल्में, जिन्हें देख कर सिनेमा हॉल में लोगों की सांसें थम जाती थीं

Maahi

10 Best Horror Movies By The Ramsay Brothers: भारत में एक्शन, कॉमेडी, रोमांटिक और थ्रिलर फ़िल्मों की तरह ही हॉरर फ़िल्मों को पसंद करने वालों की कोई कमी नहीं है. हिंदी सिनेमा में अब तक कई बेहतरीन हॉरर फ़िल्में बन चुकी हैं, जिन्हें दर्शकों ने ख़ूब पसंद किया है. 70 से 90 के दशक में जो मज़ा ‘रामसे ब्रदर्स’ की हॉरर फ़िल्मों को देखने में आता था वो मज़ा अब नहीं रहा. आज का दर्शक तमाम OTT प्लेटफॉर्म्स पर दुनिया भर की बेहतरीन से बेहतरीन हॉरर फ़िल्में देख लेता है. लेकिन 70 से 90 के दशक में जितनी भी बॉलीवुड हॉरर फ़िल्में रिलीज़ हुई उनमें से अधिकतर ‘रामसे ब्रदर्स’ की ही थी. ये कहना ग़लत नहीं होगा कि उस दौर में ‘रामसे ब्रदर्स’ बॉलीवुड पर एकछत्र राज करते थे.

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 चलिए जानते हैं ‘रामसे ब्रदर्स’ की 10 सबसे बेहतरीन हॉरर फ़िल्में कौन कौन सी थीं?

1- वीराना (1988) 

ये आज भी ‘रामसे ब्रदर्स’ की सबसे बेहतरीन हॉरर फ़िल्म मानी जाती है. इस फ़िल्म को देखना ही अपने आप में बहुत बड़ी बात होती थी. खासकर इसका वो डरावना म्यूज़िक अच्छे अच्छों की हालत ख़राब कर देता था. इस फ़िल्म में दुष्ट आत्मा से ग्रसित एक लड़की पुरुषों को बहकाने और मारने को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लेती है. वीराना में हेमंत बिर्जे, जैस्मिन धुन्ना, साहिला चड्ढा, कुलभूषण खरबंदा, सतीश शाह, गुलशन ग्रोवर और राजेश विवेक जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में थे. इसका निर्देशन श्याम रामसे और तुलसी रामसे ने किया था. 

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2- पुराना मंदिर (1984) 

‘रामसे ब्रदर्स’ की ये हॉरर फ़िल्म ‘समरी’ नामक एक शैतान उपासक के बारे में है, जिसका 200 साल पहले एक राजा ने सिर काट दिया था. इस राजा को लोगों को मारकर उनके सिर को एक बक्से में रखने की अजीब आदत होती है. लेकिन 200 साल बाद ‘समरी’ भूत बनकर फिर वापस लौट आता है. ये फ़िल्म उस दौर में 2.5 करोड़ की कमाई के साथ बॉक्स ऑफ़िस पर सुपरहिट साबित हुई थी. इसका निर्देशन भी श्याम रामसे और तुलसी रामसे ने किया था.

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3- तहखाना (1986) 

ठाकुर सुरजीत सिंह अपनी संपत्ति अपने बड़े बेटे रघुवीर को सौंप देते हैं और शैतान उपासक धुरजन के लिए कुछ भी नहीं छोड़ते हैं, धुरजन ख़ुद का बदला लेने की कसम खाता है और अपनी दो भतीजी सपना और आरती का अपहरण कर लेता है. इस फ़िल्म दर्शकों का ब्लैक मैज़िक हॉरर देखने को मिला था. इसका निर्देशन भी श्याम रामसे और तुलसी रामसे ने ही किया था.

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4- पुरानी हवेली (1989)

इस फ़िल्म में सुनील और अनीता नामक कपल की कहानी दिखाई गई थी. ये दोनों अपने कुछ दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए एक हवेली में आते हैं, लेकिन यहां आते ही एक के बाद एक सभी दोस्तों की मौत होने लगती है. अंत में सुनील राक्षस को मार डालता है और अनीता को बचाने सफ़ल रहता है. इसमें दीपक पराशर, अमिता नांगिया, नीलम मेहरा, विजय अरोड़ा, तेज़ सप्रू और सतीश शाह मुख्य कलाकार थे. इस फ़िल्म का निर्देशन भी श्याम रामसे और तुलसी रामसे ने किया था.

