ये हैं वो 10 अनमोल चीज़ें जिनसे कभी घिरा रहता था हमारा बचपन, अब देखने को तरसती हैं आंखें

Abhay Sinha

बदलता वक़्त बहुत कुछ बदल देता है. कल, आज और कल, हर पल समय के साथ बदल जाता है. आज जो हमारा सच है, वो आने वाले कल में बीते कल की याद का महज़ एक हिस्सा रह जाता है. 

ये हर उस चीज़ पर लागू होता है, जो हमारे आसपास मौजूद है. इसमें वो छोटी-छोटी चीज़ें भी शामिल हैं, जिन्हें हम अपने घरों में हर रोज़ इस्तेमाल करते थे. आज हम कुछ ऐसी ही चीज़ों का ज़िक्र करेंगे, जिन्हें देखकर आपको अपना बचपन एक बार फिर याद आ जाएगा.

1. लकड़ी की मथनी या मथानी, गर्मियों में इससे दही फ़ेटकर मस्त लस्सी तैयार करते थे.

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2. इस चारपाई पर पसरने में जो मौज थी, उसका कोई तोड़ नहीं है.

3. गर्मियों में इस चटाई को छत पर बिछाकर लंबलेट हो जाते थे. फिर फर-फर हवा के बीच सर-सर नींद आती थी.

4. मां इस अचारदानी की ऐसे हिफ़ाजत करती थी, जैसे इसमें अचार नहीं ख़ज़ाना रखा हो.

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5. इस मटके से पानी पीने का तो मज़ा आता ही था, साथ में जो मिट्टी के सुगंध आती थी, भाई उसका कोई जवाब ही नहीं.

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6. जब पिता जी लतियाने को ढूंढते थे, तब कमरे में बनी इसी दुछत्ती में शरण लेनी पड़ती थी.

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7. इस अंगीठी में हाथ तापने के साथ-साथ आलू और शकरकंद भी भून लिया करते थे.

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8. पता नहीं घरवालों को क्यूं लगता था कि उनका बच्चा इस टेबल फ़ैन में उंगली देने के लिए ही पैदा हुआ है.

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9. बच्चे छत पर पतंग न उड़ा सकें, इसलिए मां-बाप सीढ़ी ही ग़ायब कर दिया करते थे.

10. अमृतांजन बाम, पीले रंग की ये छोटी सी जादूई शीशी तो याद ही होगी.

याद आ गया न बचपन?

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