एक टाइम था जब इंडियन टेलिविज़न के हॉरर शोज़ से सही में डर लगता था. सफ़ेद पुते चेहरे वाले भूत, जोकर, उड़ते फ़र्नीचर, तेज़ आवाज़ें, कोई कितना भी तीस मार खां बने, डर सबको लगता था. ज़िद करके शो तो देख लेते थे उसके बाद अकेले नींद न आना, टॉर्च लेकर सोना, पानी बिना पिए सोना ताकि बाथरूम न जाना पड़े जैसे हथकंडे अपनाते थे.
1. आहट
इसका तो बैकग्राउंड म्यूज़िक ही डराने के लिए काफ़ी था. ये शो 1996 में टीवी पर आया. अपनी कहानियों के लिए ये इंडियन दर्शकों के बीच काफ़ी मशहूर था.
2. शशशश… कोई है
शशशश… कोई है और शशशश… फिर कोई है स्टार प्लस पर आते थे. इस शो के भूत-प्रेत वगैरह काफ़ी ज़्यादा रियल लगते थे.
3. ज़ी हॉरर शो
इसमें जावेद ख़ान, आजिंक्य देव, अर्चना पुरन सिंह थे और इन्हें इस शो से नाम और शौहरत मिली. इस शो ने इतना डराया कि पैंट गिली हो जाए!
4. वो
जोकर याद है, ख़तरनाक हंसी वाला? मने लाइट बंद करके सोना मुश्किल हो जाता था. इस शो को आशुतोष गोवारिकर ने डायरेक्ट किया था और ये कहानी थी 7 टीनेजर्स की. इस शो में श्रेयस तलपड़े भी थे.
5. अचानक 37 साल बाद
एक छोटे कस्बे की कहानी थी और हर 37 साल बाद वहां होने वाली अनहोनियों को इस शो में दर्शाया गया था. ये शो सोनी पर आता था.
6. क्या हादसा क्या हक़ीक़त
ये शो एक आम लड़की के इर्द-गिर्द घूमता था. इसमें राजीव खंडेलवाल लीड रोल में थे. बोरिंग सी लाइफ़ में सही थ्रिल डाला था सोनी पर आए इस शो ने.
7. मानो या न मानो
ये Ripley’s Believe It Or Not से प्रेरित था. इस शो को इरफ़ान ख़ान होस्ट करते थे और ये शो दिमाग़ की बैंड बजा देता था.
8. अनहोनियों का अंधेरा
इस शो को विक्रम भट्ट ने प्रोड्यूस किया था. ये कहानी है एक परिवार की जिन्हें भूत-प्रेत और आत्माएं महसूस होती हैं. ये परिवार इस सब से कैसे निकलता है, ये कहानी इसी पर आधारित थी. ये कलर्स पर आता था.
कोई फिर से इन शोज़ को वापस लाओ यार!