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5- डाक बंगला (1987) 

इस फ़िल्म में एक युवा जोड़ा बड़े से डाक बंगले (रेस्ट हाउस) में बंद हो जाते हैं. इस दौरान उन्हें रेस्ट हाउस के नीचे से एक अजीबो ग़रीब तरह की आवज़ सुनाई देती है. इसके बाद अचानक कहीं से एक आत्मा निकलती है और उन दोनों की हत्या कर देती है. इसका निर्देशन केशु रामसे ने किया था, जबकि निर्माता श्याम रामसे और तुलसी रामसे से थे. इस फ़िल्म में राजन सिप्पी, स्वप्ना, रंजीत, मज़हर ख़ान और मार्क जुबेर मुख्य भूमिकाओं में थे. 

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6- बंद दरवाज़ा (1990) 

इस हॉरर फ़िल्म की शुरुआत काली पहाड़ी में स्थित प्राचीन खंडहरों और पिशाच मानव ‘नेवला’ से होती है. नेवला, कुख्यात ड्रैकुला की तरह ही पिशाच है, जो दिन में अपनी नींद बंद ताबुत में पूरा करता है और रात में खूनी चमगादड़ में बदल पड़ोस गांव में इंसानों का शिकार करता है. इस फ़िल्म में मंजीत कुल्लर, कुनिका, अरुणा ईरानी, हशमत ख़ान और चेतना दास मुख्य भूमिकाओं में थे. इसका निर्देशन भी श्याम रामसे और तुलसी रामसे ने ही किया था.  

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7- अंधेरा (1975) 

इस हॉरर फ़िल्म में दिखाया गया है कि ठाकुर विजय सिंह एक अमीर और शक्तिशाली व्यक्ति है जो कविता से शादी करता है. शादी के बाद से ही कविता मेमोरी लॉस का अनुभव करती रहती है, लेकिन ठाकुर विजय सिंह की ज़िंदगी में तब मोड़ आता है जब कविता एक अंधेरी आत्मा से परेशान हो जाती है. इस फ़िल्म का निर्देशन अजित अस्थाना ने किया था, जबकि श्याम रामसे और तुलसी रामसे इसके निर्माता थे.  

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8- सामरी (1985) 

इस फ़िल्म में एक शैतान उपासक को लालची रिश्तेदारों द्वारा मार दिया जाता है जो उसकी संपत्ति पर नज़र गड़ाए हुए हैं. इसके बाद एक-एक करके इन सभी की दर्दनाक मौत होने लगती है. इस फ़िल्म में राजन सिप्पी, पुनीत इस्सर, आशा सचदेव मुख्य भूमिकाओं में नज़र आये थे. इसका निर्देशन भी श्याम रामसे और तुलसी रामसे ने ही किया था.  

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9- और कौन? (1979) 

ये ‘रामसे ब्रदर्स’ की पहली बड़ी और दमदार हॉरर फ़िल्म थी. ये फ़िल्म बॉक्स ऑफ़िस पर हिट साबित हुई थी. ‘और कौन? फ़िल्म का संगीत बप्पी लाहिड़ी ने दिया था. इसका शीर्षक गीत लता मंगेशकर ने अपनी सुरीली धुन में गाया था. इस फ़िल्म का निर्देशन भी श्याम रामसे और तुलसी रामसे ने ही किया था.  

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10- दो गज़ ज़मीन के नीचे (1972) 

साल 1972 में रिलीज़ हुई इसी हॉरर ड्रामा फ़िल्म से शुरू हुआ था ‘रामसे ब्रदर्स’ का सफ़र. 70 के दशक में शुरू हुआ ‘रामसे ब्रदर्स’ का ये सफ़र 90 के दशक तक जारी रहा. इस फ़िल्म में सुरेंद्र कुमार, पूजा, इम्तियाज और शोभना जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में थे. इसका निर्देशन आर. तुलसी श्याम ने किया था. इसके निर्माता श्याम रामसे और तुलसी रामसे थे.

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बॉलीवुड में ‘रामसे ब्रदर्स’ ने हॉरर जॉनर में ऐसा मुकाम बनाया था कि अजय देवगन अब उनके जीवन एक वेब सीरीज़ बनाने जा रहे हैं. इसे 2021 के अंत में रिलीज़ करने की योजना है. इसके बनने के बाद वो युवा भी रामसे ब्रदर्स को जानेंगे जिन्होंने रामसे की फिल्में नहीं देखी हैं. 

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इनमें से आपको ‘रामसे ब्रदर्स’ की सबसे डरावनी फ़िल्म कौन सी लगी थी?

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