90s Pakistani TV Shows : इस बात में कोई दो राय नहीं है कि 90s और 80s का टाइम आइकॉनिक था. उस टाइम की फ़िल्में और टीवी शोज़ की आज भी बात करने बैठो, तो दिल में नास्टैल्जिया की फ़ीलिंग घेरा बना लेती है. भारतीय के अलावा ऐसे कई पाकिस्तानी टीवी शोज़ भी थे, जो उस दौर में काफ़ी पॉपुलर थे.
आइए आपको 80s और 90s के उन्हीं पाकिस्तानी टीवी शोज़ के बारे में बताते हैं.
1. अनकही (1982)
अपने बेहतरीन डायलॉग और शहनाज़ शेख़ द्वारा निभाए गए मज़बूत कैरेक्टर के लिए पहचाने जाने वाले इस शो ने काफ़ी जल्दी कल्ट स्टेटस पा लिया था. इसमें शकील, जावेद शेख़, बेहरोज़ सब्ज़वरी और जमशेद अंसारी ने भी लीड रोल निभाया था. इसकी कहानी इतनी उम्दा थी कि इससे प्रेरित होकर बॉलीवुड में साल 2000 में ‘चल मेरे भाई‘ नाम की मूवी रिलीज़ की गई थी.
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2. धूप किनारे (1987)
पाकिस्तानी टीवी की दो सबसे प्रशंसित महिलाओं में से एक हसीना मोइन और साहिरा काज़मी द्वारा लिखा गया ये टीवी सीरियल धूप किनारे को आज भी पाकिस्तान के बेस्ट सीरियल्स में से एक कहा जाता है. इसमें कराची में एक साथ काम करने वाले डॉक्टर्स की कहानी दिखाई गई है, जिसका कैरेक्टर मरीना ख़ान और राहत काज़मी ने निभाया था.
3. ऐनक वाला जिन (1993)
टीवी शो ‘ऐनक वाला जिन’ साइंस, फ़ैंटेसी और फ़िक्शन का बेहतरीन कॉम्बिनेशन था. इसमें काकेशस पहाड़ों से एक जिन धरती पर भेजा जाता है, ताकि वो अपनी आंख की रोशनी सही करवा सके और यहीं से एडवेंचर की शुरुआत होती है. ये शो बहुत जल्द घर-घर में फ़ेमस हो गया था. इसके कैरेक्टर्स हमून जादूगर, ज़कूटा जिन और बिल बटोरी का नाम भी लोगों की जुबां पर चढ़ गया था.
4. तन्हाइयां (1985)
इस टीवी शो को कई बार अपनी पॉपुलैरिटी की वजह से एयर किया गया था. उस दौरान पहली बार किसी टीवी शो में ऐसा देखा गया था कि पेरेंट्स की मृत्यु होने के बाद दो बहनें वो सारे काम संभाल रही हैं, जो उस दौरान आदमी किया करते थे. उदाहरण के तौर पर जॉब करना, बिज़नेस चलाना और पैसे कमाना. 27 साल के बाद इस शो का सीक्वल ‘तन्हाइयां 2‘ भी 2012 में एयर किया गया था.
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5. अल्फ़ा ब्रावो चार्ली (1998)
शोएब मंसूर द्वारा डायरेक्ट किया गया ये टीवी शो इतना पॉपुलर था कि इसकी पाकिस्तान में छप्परफाड़ TRP थी. इसमें एक तीन यंग और ख़ुशहाल दोस्तों की कहानी दिखाई जाती है, जिन्होंने आर्मी ज्वाइन की है और वो जुनूनी और उद्देश्यपूर्ण ज़िन्दगी जीने का बेहद महत्वपूर्ण तरीक़ा बताते हैं.
6. वारिस (1980)
ये टीवी सीरियल एक सामंती परिवार की कहानी, उनके स्ट्रगल्स और उनके फ़ैमिली के भीतर मतभेदों के बारे में है, जो उनके पतन का कारण बनते हैं. हालांकि, इसके सिर्फ़ 13 एपिसोड ही थे, लेकिन ये आज भी लोगों की मेमोरी में फ़्रेश है.
7. आंच (1993)
ये टीवी शो समय से काफ़ी आगे था. इसकी कहानी एक अमीर बिज़नेसमैन जलीस के इर्द-गिर्द थी, जिसकी पत्नी असमा ने उसके परिवार को छोड़ दिया है, क्योंकि उसे विदेश में अच्छी नौकरी मिल गई है. इसके बाद जलीस दोबारा शादी करता है, लेकिन चीज़ें ठीक नहीं होतीं, क्योंकि उसके बच्चे और उनकी सौतेली मां को एक-दूसरे को एक्सेप्ट करने में काफ़ी वक़्त लगता है. उस दौरान तलाक़, दोबारा शादी जैसे मुद्दे टीवी पर दिखाने के लिए काफ़ी बोल्ड माने जाते थे.
ये पाकिस्तानी टीवी शोज़ आइकॉनिक हैं.