90s News Readers: 90 का दशक बिल्कुल अलग दौर था, उस दौर में हर तरफ़ प्यार ही प्यार और अपनापन था. फिर चाहे वो खेल में हो या झगड़े में. टीवी पर आने वाले प्रोग्राम भी काफ़ी मनभावन थे. इतने साल बाद भी अगर किसी सीरियल, कार्टून या फिर न्यूज़ एंकर की आवाज़ सुन लो तो पुराने दिन वापस से याद आ जाते हैं. सब कुछ सच था, झूठ या मिलावट नहीं थी. वीडियो गेम, कार्टून से लेकर टेलीविज़न शो तक 90 का दशक हमारी ज़िंदगी का वो पन्ना है जिसने हमें रोना, हंसना, मज़ाक करना सबकुछ सिखाया. इसके अलावा, अगर बात करें न्यूज़ चैनल्स की तो आज के मुक़ाबले पहले न्यूज़ लोगों को सुनने में अच्छा लगता था क्योंकि न्यूज़ एंकर बहुत ही सधे और धीमे लहज़ें में न्यूज़ पढ़ते थे. इसलिए पापा हों या दादा जी सभी न्यूज़ के लिए समय ज़रूर निकालते थे.
90 के दशक के न्यूज़ रीडर (90s News Readers) की सादगी और सरल व्यवहार ने ही उन्हें आज तक हमारे दिलों में बसाकर रखा है. आइए एक बार फिर उन न्यूज़ रीडर के बारे में जानते हैं और यादें ताज़ा करते हैं.
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1. शम्मी नारंग (Shammi Narang)
IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट, शम्मी नारंग ने Voice of America के हिंदी-विभाग में अपनी पहली नौकरी की. आख़िरकार, वो 1970-80 के दशक के दौरान दूरदर्शन में न्यूज़ रीडिंग करना शुरू किया. दिल्ली मेट्रो में यात्रा के दौरान आप जो गहरी बैरिटोन सुनते हैं, उसके पीछे भी शम्मी नारंग ही हैं. इन दिनों, वो नए और आने वाले पत्रकारों और वॉइस-ओवर कलाकारों को ट्रेनिंग देते हैं.
2. शोभना जगदीश (Shobhana Jagdish)
शोभना जगदीश लोकप्रिय न्यूज़ रीडर्स में से एक थीं. अपने बालों को बड़े करीने से जूड़े में बांधे हुए, साड़ी पहनकर और समाचार बुलेटिन पढ़ने के तरीक़े के साथ शोभना जगदीश ने समाचार पढ़ते समय हर किसी का ध्यान अपनी तरफ़ खींचा था.
3. सुनीत टंडन (Sunit Tandon)
अगर किसी को अंग्रेज़ी भाषा का उच्चारण या लहज़ा सीखना होता था तो सुनीत टंडन से बेहतक कौन सकता है. इंग्लिश न्यूज़ पढ़ने वाले बेहतरीन रीडर ते सुनीत टंडन. ये 2007 तक दूरदर्शन से न्यूज़ रीडर के तौर पर जुड़े रहे इसके बाद, भारतीय जनसंचार संस्थान, दिल्ली के निदेशक के रूप में कार्य किया.
4. अविनाश कौर सरीन (Avinash Kaur Sarin)
अविनाश कौर सरीन एक प्रस्तुतकर्ता के रूप में दूरदर्शन से जुड़ीं, लेकिन आगे चलकर मुख्य न्यूज़कास्टर बन गईं. वो एशियाई संस्कृति पर अपने डॉक्यूमेंट्रीज़ के लिए भी जानी जाती हैं.
5. सरला माहेश्वरी (Sarla Maheshwari)
दूरदर्शन की सबसे शांत और शालीन महिलाओं में से एक सरला माहेश्वरी को आप सादगी की मूरत कह सकते हैं. इन्हें सादगी, सरल और शिष्टता से न्यूज़ पढ़ने के लिए जाना जाता है.
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6. नीलम शर्मा (Neelam Sharma)
नीलम शर्मा का त्रुटिहीन हिंदी उच्चारण हमारा ध्यान खींचने के लिए काफ़ी था. लेडी श्री राम कॉलेज और जामिया मिलिया इस्लामिया की पूर्व छात्र नीलम शर्मा उन पहले न्यूज़ रीडर्स में से एक थीं जिन्होंने हम सबको डीडी समाचार से जोड़ा.
7. वेद प्रकाश (Ved Prakash)
हमारे समय के एक अन्य फ़ेमस न्यूज़ रीडर वेद प्रकाश दूरदर्शन के एक प्रसिद्ध वॉइस आर्टिस्ट थे. इन्होंने ‘Student Today’ के मुख्य संपादक के रूप में भी काम किया और प्रमुख समाचार पत्रों और पत्रिकाओं के लिए 100 से अधिक लेख लिखे.
8. नीति रविंद्रन (Neethi Ravindran)
नीति रवींद्रन की एक अनोखी आवाज़ थी जिसे आप तुरंत पहचान सकते थे. उन दिनों में जब हर जगह समाचार चैनलों की भरमार नहीं थी, उन्होंने ही 1997 में मदर टेरेसा की मृत्यु की न्यूज़ पेश की थी. इन्होंने ही विदेश मंत्रालय के लिए एक पुरस्कार विजेता डॉक्यूमेंट्री ‘Fifty Years of India’s Independence’ बनाई थी.
9. विनोद दुआ (Vinod Dua)
दूरदर्शन के साथ विनोद दुआ का जुड़ाव 1975 में युवा मंच के साथ शुरू हुआ, जो युवाओं के लिए एक हिंदी प्रोग्राम है. इनकी लोकप्रियता तब बढ़ गई जब उन्होंने 1984 में डॉ. प्रणय रॉय के साथ चुनाव विश्लेषण कार्यक्रम का सह-संचालन किया. तब से, उन्हें घर-घर में पहचान मिल गई. विनोद दुआ अभी भी मीडिया से जुड़े हैं और उनकी बेटी मल्लिका दुआ भी एक लोकप्रिय इंटरटेनर हैं.
10. रिनी सिमोन खन्ना (Rini Simon Khanna)
केरल में एक भारतीय वायु सेना अधिकारी के घर जन्मी रिनी सिमोन खन्ना एक प्रसिद्ध न्यूज़ रीडर थीं, जो 1985 से 2001 तक दूरदर्शन से जुड़ी रहीं. दिल्ली मेट्रो में जो फ़ीमेल वॉइस है वो इन्हीं की है.
वो दिन वापस कौन-कौन चाहता है, फटाफट कमेंट करके बताओ.