अगर पंकज त्रिपाठी की फ़िल्म ‘कागज़’ नहीं देखी है, तो ये 7 वजहें देखने पर मजबूर कर देंगी

Akanksha Tiwari

इधर 2021 की शुरूआत हुई और उधर ZEE5 पर पंकज त्रिपाठी स्टारर फ़िल्म ‘कागज़’ रिलीज़ हो गई. फ़िल्म की कहानी एक ऐसे शख़्स की कहानी है, जो ज़िंदा होकर भी ‘कागज़’ पर मृत साबित हो चुका है. वो आदमी जो ज़िंदा होकर ख़ुद के ज़िंदा होने का सबूत दे रहा है. अब तक जिस किसी ने फ़िल्म देखी है तारीफ़ करते नहीं थक रहा. दर्शकों से मिले इसी रिव्यू के कारण हमने भी फ़ौरन फ़िल्म देखने की ठानी. इसके बाद समझ आया कि आखिर लोग एक-दूसरे को ये फ़िल्म देखने की सलाह क्यों दे रहे हैं.

indianexpress

हम फ़िल्म Spoiler बन कर आपका मूड ख़राब नहीं करेंगे, पर फ़िल्म आपको क्यों देखनी चाहिये इसकी कुछ वाजिब वजहें ज़रूर बता देते हैं.

1. पंकज त्रिपाठी

फ़िल्म देखने की सबसे पहली वजह पंकज त्रिपाठी हैं. क़सम से वो एक ऐसे कलाकार हैं, जो किसी भी किरदार को घोल कर पी जाते हैं. फ़िल्म में उन्होंने बैंड मास्टर लाल बिहारी के रोल को भी कुछ ऐसा ही निभाया. फ़िल्म देख कर ऐसा लग रहा था कि जैसे लाल बिहारी ख़ुद पर्दे पर अपनी कहानी बताने आ गये हों. सच में पंकज त्रिपाठी की दमदार अदाकारी का नज़ारा देखने के लिये ये फ़िल्म ज़रूर देखनी चाहिये.

2. कहानी असली है 

अगर आप बॉलीवुड की मनगढ़त कहानियों से परेशान हैं, तो आपको किसी की असल ज़िंदगी पर बनाई गई ‘कागज़’ देखनी चाहिये. फ़िल्म की कहानी आपको एक पल के लिये भी बोर महसूस नहीं करायेगी. इसके साथ ही दर्शकों को कुछ देसी और रोमांचक देखने को मिलेगा.

zee5

3. सतीश कौशिक का डायरेक्शन 

लंबे समय बाद सतीश कौशिक ने कोई फ़िल्म डायरेक्ट की और उसमें सफ़ल रहे. ये कहना ग़लत नहीं होगा कि सतीश कौशिक ने फ़ि्ल्म का बेहतरीन निर्देशन किया और दर्शकों तक एक-एक शॉट बारीक़ी से पहुंचाया. अगर कहानी अच्छी हो और डायरेक्शन बकवास तो फ़िल्म देखना बोरिंग हो जाता है. पर ‘कागज़’ के साथ ऐसा नहीं है. कहानी और डायरेक्शन दोनों ज़बरदस्त है.

indianexpress

4. फ़िल्म सरकारी तंत्र की ख़ामियों को दर्शाती है

‘कागज़’ देखने के बाद एक चीज़ तो आपको साफ़ समझ आ जायेगी कि सरकारी काम, सरकारी ही होता है. सरकारी सिस्टम की लापरवाही एक आम आदमी की ज़िंदगी बर्बाद कर सकती है और इस बात को फ़िल्म में बाख़ूबी से रखा गया है. सरकारी तंत्र को लेकर जो बातें हम और आप आपस में करते हैं. उन्हीं कमियों को फ़िल्म के ज़रिये समाज के सामने रखा गया है.

koimoi

5. लोग सलमान को कह रहे हैं शुक्रिया

आपको बता दें कि फ़िल्म के प्रोड्यूसर सलमान ख़ान हैं. सतीश कौशिक ने जब सलमान ख़ान को फ़िल्म की कहानी सुनाई और बताया कि लीड रोल में पंकज त्रिपाठी रहेंगे, तो सलमान ख़ान ने फ़ौरन हां कर दिया. सोचिये अगर फ़िल्म को अच्छा प्रोड्यूसर न मिलता, तो हमें अच्छी फ़िल्म कैसे मिलती.

thehansindia

6. पंकज त्रिपाठी के लिये नेशनल अवॉर्ड की मांग 

फ़िल्म में पंकज त्रिपाठी ने ज़बरदस्त रोल निभाया, जिसके लिये फ़ैंस उन्हें नेशनल अवॉर्ड देने की मांग कर रहे हैं. अगर उन्हें फ़िल्म के लिये नेशनल अवॉर्ड मिलता है, तो उससे अच्छी बात क्या होगी!

amarujala

7. एक गैर-ग्लैमरस पृष्ठभूमि 

कमाल की बात है कि फ़ि्ल्म में कोई ग्लैमरस रोल या फिर धमाकेदार गाना नहीं है. इसके बावजूद फ़िल्म संमा बांधने में सफ़ल होती है और यही चीज़ उसकी ख़ासियत है.

newindianexpress

अब आप बताइये इतनी ख़ूबियां जानने के बाद कौन होगा, जो फ़िल्म नहीं देखना चाहेगा. अगर अब तक आपने फ़िल्म नहीं देखी है, तो जल्दी से देख डालिये और कमेंट में रिव्यू दीजियेगा. 

आपको ये भी पसंद आएगा
जानिए आख़िर क्या वजह थी, जब 53 साल पहले सरकार ने बैन कर दिया था ‘Dum Maro Dum’ सॉन्ग
2024 में बॉलीवुड के ये 7 स्टार्स इंडस्ट्री में करने जा रहे हैं धमाकेदार कमबैक
Year Ender 2023: ‘डंकी’ और ‘सालार’ ही नहीं, इस साल इन फ़िल्मों की भी हुई थी बॉक्स ऑफ़िस पर टक्कर
‘Salaar’ ने एडवांस बुकिंग में तोड़ा ‘Dunki’ का रिकॉर्ड, USA में हुई ताबड़तोड़ एडवांस बुकिंग
ऋषि कपूर और नीतू कपूर का 43 साल पुराना वेडिंग कार्ड हुआ Viral! जानिए कैसी थी उनकी प्रेम कहानी
पहचान कौन! वो साउथ इंडियन एक्ट्रेस जिसे डायरेक्टर ने बोला दिया था कि पहले “लड़कियों जैसी लचक लाओ”