सूफ़ी संगीत भारत में बहुत लोकप्रिय रहा है. इसमें सुकून है, तलाश है, बिछड़न भी ही और भक्ति भी. सूफ़ी म्यूजिक को इस जनरेशन के लिए पॉप म्यूजिक का फ्लेवर मिलाने का काम किया कैलाश खेर ने.
कैलाश खेर की आवाज़ जहां भी सुनाई दे, अलग पहचानी जाती है और उससे हर इंसान कनेक्ट कर पाता है. पूरी तरह से तो नहीं, लेकिन ये जनरेशन अगर सूफ़ी गानों को समझ पायी है, तो कैलाश खेर की आवाज़ की वजह से.
कैलाश खेर की आवाज़ के कुछ अनमोल मोती आपके सामने रख रहे हैं. इन्हें सुन लीजिये, दिन बन जाएगा: